हैलो प्यारी काव्यांक्षी
शुभ दोपहर प्यारी😘आज तुमसे जीवन की सच्चाई के बारे में बात करनी है काव्यांक्षी ये जीवन का सच है 💓मनुष्य शरीर नश्वर है और आत्मा अमर है। इस सच्चाई को जानते और समझने के बाद भी मनुष्य अपने नश्वर शरीर पर अभिमान करता है तो कोई दौलत शोहरत का अभिमान करता है , हर किसी को किसी न किसी बात का अहंकार है, जाने क्या साबित करना है सभी को इस अहंकार और अभिमान से और क्या ही मिल जाना इससे,
झूठे अभिमान झूठी जिद्द के चलते जीवन के कितने अनमोल पल गंवा देते है,खुद भी सुकून नहीं पाते
ना दूसरों को खुश रहने देते , अभिमान मिट्टी के तन का
नश्वर इस जीवन पर चले ना कोई जोर,
किसी को छोटा दिखाकर जाने कौनसी खुशियां मिल जाती है , वही खुशियां जो कुछ पल की मेहमान है इस पूरे संसार में कुछ स्थिर नही है , जो बना उसे मिटना ही है फिर नफरत और द्वेष में क्यों जीना, ऐसा मेरा मानना है काव्यांक्षी मेरी सोच और मेरे विचार सभी के लिए सही हो जरूरी नहीं मै तो बस अपने मन की बात बता रही हूं डियर
अच्छा अब चलती हु फिर मिलते है प्यारी😘😘💐💐🍫🍫🍫😍😍😍🌹🌹💖💖💖💖
नश्वर ये तन
झूठी जगत की
मोहमाया है
नश्वर प्राण प्रतिष्ठा
क्यों फिर तुझ में
अहंकार समाया है
नश्वर सारे रिश्ते नाते
ना साथ चले कोई सौगातें
जगत ये है भुलभुलैया
सुख दुःख की नश्वर
ये धूप और छैयां
नश्वर ये प्रीत रीत
नश्वर ये तन मन
नश्वर ये जीवन
नश्वर ये संसार है
नश्वर उम्मीदें नश्वर हर आस हैं
फिर किस बात का तुझे अभिमान है
एक दिन मिट्टी में मिल जाना
नश्वर ये शान है
काव्या