केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों का ऐलान कर दिया है. आपके लिए ये खबर अच्छी है या बुरी ये तय न कीजिए. आम आदमी के लिए वही दिन अच्छा होता है, जो महीने के बीच में आए और उस दिन आधे से ज्यादा तनख्वाह बची रहे. तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस कर चार स्लैब वाले जीएसटी की घोषणा कर दी. यहां स्लैब वो चीज नहीं है जो घर बनते समय पड़ती है.
अब होगा क्या कि आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाली चीजों पर सबसे कम यानी 5 फीसदी टैक्स लगेगा. यहां आम आदमी शब्द में कोई पॉलिटिकल संकेत नहीं छुपा है, उसे विशुद्ध आम आदमी ही मानें. जीएसटी आने के बाद क्या होगा? अगर ये सोच रहे हैं और बहुत कॉमर्स वाली बात लग रही हो तो डरिए नहीं ये समझिए कि हर सामान और हर सर्विस पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा. माने वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स वगैरह न लगेंगे. एक ही टैक्स लगेगा. आपको कोई मोटरसाइकल जित्ते में जालन्धर में मिलेगी उत्ते में ही जबलपुर में भी. जित्ते की कार रांची में उत्ते की रीवा में. ये सब एक अप्रैल से होगा. अगले साल से होगा,.
आगे की खबर में सीपीआई बास्केट, सेस, स्वच्छ ऊर्जा उपकर जैसे शब्द हैं. जिससे सच बताएं न हमें कुछ फर्क पड़ता न आपको. आपको फर्क पड़ता है क्या सस्ता क्या महंगा? हम वो बताते हैं. जैसा आपको समझ आता है.
जीएसटी दरें लागू होने पर गुटखे के रेट बढ़ेंगे और वाशिंग मशीन सस्ती होंगी, मतलब दाग लगाना महंगा और दाग छुड़ाना सस्ता होने वाला है.
अनाज सस्ता होगा लेकिन तम्बाकू महंगी होगी. मतलब आपके चच्चा-दद्दा खाना खाने के बाद डिब्बी मांगने से पहले एक बार सोचेंगे.
फ्रिज सस्ते होंगे और कोल्ड ड्रिंक्स महंगी. माने आप फ्रिज तो रख सकते हैं, लेकिन कोल्ड ड्रिंक की बोतल में पानी भरके रखिए.
लग्जरी कारें महंगी होंगी, और टीवी सस्ते. मतलब आप दुनिया को दिखाने के चक्कर में न पड़िए. घर पर बैठकर दुनिया देखिए.
सिगरेट महंगी होगी और एसी सस्ते मतलब आप खुद धुएं से पलूशन न फैलाइए. ओजोन परत में छेद अपने एसी को करने दीजिए.
और सिम्पली समझना है?
ये देख लो सब समझ आ जाएगा.