ऊपर बायीं तस्वीर संभल में हर साल होने वाले भगवान कल्कि महोत्सव के नाच-गाने की है। इस कार्यक्रम में जमकर अश्लीलता परोसी जाती है। दायीं तरफ की दूसरी तस्वीर अभिनेत्री महिमा चौधरी की है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बाबा का प्रचार करने आई थीं। तब महिमा चौधरी ने बीच सड़क पर बाबा के लिए डांस किया था और बाबा ने उन पर फूल फेंके थे।
आचार्य प्रमोद कृष्णम टीवी चैनलों में आए दिन होने वाली बहसों में जाना-पहचाना नाम है। पिछले दिनों यूपी सरकार ने इन्हीं बाबा की अगुवाई में तथाकथित संतों की एक टीम को कैराना में पलायन की जांच के लिए भेजा था। इसके बाद से ही प्रमोद कृष्णम का नाम सुर्खियों में है। खास तौर पर सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि ये ‘समाजवादी संत’ आखिर कौन हैं? और जिस कैराना में दर्जनों हिंदू घरों पर लटकते ताले सबने टीवी चैनलों पर देखे, वहां इनको कुछ क्यों नहीं दिखा?
कांग्रेस नेता से बने ‘कांग्रेस के बाबा’
प्रमोद कृष्णम को कुछ साल पहले तक पश्चिमी यूपी के एक छोटे से इलाके में प्रमोद कुमार त्यागी के नाम से जाना जाता था। तब वो कांग्रेस पार्टी का एक छुटभैया नेता हुआ करते थे। राजनीति में खास कामयाबी नहीं मिली तो उसने बाबा का चोला पहन लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रमोद कृष्णम को यूपी की संभल सीट से कांग्रेस ने टिकट भी दे दिया। लेकिन वो पांचवें नंबर आए। इस बार वो कांग्रेस या समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा में घुसने की भरपूर कोशिश में थे, लेकिन ऐन मौके पर पत्ता कट गया। फिलहाल समाजवादी पार्टी से विधानसभा का टिकट पाने की पूरी कोशिश में हैं।
प्रमोद कृष्णम
लोकसभा चुनाव के वक्त प्रमोद कृष्णम ने अबू सलेम की गर्लफ्रेंड रही मोनिका बेदी को भी प्रचार के लिए बुलाया था।
कैराना के जांच दल से सुर्खियों में आए
यूपी के कैराना में हिंदुओं के पलायन की जांच करने के लिए अखिलेश यादव सरकार ने हिंदू संतों की एक टीम बनाई थी। उसका मुखिया इन्हें ही बनाया गया था। आरोप है कि प्रमोद कृष्णम ने कैराना जाकर सिर्फ उन्हीं हिंदू परिवारों से मिले, जिनसे उन्हें मनमुताबिक जवाब मिलने की उम्मीद थी। लौटकर उन्होंने सीएम से लेकर राज्यपाल तक को रिपोर्ट दे दी कि कैराना में कोई पलायन नहीं हो रहा है। मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए उन्होंने यह आरोप भी लगा दिया कि मुझे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
कांग्रेस, AAP, मीडिया की आंखों के तारे
एक गुमनाम कांग्रेसी नेता से एक बड़े धर्मगुरु की पहचान बनाने तक के सफर में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और मीडिया ने बाबा प्रमोद का भरपूर साथ दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया पर उनकी बातों को ट्वीट करते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता उनके साथ कई जगहों पर मंच शेयर करते हैं और मीडिया प्रमोद कृष्णम की खबरें खूब दिखाती है। यहां तक कि आजतक के कार्यक्रम एजेंडा में उन्हें धर्म पर ज्ञान देने बुलाया गया था। जबकि सभी जानते हैं कि धर्म से इनका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
भगवान कल्कि अवतार के नाम पर धंधा
हिंदू धर्म की मान्यताओं में भगवान विष्णु के 10वें तथा अंतिम अवतार की भविष्यवाणी की गई है। इसके मुताबिक कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि के रूप में उत्तर प्रदेश के संभल में जन्म लेंगे। गणनाओं के हिसाब से यह अवतार 4,320वीं शताब्दी में होगा। इसके साथ ही कलियुग का अंत हो जाएगा। प्रमोद कृष्णम भी संभल के ही रहने वाले हैं, लिहाजा अपनी धार्मिक दुकान चलाने के लिए उन्होंने भगवान कल्कि को ही चुन लिया। वो खुद को कल्कि पीठाधीश्वर कहलवाते हैं। संभल में 300 एकड़ जमीन पर कब्जा करके वहां कल्किधाम आश्रम बनाया है। वो एक ऐसे भगवान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं जिनका धरती पर अवतार होने में भी अभी कई सौ साल बाकी हैं।
धर्म के नाम पर डर्टी डांसिंग!
प्रमोद कृष्णम भगवान कल्कि के नाम से संभल में हर साल एक महोत्सव भी करवाते हैं। इस महोत्सव में धार्मिक कार्य कम, नाच-गाना और अय्याशी ज्यादा होती है। इस प्रोग्राम में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास से लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता तक भाग लेते रहे हैं। कल्कि महोत्सव के नाम पर कई अश्लील नाच-गाने के वीडियो यूट्यूब पर देखे जा सकते हैं। सवाल यह है कि हिंदू धर्म के मुताबिक विष्णु के भावी अवतार के नाम पर क्या ऐसे अश्लील कार्यक्रम को मंजूरी दी जा सकती है? क्या यह हिंदू समुदाय की भावनाओं का अपमान नहीं है? हैरत की बात है कि हिंदू धर्मगुरुओं के खिलाफ लंबे-चौड़े प्रोग्राम दिखाने वाले न्यूज चैनलों को प्रमोद कृष्णम की ये हरकतें कभी नहीं दिखाई देतीं।
पेज-2 पर आप ऐसा ही एक वीडियो देख सकते हैं जिसमें प्रमोद कृष्णम लड़कियों के साथ भांगड़ा कर रहे हैं।