मेरा नाम मुहम्मद असलम खान है लेकिन लोग मुझे असलम बांदवी के नाम से जानते हैं मेरा जन्मस्थान ग्राम लौमर पोस्ट चिल्ला तारा तहसील पैलानी ब्लॉक तिंदवारी जनपद बांदा उत्तर प्रदेश है पिन कोड 210123मोबाइल नंबर 8108443600 वॉट्सएप नंबर 93221878
यात्रा वृतांत हरिद्वार ऋषिकेश देहरादून यात्रा
एक सच्ची घटना जिसपर विश्वास करना मुश्किल हैं..।
दिल्ली से पूर्वी उत्तर में स्थित जौनपुर की एक बार यात्रा करते हुए डॉ. कलाम बादशाहनगर नामक छोटे से शहर में चाय पीने के लिए रुके। अपने आसपास के नजारे देखकर उन्हें हैरानी हुई। जगह-जगह दूर-दराज से पैसे को मोबाइल ट्रांसफर करने की सुविधा प्राप्त थी और हिन्
हिंदी के सुप्रसिद्ध कथाकार कमलेश्वर का कश्मीर से पुराना और गहरा लगाव रहा है । ‘कश्मीर : रात के बाद’ में लेखक के इस पुराने और गहरे कश्मीरी लगाव को शिद्दत से महसूस किया जा सकता है । एक गल्पकार की नक्काशी, एक पत्रकार की निर्भीकता, एक चेतस इतिहास-द्रष्टा
दुनिया के एक अजूबे, वीरान और बर्फ़ीले द्वीप की यात्रा जहाँ लेखक वाइकिंगों और ‘गेम ऑफ़ थ्रोन्स’ के किरदारों से गुजरते हुए तांत्रिकों की दुनिया में पहुँच जाते हैं। एक ऐसी आधुनिक पश्चिमी भूमि जहाँ अंधविश्वास और भूत-प्रेत संस्कृति में गुंथी हुई है। भूकंप
इस पुस्तक में आपको रेल सम्बंधित आवश्यक अपडेट मिलेंगी।
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‘साँझ की उदास-उदास बाँहें अँधिआरे से आ लिपटीं। मोहभरी अलसाई आँखें झुक-झुक आईं और हरियाली के बिखरे आँचल में पत्थरों के पहाड़ उभर आए। चौंककर तपन ने बाहर झाँका। परछाई का सा सूना स्टेशन, दूर जातीं रेल की पटरियाँ और सिर डाले पेड़ों के उदास साए। पीली पाटी
जून में गर्मी के दिन थे बहुत बेहाल सूरज ने भी रूप बनाया था विकराल तभी की बात बताता हू एक छोटा सा किस्सा आपको सुनाता हूं। कि विचारो का द्वंद कैसे हावी हो जाता है किसी को समझे बिना भला बुरा कह जाता है जीवन परिचय के दर्शन का बोध करता हू । मै ए
मै कई बार मुंबई गईं और हर बार मुझसे नए सिरे से ठगी की गईं चीटिंग हुईं इसी हादसों पर लिखी है ये किताब..
जितनी बड़ी दुनिया बाहर है, उतनी ही बड़ी एक दुनिया हमारे अन्दर भी है, अपने ऋषियों-मुनियों की कहानियाँ सुनकर लगता है कि वे सिर्फ़ भीतर ही चले होंगे। यह किताब इन दोनों दुनियाओं को जोड़ती हुई चलती है। यह महसूस कराते हुए कि भीतर की मंज़िलों को हम बाहर चलते
दिल क्या चाहता है और हम क्या करते हैं । डायरी है प्रतिबिंब उसका। बस कुछ छुए अनछुए पहलुयों को सँजोती ये डायरी। आपके सामने प्रस्तुत है।
अनुराधा बेनीवाल पहले एक घुमक्कड़ हैं, जिज्ञासु हैं, समाजों और देशों के विभाजनों के पार देखने में सक्षम एक संवेदनशील ‘सेल्फ़’ हैं, उसके बाद, और इस सबको मिलाकर, एक समर्थ लेखक हैं। हरियाणा के एक गाँव से निकली एक लड़की जो अलग-अलग देशों में जाती है, अल
Meri apni Kahani jo ki Meri Jindagi Aur meri life se Judi hai main isko Apne jahan tak Maine Apni Jindagi ji Hai Baki short Mein Kahani se long mein bhi ismein Yahi Pata chalega ki maine ismein sunaya Aur Main Aage apni Kahani ke bare mein aur Main a
रेल यात्रा तो सभी करते हैं| कभी रेल यात्रा बड़ी ही रोचक होती है| बस उसी रोचक घटना का वर्णन किया गया है|