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स्त्री विमर्श की किताबें

Feminism books in hindi

स्त्री विमर्श से जुड़े सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारे संग्रह में स्त्रियों पर पुरूष लेखकों के नजरिये के अलावा स्त्री लेखिकाओं का स्वीकरण भी है। यहां स्त्री विशेष समस्याओं के निवारण से ले कर उनके हितों से जुड़े सामग्री का बड़ा संग्रह है। तो जानते हैं स्त्रियों पर स्त्रियों का स्वघोष।
तू मेरा हो जाए...

अर्ज किया है : " फुर्सत के पल तेरे साथ बिताए बहुत पर दिल चाहता है, ये वक्त आज यहीं ठहर जाए मोहब्बत भरी नजरों में तेरे बस मैं यूं ही डूब जाऊं मांगू खुदा से तेरे चेहरे की खुशी और काश ! तू मेरा हो जाए "....✍️ धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐

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तवायफ़

तवायफ की जिंदगी को उजागर करतीं.... एक बेहद संवेदनशील और विचारणीय... कहानी....।।।। एक ऐसी लड़की की कहानी.... जो चाहतीं कुछ थी और मिला कुछ...।।।

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मेरे गांव की दुल्हन

यह किताब मेरी कुछ चुनी हुई कहानियों का संग्रह है । इस संग्रह में स्त्री विमर्श को लेकर कुछ कहानियां रची गयी है । आशा है यह संग्रह आपको पसन्द आएगा और सभी प्रिय पाठक मुझे उत्साहित करेंगे । धन्यवाद

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6 अप्रैल 2022
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नकटौरा

मूर्धन्य कथाकार चित्रा मुद्गल का यह पांचवां उपन्यास भी कथ्य और ट्रीटमेंट के स्तर पर एक नवीन कथा–धरती का निर्माण करता है । जैसा इस उपन्यास के शीर्षक से जाहिर है, यह स्त्रियों को मिलने वाली एक रात की स्वायत्तता के प्रसंग से प्रेरित अवश्य है किन्तु कथाक

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2 जुलाई 2022
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कैसी ये जिन्दगी

इस उपन्यास में - 25 भाग है यह उपन्यास एक स्त्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। लेखिका - ममता-यादव (प्रान्जलि काव्य) पूर्णतः मौलिक व स्वरचित तथा सर्वाधिकार सुरक्षित रचना

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25 अध्याय
5 फरवरी 2022
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औरत के लिए औरत

इन लेखों में जीवन की आंच भी है और आस भी कि स्वयं नारी अपने प्रति होते हुए अत्याचारों और शोषण का रुख बदलेगी.. पुस्तक में सिर्फ महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचारों और हिंसा का उल्लेख्य है, उन्होंने कहीं भी कामयाबी की सीढ़िया चढ़ रही महिलाओं का जिक्र नही क

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7 जुलाई 2022
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जीवन के संघर्ष

जीवन के वो पल जिन्हें हम रोज जीते हैं, उन्हीं भावनाओं को शब्द देने का प्रयास है यह किताब।

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प्रेम - एक करूणा

पहला प्रेम कुछ शिशुवत होता है ,जिस प्रकार एक शिशु के लिए उसकी माँ से अत्यधिक कुछ और महत्वपूर्ण नही होता ठीक उसी तरह जब एक लडकी प्रेम मे होती है तो उसके लिए उसके प्रिय से अत्यधिक महत्वपूर्ण और कुछ नही होता , वो उसको ही आधार मानकर स्वयं निराधार हो जाती

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2 जनवरी 2022
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ना देखना कोई ख्वाब ....💔💔💔 (लघुकथा )

नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 ये किताब एक औरत की कहानी है । जिसने एक ख्वाब देखे थे जो ख्वाब अधूरे ही रह गए और अपनों के द्वारा बेरहम तरीके से तोड़े गए । देखते तो सभी हैं ख्वाब , पर पूरा कहां हो पाता है । कुछ ख्वाब अधूरे ही रह जाते हैं या फिर कुछ ख्वाबों को रि

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हमारी आखिरी मुलाकात हो जाए...

कुछ परेशानियां हैं जिन्हें खत्म करना चाहती हूंँ कुछ उलझनें हैं जिन्हें सुलझाना चाहती हूँ ! कुछ बिताएं तेरे संग जो पल है उन्हें फिर से जीना चाहती हूँ ! क्या क्या ख्वाहिश है इस दिल में उसे फिर से पूरा करना चाहती हूँ ! कुछ अपने हैं जो खफा हो गए है

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8 जनवरी 2022
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अनजाना पथ

एक स्त्री की कहानी... जो बेटी, बहन, पत्नी, मां होने के साथ समाज के हर नियमों में बंध कर चलने को तैयार है फिर भी उसके पथ में अनेकों काटे हैं। ऐसा क्यों...?

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मैं पुरुष हूं (पीड़ा में व्यंग्य)

कविता.... व्यंग्य आदमी तो कुता होता है यह कभी सुधर नहीं सकता धोखा तो फितरत में है, मासूम लड़कियों की भावनाओ से खेलता है उनका फायदा उठाता है, दहेज के लिए पत्नी से मारपीट करता है औरत को अपने पैर की जूती समझता है दुष्ट, नीच, हरामी पापी.... बस बस बस... ह

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कुछ कहते हैं ये किस्से

प्रेम, जुदाई, बदला , परोपकार, एवं शिक्षाप्रद कहानियां हैं इस पुस्तक में, एक बार अवश्य अवलोकन करें 🙏

13 पाठक
20 अध्याय
4 मई 2022
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फीवर 104°F

आजकल की जिंदगी से जुड़ी हर एक टीनएजर की कहानी जो अनजाने ही अपने और अपनों के बीच एक दीवार बना लेती है। लड़कियों से जुड़ी भावनाएँ, कच्ची उम्र की शैतानियाँ जिनसे उनके परिवार आज तक अछूते हैं। यह कहानी है उनके बीच की बढ़ती दूरियों की जो समाज बढ़ाकर इतनी बड़ी कर

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7 मई 2022
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मेघना

‘राजधानी’ जिसके नाम में ही ‘राज़’ चिपका है, उसका रहस्यमयी होना लाज़िमी है। ऊपर से देश की राजधानी दिल्ली जिसके सीने में धौंकते हैं असंख्य दिल धकधक-धकधक। इन्हीं में एक दिल है ‘मेघना’। रोज़ी-रोटी की जुगत में उसके पिता को ठौर दिया दिल्ली ने। घुटने तक झालरद

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10 मई 2022
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आपका बंटी

आपका बंटी मन्नू भंडारी के उन बेजोड़ उपन्यासों में है जिनके बिना न बीसवीं शताब्दी के हिन्दी उपन्यास की बात की जा सकती है न स्त्री-विमर्श को सही धरातल पर समझा जा सकता है। तीस वर्ष पहले (1970 में) लिखा गया यह उपन्यास हिन्दी की लोकप्रिय पुस्तकों की पहली प

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11 मई 2022
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अधुरी

मैं विचलित , मेरा मन विचलित, कैसे संभालू खुद को, मेरी जिंदगी एक सुनसान सड़क जहां किसी का आना ,जाना वर्जित!

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सफर....

नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 ऊपर वाले ने सबकी किस्मत में हम सफर का साथ नहीं लिखा कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिसमें हाथों में हाथ नहीं होते हर कदम पर हम सफर का साथ नहीं होते बिछड़ जाते हैं अधूरे सफर पर साथ छूट जाता है राही बिछड़ कर भी जीना नहीं छोड़ता क्य

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