डियर काव्यांक्षी 💖
आज तुमसे दिल के कुछ अहसास शेयर करने आई हूं कुछ अहसास, इश्क के जज्बात, दिल के अल्फ़ाज़
कितने नाम कितने रूप में शब्दो ढालने की कोशिश करते है ना सभी इश्क मुहब्बत को फिर भी पूरी तरह से ढाल नही क्योंकि ये इश्क मुहब्बत प्यार के अहसास ही ऐसे होते है जो जितना समझे कम ही लगते है , जैसे समझाए
अधूरे ही लगते है , इश्क किसी के लिए जिंदगी किसी के लिए दर्द कोई अधूरी मुहब्बत कहता कोई इंतजार में तड़पता किसी बेवफाई तो किसी को रुसवाई पर सब में एक बात समान है वो है प्यार
काव्यांक्षी प्यार के सभी के लिए अलग अलग मायने है मैं अपने दिल की बता रही तुम्हे
इश्क की डोर बड़ी नाजुक जरा झटके और टूट जाए
एक जरा सी बात पर ये इश्क क्यों रूठ जाए
कच्चे धागे से बना ये तो पक्का सा नाता है
दिल से दिल को को अपनाता है
ये रिश्ता क्यों एक जरा सी बात से टूट जाता है
इसके कितने रूप इसलिए तो मेरे इश्क रूप अनूप है
कभी ठंडी छांव तो कभी गम की धूप है
जीवन का दिल से जुड़ा सबसे अहम अहसास प्यार है
जब दिल किसी को चाहने लगता है तो सिर्फ दिल को सुनता है दिमाग को नजरंदाज करता है, ना ही जमाने की परवाह बस इश्क ही सुकून और जुनून बन जाता है
प्यार की शुरुआत कहा नजरो के मिलने से बातो के सिलसिले से दिल देने तक का सफर तय करता है दिल प्यार के रंग में रंग जाता है
उम्र का ना बंधन का दूरी का असर इश्क जमाने की हर रीत से बेखबर बस दिल यही कहता हैं नहीं चाहिए सारी दुनियां की खुशिया बस मुझे वो और उसका साथ चाहियें जिसके लिए अब मेरा दिल धड़कता है अब ये धड़कन सिर्फ और सिर्फ उसकी हैं
प्यार बहुत नाजुक बिल्कुल आइने सा एक ठोकर से बिखर जाता है इश्क के मिले जख्म ताउम्र नही भर पाते , जब प्यार में दर्द मिलता है फिर कोई दावा असर नहीं करती
पहले पहल ना समझ आया
इश्क आखिर मर्ज क्या है
दिल टूटे हमारा
उस हरजाई को हर्ज क्या है
बर्बाद तो इश्क ने किया
दिलबर बेवफा को यू बदनाम किया
मैं रुक्मणि बनकर रह गई
वो बेकरार किसी राधा के लिए हुआ
काव्या