कल लड़की की फ़ोटो आई थी. 2000 की नोटों की गड्डी के साथ. वायरल हो गयी. लोग कहने लगे कि वो केशव प्रसाद मौर्य की बेटी हैं और उन्हें पहले ही नोटों की गड्डी मिल गयी है. वो भी तब जब एक दिन में मात्र 10 हज़ार रुपये निकाले जा सकते हैं. मालूम चला कि वो किसी बैंक की कर्मचारी हैं. जिन्होंने कौतूहल में वो फ़ोटो खिंचवा ली. खैर.
अब एक फ़ोटो आई है. श्री यतेन्द्र राव की. भाजयुमो. भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य. अपनी फ़ोटो वाले पोस्टर छपवाते हैं. काली सादरी पहिन के. फिर फेसबुक पे सटा देते हैं. लेकिन एक गलती कर बैठे. 2000 के नोट की गड्डी पकड़े. खूब पैसा (कितना रुपिया मालूम नहीं). स्नैपचैट कर दिए. उसपे लिखा हुआ था “चाहिए थोड़ा? मेरे पास बहुत है.”
हम इनकी फेसबुक प्रोफाइल पर पहुंचे. मालूम चला कि बड़े परेशान हैं. कह रहे हैं कि इन्हें परेशान न किया जाए. बेवजह की बातें कही जा रही हैं. सचमुच बड़े परेशान साउंड कर रहे थे. लेकिन मामला ये है कि जब लोग कह रहे हैं कि अपनी असली फ़ोटो भेजिए तो नहीं भेजते. न पोस्ट करते हैं. कहते हैं कि असली फ़ोटो किसी ने फ़ोटोशॉप की है. बस यही कहते रहते हैं. असली फ़ोटो नहीं भेज रहे हैं. अगर ये कहें कि वो बैंक में काम करते हैं तो ये भी पॉसिबल नहीं है. और ये ध्यान रहे कि वो कहीं भी ये नकार नहीं रहे हैं कि नोटों की गड्डी उनके पास थी. वो खुद बुरा फ़ोटोशॉप कर दूसरे लोगों की फ़ोटो वैसी ही फ़ोटो में तब्दील कर ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ की गयी है.
कुल मिलाकर उनकी कहानी नहीं जम रही है. न निगली जा रही है, न पूरी तरह से उगली जा रही है.