बकरीद. मंगलवार को दुनिया भर में मुसलमानों ने बकरीद का त्योहार मनाया. नाम में ही बकरा है. बकरों को काट कर गोश्त पकाया गया. तमाम व्यंजन बने. बांग्लादेश से कुछ तस्वीरें भी आईं. बकरों के कटने की तो नहीं. मगर हां, उनके कटने पर बहने वाले खून की. ये तस्वीरें काफ़ी डिस्टर्बिंग हैं. हम सभी कितना भी नॉन-वेज पकवान खाते हों या उसे खाने-खिलाने का समर्थन करते हों, लेकिन सड़कों पर बहते खून को देखना हमें ज़रूर हिला कर रख ही देगा.
बांग्लादेश में मंगलवार को बकरीद के दिन बारिश हुई. बारिश से पानी सड़कों पर भरने लगा. नालियों में बहता खून जब उस पानी से मिला तो पूरी सड़क पर लाल ही लाल रंग दिखने लगा. ऐसा लगा जैसे खून ही खून बह रहा हो. इस खून से ये अंदाज़ा भी लगाया जा सकता है कि बकरीद पर वहां कितनी बकरों को मारा गया होगा. ये तस्वीरें ढाका ट्रिब्यून की हैं.
बात यहीं ख़तम नहीं हो जाती है. इसके साथ ही ढाका शहर के सीवेज सिस्टम पर भी ध्यान देना होगा. हमें नहीं, वहां की म्युनिसिपल अथॉरिटी को. नालियां ढकी होतीं, सीवेज सिस्टम प्लान ढंग से बना होता तो ये नौबत नहीं ही आती. मगर यहां सड़कों पर खून की नदियां बहती हुई दिख रही थीं.
पिछले साल सरकार ने कुछ ऐसे स्पॉट्स बनाये थे जहां जाकर लोग बकरों की क़ुरबानी दे सकते थे. इसलिए ऐसी कोई भी दिक्कत नहीं आई थी. लेकिन इस साल उन्हें ऐसे स्पॉट्स के बारे में बताया ही नहीं गया. इस वजह से उन्होंने सड़कों पर या अपने ही घरों के आस-पास बकरों की क़ुर्बानी दी.
ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन के डिप्टी चीफ़ खांडकर मिल्लातुल इस्लाम ने कहा कि शहर में पानी भरने की समस्या पुरानी है. वो अभी इससे निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं.
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