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खुशियाँ

hindi articles, stories and books related to Khushiyan


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खामोशी कह रही है कान मेंक्यों वीराना पड़ा है जहां मेंजिंदगी कह रही वक़्त हमारा बदलने वाला हैजो अंधेरा फैला है चारों तरफ़ उस पर उमीद का सूरज निकलने वाला हैहौसला भी बुलंद हैं इरादे भी मजबूतजिंदगी चाल नई फिर से चलने वाली हैखुशियां भी फिर आने वाली हैखुशियां आने वाली है.....-अश्विनी कुमार मिश्रा

खुशियों के बोए थे बीज मैंने, जिंदगी की जमीं को जोत कर;मेहनत कर कर्म हल चला, पौधों को बड़ा किया पसीनें से सींच कर ।शिक्षा की खाद डाल कर,खेलकूद की कीटनाशक का छिड़काव कर;खुशियों के पेड़ तैयार किए,मैंने जिंदग

खुशियां खरीदना चाहता है पैसों से ,लेकिन जानता नहीं किखुशियां टिकती नहीं,जो खरीदी जाए पैसों से।खुशियां वफ़ा नहीं होती है,पैसों की ।वह तो मुराद होती है,प्रेम की।गर खुशियों की दुकान जो होती,तो शायद खुशियां उधार न मिलती।फिर खुशियां हर किसी

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प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखेप्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार हैप्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए है सभीप्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है प्य

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नियतखामोश जबानों की भी खुद की भाषा होती है कभी अहदे - बफा के लिए ,कभी माहोल को काबिल बनाने के लिए मु.ज्तारिब क्या करु नियत नहीं . . दुसरे पर कीचड़ उछाल कर ख़ुद को कैसे साफ़ रखू। कभी खुद के घोसले ,कभी दुसरो के तिनके की पाकीज़गी बनाए रखने की नियत ,मुख्तलिफ़ होकर भी ख़ामोशी अपनी मश

ईद का अर्थ ख़ुशी अर्थात खुशियों का पर्व                  डॉ शोभा भारद्वाज जब भी ईद आती है मेरी स्मृति में कुछ यादें उभर जाती हैं| हम कई वर्ष परिवार सहित ईरान में रहे हैं यह शिया बाहुल्य प्रदेश है लेकिन हम खुर्दिस्तान में रहते थे खुर्द सुन्नी मुस्लिम हैं | तीस दिन तक रमजान के महीने में रोजे रखने के बा

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