डियर काव्यांक्षी
लो आ गई फिर तुम से गपशप करने 💖
पता है काव्यांक्षी सबसे मुश्किल काम क्या है💖संयम रखना , जब किसी की बात अच्छी ना लगे और उसकी बात पर गुस्सा आए ऐसे में खुद पर संयम रखना मुश्किल होता है💖 जब किसी अपने से मन मुठाव हो जाए💖ऐसे में अगर हम अपशब्द कहने के बजाय खामोश हो जाए तो काव्यांक्षी रिश्ते सुधरने और फिर बनने के चांस ज्यादा होते है💖 क्योंकि अपशब्द से मन पर घाव हो जाते है 💖 उन शब्दो की यादें घाव को नासूर बन देती है💖
इसलिए काव्यांक्षी अगर किसी अपने की बात का बुरा लगे तो और झगड़ा हो जाए तो उसकी अच्छी बाते याद करे 💖 इससे गुस्सा शांत होगा और अपनेपन का अहसास कम नही हो पाएगा 💖 काव्यांक्षी
जीवन में कभी भी गुस्से से गुस्सा नहीं जीता जा सकता💖 विवेक और शांत मन से संयम से गुस्से को प्यार में बदल सकते है💖
आग से आग ना कभी बुझी ना बुझ पाए💖 समझारी इसी में है जब सामने वाला गुस्से में है तो आप खामोश हो जाए 💖और कुछ वक्त बाद प्रेम के 2 मीठे बोल दे💖 देखना गुस्सा छू मंतर हो जाना है,💖
वैसे काव्यांक्षी ये सब तो हमारे लिए तुम तो कहा कभी गुस्सा होती हो💖 तुम्हे गुस्से का कुछ पता ही नहीं जो कोई कुछ भी बोले तुम बस सुन लेती हो और प्यार देती हो 💖ये वजह है तुमसे दूर रहना मुश्किल है💖
चलो अब मैं चलती हु💖फिर जल्दी ही मिलते है loveeeeeeee uuuuuuuu काव्यांक्षी💖
गुस्से बिगड़े सारी बात
प्यार से बड़ा नहीं कोई
जज्बात
शब्दो ना देना किसी को
घाव
मरहम ना शब्दों के घाव पर
असर कर पाए
प्यार के मीठे बोल से पत्थर दिल भी
पिघल जाए
खामोश रह कर लेना इंतजार
दो पल के गुस्से में ना खोना
जीवन भर का प्यार
काव्या