सोशल मीडिया. सच्चाई दिखाता है, तो झूठ भी फैलाता है. ढाका की सड़कों की कुछ तस्वीरें बकरीद के अगले ही रोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. बकरीद में जानवरों की क़ुर्बानी हुई. उनका खून नाली में गया. वहां जमकर बारिश हो गई. बारिश का पानी सड़कों पर भरा और उसमें खून मिला हुआ था. देखने में यूं लगा जैसे सड़कों पर खून की नदी बह रही हो. इसी वीभत्स दृश्य की तस्वीरें खूब शेयर हुईं. शेयर करने वालों के अपने-अपने एजेंडे थे. लेकिन फिर भी सच्चाई यही थी कि ढाका की सड़कों पर बारिश के बाद नलियों में बह रहा ‘कुर्बान’ किये गए जानवरों का खून सड़कों पर तैर रहा था. गुरुवार को फ़ेसबुक और ट्विटर पर तमाम जगहों पर कई ऐसी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जिनमें सड़कों पर लाल रंग की बजाय मटमैला रंग दिख रहा है. साथ ही ये कहा जा रहा है कि शेयर की जा रही खूनी सड़कों की तस्वीरें फ़ोटोशॉप की गयी हैं और बाद में आई तस्वीरें ही असली हैं. ये बात सरासर ग़लत है. ये एक झूठ है, जिसे सच बताकर फैलाया जाया रहा है.
इन तस्वीरों को जब ज़ूम कर के देखें तो पाएंगे कि जो मटमैले रंग के पानी में जो लड़का चलता हुआ दिख रहा है उसके दाहिने पैर के ठीक नीचे एक लाल चकत्ता छूट गया है. दरअसल यही होता है जब आप पर कम समय में ज़्यादा वर्कलोड डाल दिया जाए और अच्छे रिज़ल्ट की अपेक्षा की जाए. साथ ही छज्जों की परछाईं भी एक लाल टिंट लिए हुए हैं. साथ ही, नहीं मालूम कहां ऐसा होता होगा कि शहर में जमने वाला पानी इस रंग का होता हो. आमतौर पर वो थोड़ा कालापन लिए होता है. हां ये भी बात है कि मैं ढाका गया नहीं हूं. हो सकता है वहां कुछ और सिस्टम चलता हो.
खैर, एक तस्वीर हमने भी नमूने के तौर पर बनाई है. इसमें देखिये, पानी का रंग ऐसा है जैसे लग रहा है हॉस्टल के लड़कों ने होली खेल ी हो और फिर रंग वाला पानी सड़क पर भरा हो.
सबूत के तौर पर एक वीडियो है. ढाका की उन्हीं सड़कों का. जहां लोग बकरों के खून के बीच आते-जाते दिख रहे हैं. देखें:
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