हमारे जीवन में अनेक ऐसी घटनायें होती हैं जिनका अर्थ हम नहीं निकाल पाते ! यह जीवन हमें परमात्मा ने दिया है ! वह परमात्मा हमको कभी भी अकेला नहीं छोड़ता , ईश्वर की अनुभूति हमें कैसी होती है यह हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है
हम सब ने ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज भी देख रहे हैं पर मुश्किलों से भरा खूबसूरत सफ़र निरंतर चल रहा है और रोचक दृश्य और गंभीर भावना के "रस" की हर अंदाज़ से भरा हुआ है इसकी पहली "तस्वीर" है जो हम सबकी ज़िंदगी का ऐसा आईना है जो निरंतर
अग़र हम अपने जीवन पर ग़ौर करेंगे तो हम पायेंगे की हमारी कथनी और करनी में बहुत फ़र्क है। हम कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं और यही हमारी समस्याओं का मूल कारण भी है। इसी को हम हिप्पोक्रिसी भी कहते हैं। इस दुनिया में बहुत ही कम लोग हैं जिनके कहने और करन
नमस्कार मैंने यह लिखने का एक प्रयास किया है। आशा है कि , वाचको को यह पसंद आएगा। आपके सुझावों का स्वागत है। निल पाटिल