बेटियाँ बहुत प्यारी होती हैं । बहनें भी बहुत प्यारी होती हैं । माँ-बाप और भाई आजीवन उनपर अपना स्नेह-प्यार लुटाते रहते हैं। पर, ये बेटियाँ या बहने आखिरकार होती तो लडकियाँ ही हैं जिन्हें दुनिया के दस्तू
मेरी प्यारी सी बच्ची, पहले बसंत की प्रतीक्षा में, लेटी हुई एक खाट पर मेरे घर के आँगन में। प्रकृति की पवित्र प्रतिकृति एकदम शान्त, एकदम निर्दोष अवतरित मेरे घर परमात्मा की अनुपम कृति। देखत
बालिका अहं बालिका नव युग जनिता अहं बालिका । नाहमबला दुर्बला आदिशक्ति अहमम्बिका ।। अर्थात मैं एक लड़की हूँ, आधुनिक समय की लड़की हूँ। मैं कमजोर या शक्तिहीन नहीं हूं। मैं हूँ आदिशक्ति, मैं हूँ अंबि
हर साल 24 सितंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस’ (International Daughter’s Day) मनाया जाता है। हर रिश्ते का एक खास दिन मनाया जाता है, ऐसे में इस दिन बेटी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के इस खास मौके पर,बेटियों का सम्मान करें, बढ़ाएं उनका प्यार।बेटियाँ हैं आसमान से आई फूल,उनका साथ बनाएं, दें उन्हें हर कदम पर आशीर्वाद।वो ताक़त हैं देश की, वो शक्ति की प्रतीक,उन
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर, यहां कुछ शायरी का संग्रह है जो बेटियों के महत्व को दर्शाता है: बेटी है स्वर्ग की राह, माँ-बाप का गर्व, समृद्धि की बात। बेटी की ममता,
एक महत्वपूर्ण और सामाजिक उत्थान के उद्देश्यों के साथ मनाया जाता है। यह दिन हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य विशेष रूप से लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्रमोट क
यह कहानी है एक छोटी सी गाँव की, जहाँ एक माँ अपनी बेटी से बात कर रही थी। माँ: "बेटी, आज हमारा खास दिन है। आज हम अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस मनाएंगे।" बेटी: "माँ, यह क्या है?" माँ: "यह एक दिन है जब हम सब
बेटियाँ, हैं दुनिया की आभूषण, आँखों की प्यास, दिलों का आराधना। सपनों की उड़ान, आसमान का रंग, समर्पण और जज़्बा, बेटियों का संकल्प। माँ की मुस्कान, पिता की हार, बेटियों की महक, घर का प्यार।
“सुना है तुम छुआछूत की समस्या पर कटाक्ष करता हुआ कोई नाटक करने वाले हो इस बार अपने स्कूल में”, संतोष भईया ने मुझसे शाम को खेलते समय पूछा, “और उस नाटक की स्क्रिप्ट भी तुमने ही लिखी है, बहुत बढ़िया”।
बेटियाँ हैं तो कल हैबेटियों से खुशियाँ हर पल हैंबेटियाँ हैं कुदरत का अनमोल उपहारउनसे ही आगे बढ़ता है घर संसार।बेटियाँ बोझ नहीं सम्मान होती हैंहर घर की गीता और कुरान होती हैंहर पल रखती है ख़याल अपनों काऔ
दुनिया भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस हमारे जीवन में बेटियों को सम्मान देने और उन्हें पोषित करने के लिए समर्पित दिन है। हालाँकि इस उत्सव की तारीख अलग-अलग देशों में
कदम से कदम मिलाती बेटियां । सबका साथ निभाती बेटियां । माँ का हाथ बटाती बेटियां। छोटे को नहलाती बेटियां। संग संग शाला जाती बेटियां। टीचर जी को भाती बेटियां। शिक्षा दीप जलाती बेटियां। कुल रोश
परिचय : बेटी हमारे समाज की गरिमा और समृद्धि का प्रतीक होती हैं। उन्हें समाज में समान अधिकार और संरक्षण का हक होता है, लेकिन आजकल भी वे अनेक समस्याओं का सामना कर रही हैं। इसी समस्या के समाधान और उनके
कभी अपने आप में शून्य नजर आती है बेटियां !कभी अपने आप को भीड़ में पाती है बेटियां!कभी किसी गिरे को संभालती है बेटियां!कभी किसी टूटी पतंग सी खुद गिर जाती है बेटियां!कभी अपने आप को बोझ सा पाती है बेटिया