तो क्योंकि नए नोट आए हैं. और जनता जरूरत से ज्यादा होशियार है और हम सबके पास फेसबुक है, ट्विटर है और व्हाट्सएप तो हमारे हाथ में है. इसलिए हम कुछ भी करेंगे. हमको सरकार से दो कदम आगे चलना है, विपक्ष का काम हम उसके पहले करेंगे. वैसे तो ये बहुत अच्छी बात है किसी भी लोकतंत्र के लिए. लेकिन जब लॉजिक पर चूरन धर कर खा गए हों तो ऐसी हुशियारी महंगी पड़ती है. फिर वही होता है कि अखबार छाप देता है, एंकर जी खबर में पढ़ देते हैं कि लो भईया 120 मीटर नीचे से नोट बुलबुली मारेगा.
साभार :- The Lallantop
तो अब नया कांड हुआ है ये कि कुछ e-पण्डे और नेटवीर 2000 के नोट में गलती निकाल दिए हैं. गलती क्या कि नोट गलत छपा है, मिसप्रिंट है. अब कह रहे हैं कि इन नोटन को वापिस लेओ. काहे कि गलत मुद्रा नहीं चलनी चाहिए.
नमूने का पहला नमूना
दूसरे नमूने का नमूना
अब देखो हम बताते हैं बात क्या है. बहुत सिंपल सी बात है. 17 भाषाएं होती हैं एक नोट पर. मूल्य लिखे होते हैं हिंदी अंग्रेजी में, बाकी पीछे 15 भाषाओं में लिखा होता है. असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलगू और उर्दू.
तो जिस दोन पर ये लॉजिक के अंधे बवाल काट रहे हैं. अफवाह फैलाकर आपको डरा रहे हैं वो दरअसल कोंकणी का शब्द है, उसे वैसे ही लिखा जाएगा जैसा लिखा है. उसमें कोई गलती नहीं है. कोई गड़बड़ी नहीं है. कोई मिसप्रिंट नहीं है. आपके नोट को कुछ नहीं होगा.
हां एक दिक्कत जो है वो ये कि कदम लिखा है. रिज़र्व में तो इनने नुक्ता लगाया लेकिन क़दम में मुक्ता खा गए. उसे शुद्धतावादी खामी बता रहे हैं.
http://www.thelallantop.com/news/there-is-nothing-wrong-with-2000-new-note/