परिचय :
बेटी हमारे समाज की गरिमा और समृद्धि का प्रतीक होती हैं। उन्हें समाज में समान अधिकार और संरक्षण का हक होता है, लेकिन आजकल भी वे अनेक समस्याओं का सामना कर रही हैं। इसी समस्या के समाधान और उनके समाज में सम्मान के लिए अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस महत्वपूर्ण है।
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस क्या है?
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा और समाज में उनके समान स्थान की बढ़ोतरी करना है। इस दिन कई कार्यक्रम और जागरूकता प्रदर्शन होते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य लड़कियों के विवाह और शिक्षा से संबंधित समस्याओं को उजागर करना है।
बेटी का महत्व:
बेटियाँ समाज का गर्व होती हैं। वे समाज में शिक्षित, समझदार, और सक्षम नागरिक बनकर समाज के विकास में योगदान करती हैं। लेकिन कई समाजों में अब भी बेटियों के नर्सनल अवोयदन, कानूनी विवाह, और उनके शिक्षा को संघटित किया जाता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस का आयोजन किया जाता है, ताकि इस दिन के माध्यम से लोग बेटियों के महत्व को समझें और उनके अधिकारों का समर्थन करें।
समस्याएँ और समाधान:
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के अवसर पर हमें बेटियों के समस्याओं का समर्थन करने के लिए सक्रिय रूप से योगदान करना चाहिए। उन्हें उनके शिक्षा के अधिकार का सहारा देना चाहिए ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें। विशेषकर, हमें बेटियों के खिलाफ उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा, और समर्थन के किसी भी प्रकार के दुरुपयोग का खत्म करना होगा।
बेटी दिवस का इतिहास?
साल 2007 में बेटी दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। भारत समेत दुनिया के कई देशों में बेटों को ज्यादा अहमियत दी जाती थी। इसे खत्म करने और बेटा तथा बेटी को बराबर का दर्जा दिलाने के लिहाज से इस दिन की शुरुआत की गई। बेटियों के पैदा होने को जश्न के तौर पर मनाने के लिहाज से हर साल 24 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस मनाया जाता है।
समापन:
अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस हमें याद दिलाता है कि बेटियाँ समाज की आधार होती हैं और हमें उनके समान अधिकारों का समर्थन करना होगा। हमें बेटियों को उनके सपनों का पीछा करने में मदद करना चाहिए और समाज में उनके समान स्थान की प्राप्ति के लिए संकल्पबद्ध रहना होगा।
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ
माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ
घर को रोशन करती हैं बेटियाँ
लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ