कुछ तुम बदलो कुछ हम बदले... बदलेगा जमाना। जैसा सोचा-जैसा चाहा फिर आएगा जमाना। आकाश को छूने चला किस बात का डर राही। हौंसला ले डर से अपने चूम बुलंदियों को राही। घबरा मत राह-रोड़ो से सुपथ
ये बात उस जमाने की है जब नहीं था बेतार का तार। पर जुड़े थे मन के तार मन से मन के लिए मन को मिल जाता था संदेश। तार जुड़ते थे आत्मीयता के हिलोरों से हृदय हरिया जाता था। ये बात उस जमाने की है
तुम चले हो मिटाने नारी का वजूद। कहाँ तक मिटा पाओगे कहाँ-कहाँ नहीं है उसका वजूद। दरवाजों की चरमराहट में खिड़कियों की खड़खड़ाहट में बरतनों के ठनकने में चूड़ियों के खनकने में। कहाँ तक मिटा पाओ
हे ग्राम देवता नमस्कार धरती का करते उपकार। किसने ये उत्पात किया। धरती को आहत किया। देख उसके कुकृत्यों को सुखदेव भगत रो रहा आज। शेखर सुभाष की कुर्बानी की ना रखी उसने तनिक लाज। क
तूफान सिर्फ दूर बैठे समुंदर में नहीं मेरे तुम्हारे सबके अंदर उठता है एक तूफान तूफान अरमानों का तूफान उम्मीदों का तूफान जज्बातों का तूफान जागीरों का। होश में जोश खोने का गिरती दीवारों को उठ
हम मनुज हैं मनुज का सहारा बनें। डरे-डूबे हुओं का किनारा बनें। नर से नारायण बनकर हम सेवा करें। दीन-दुखियों के दुख को हम दूर करें। हम चलें आ
काम कितना हो कठिन सबको करना चाहिए। राष्ट्र सेवा के लिए सबको बढ़ना चाहिए। जन्म लेकर इस धरा कुछ तो मोल चुकायिए। काम कितना हो कठिन सबको करना चाहिए। ध्येय मार्ग पर चल करके हिम्मत कभी न हारिए।
दौड़ो ना तुम चांद पार के धरती पर ही कदम बढ़ाओ। उड़ती चिड़िया से लेकर हौंसला तन मन से कर्म में जुट जाओ। लेकर सूरज से आंतरिक ऊर्जा पहले तन मन स्वस्थ बनाओ। होकर समर्पित राष्ट्र भूमि पर जीवन अपन
कौन कहता है? 2020 बुरा था। वह तो शुभचिंतक था हमारा तुम्हारा। आया था जगाने कलियुगी नींद में सोये हम सबको। हर चीज की अति बुरी होती है। स्वार्थी बनकर हम कर रहे थे खिलवाड़ नेचर क
नववर्ष नव मंगलम् भुवन मंडले मंगलम्। गगन मंडलं मंगलम् नववर्ष नव मंगलम्। देवकीपरमानंदम् अग्निर्ज्योति मंगलम्। आनंदामृतवर्षकम् धरणीम् भरणीम् मंगलम्। नववर्ष नव मंगलम् भुवन मंडले
भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मलेन के तीसरे संस्करण का आयोजन 26 से 29 अक्टूबर 2015 तक नई दिल्ली में होने जा रहा है। सभी 54 अफ़्रीकी देशों को निमंत्रण देकर भारत सरकार ने अफ्रीका से अपने संबंधों को आगे ले जा
पिछले कुछ दिनों से मालदीव में राजनीतिक घटना क्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। हुआ यह कि वहाँ के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तथा एक न्यायाधीश को गिरफ़्तार
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू की तरह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के पहली पंक्ति के नेता थे। पर अपने आप को भारत माता पर उत्सर्ग करने की आतुरता में उनकी तुलना शहीद भगत सिंह जैसे वीरों
पिछले कुछ दिनों से मालदीव के संकट में आ जाने के कारण वहाँ का राजनीतिक घटना क्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। हुआ यह कि वहाँ के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश
किसी भी देश के विकास में यातायात और उसमें भी वायु यातायात का योगदान अन्यतम है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एक अध्ययन के हवाले से बताया है कि किस तरह वायु सेवा से तेजी से आर्थिक विकास सम्भव होता है।
आधी सदी पहले ही अर्थशास्त्रियों ने किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा के महत्व को समझ लिया था। बाद में यह विचार फैलने लगा कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति को स्थायी रूप से परिवर्तित कर देती है और उसे मान
हमारे देश में गाँव कविता के विषय के रूप में कवियों को आकर्षित करता रहा है। मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्तियाँ तो जगप्रसिद्ध रही हैं – “अहा ! ग्राम जीवन भी क्या है। क्यों न इसे सबका जी चाहे।“ इसी तरह सुमि
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के राजनैतिक क्षितिज में पिछले कई दशकों से सर्वाधिक चमकता हुआ सितारा थे। अपनी मिलनसार प्रवृत्ति, विलक्षण वाकपटुता, मनमोहक वक्तृत्वकला और असाधारण प्रतिउत्पन्नमति के कारण सारे देश
फैजुर रहमान का 7 अगस्त के ‘द हिंदू’ दैनिक में ‘मस्जिद की अनिवार्यता’ विषय पर एक लेख प्रकाशित हुआ। रहमान एक इस्लामी मंच के महासचिव हैं जिसका उद्देश्य है संयत विचार को बढ़ाना या बढ़ावा देना। इस लेख का म
शेख मुजिबुर रहमान, जो जामिया मिलिया इस्लामिया में पढ़ाते हैं, का पिछले 25 जून को ‘द हिंदू’ दैनिक में गो रक्षण के नाम पर घटित हिंसक घटनाओं को लेकर एक अतार्किक और अत्यंत आपत्तिजनक लेख प्रकाशित हुआ। इस स