My dearest काव्यांक्षी
कैसी हो❤️मै भी अच्छी हू🤗 क्या सोच रही हूं मै? हां वही तो तुम्हे सुनाने आई हू, कि मन में क्या चल रहा है,तुम्हे तो बेझिझक सब बता देती हूं,
काव्यांक्षी तुम्हे पता है कुछ लोग की ना आदत बड़ी बुरी होती है दूसरों की जिंदगी में दखल देने की और किसी की निजी जिंदगी के बारे में दूसरो के सामने चर्चा का विषय बनाने की,
वो जरा भी नहीं सोचते जैसे आपको किसी ने कुछ बताया है वैसे आपने जो कहा किसी वो भी कभी ना कभी उस शख्स तक पहुंच ही जाएगी जिसके बारे में आप सबसे कह रहे है।
सबसे पहले तो उनको जरूरत ही क्या है किसी को किसी की निजी जिंदगी में ताक झांक करने की
और टिप्पणी करने की किस अधिकार से वे दूसरों के बारे में चर्चा करते है, हद तो तब करते है जब किसी के चरित्र पर सवाल उठते है उनकी ये मन बहलाने की आदत से जरा भी नहीं सोचते आखिर उस पर क्या बीतेगी जब बात उस तक पहुंचते पहुंचते उसमे और लोगो कि राय भी शामिल होती हुई बढ़ चढ़ कर पेश होगी।
बुरी आदत है ना काव्यांक्षी ये ऐसा करना किसी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में शामिल होता है, कुछ लोग तो लड़कर झगड़कर बात को रफ़ा दफा कर देते है, कुछ लोग अंदर ही अंदर उस बात से घुटते रहते है पर ये तमाशा बनाने वाले ओर दखल करने वाले लोगों को कहा समझ आएगी एक को परेशान कर वो दूसरा जरिया तलाश कर लेंगे
ऐसे लोगो को बस इतना ही कहना चाहूंगी कि दूसरो की जिंदगी भी आप ही तरह है , दर्द तकलीफ उनको भी होती है किसी जिंदगी का मजाक बनाने का उससे मन बहालने जा अधिकार किसी को नहीं है ।
जो जैसा चाहे उसे जीने दो
अपनी मर्जी के रंग उसे
जिंदगी में भरने दो
किसी का अच्छा ना कर सको
तो कोई बात नहीं
बुरा तो ना करो
कोई खुश रहना चाहे जैसे
उसे वैसे ही खुश तो रहने दो
काव्या