सुबह के 10:20
स्थान : फूलबाग़ की फूल मंडी .
सुबेरे-सुबेरे बमबम पांडे फूलचंद माली से पिले पड़े थे ,
“ बताओ मतलब हद कर दियो यार ! फूल की माला बेच रहे हो कि सोने की ..? दुई गुलाब की माला के180 रुपिया , ? धरती में रहो बादल न फाड़ो . समझे ! “
बमबम पांडे ने पान विलास धूक कर माली को टेलर दिया . और 130 में दो माला ले कर बुलेट ( हाँ , वही जिसमे प्रेस लिखा है ) में 2 झोला समान लिए बैठे मुनीर अहमद को पकड़ाए और एक पान विलास मुख में समर्पित करने के बाद लाल बंगला के आर्य समाज मंदिर की तरफ निकल लिए .
तो जिनसे आप अभी-अभी मिले ये है बम-बम पांडे . ( हाँ ! अब इस कहानी में भी पांडे है , का करे इन बाम्हनो के इतने कर्म कांड है कानपुर भर में की बार बार यही मिलते है ) . इनकी पहचान है 57 शब्द पर मिनट के हिसाब से BC , कसी जींस के ऊपर ढीला कुरता , प्रेस लिखी बुलेट , हाँथ में लपटा रुद्राझ , और मुंह में भरा किमाम वाला पान /केसर या कोई भी 5 के 2 वाला मसाला / मैनपुरी . कंही 10 से 6 चाकरी के नाम पर बेगारी भी करते है , उसके बाद चौराहे पर ओबामा से लेकर गली के कुकुर तक पार्षद से राष्टपति बनवाने में लगे रहते है . मतलब ये समझिये की “ आता ना जाता , चुनाव चिन्ह छाता “ औकात .. भर भी नही लेकिन भौकाल फुल टाईट .
और इनके एक जिगरी मित्र / सागिर्द है बारा -सिरोही में रहने वाले “ बच्चा यादव “ ( हाँ ! सही समझे अखिलेश से इनकी भी दूर की रिश्तेदारी है ) मकान , दुकान , खेत बाग़ ये हर चीज़ की दलाली में माहिर है . सिंगल चेचिस , गुस्से में आये तो ISIS खत्म कर दे , दिमाग लगाये तो विजयमाल्या से भी किंगफिशर के पैसे उधार ले आये और दिल पर चोट लग जाए तो रो रो के गंदे नाले का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर कर दे . ( रम्मपत हरामी की नौटंकी बंद ना होती तो ई ससुर इसके मुख्य कलाकार होते ) .
बच्चा यादव की जिंदगी मा शनीचर तब घुसा जब ये भी मोहब्बत की पड़ी लकड़ी ले लिहिन . उपर से ई अखिलेश के भांजे ( दूर की रिश्तेदारी ) और कन्या मायावती की वंशज . सरकारी
मास्टरनी उपर से ( उन्नाव में तैनादी ) ,और कन्या का बाप सबसे बड़ा झाम काहे से उ खुदै थाना महराजपुर में कोतवाल .
बम-बम पांडे लाख ज्ञान दिए कि “ बच्चा ! मान जाओ , काहे के लिए फड्वाने में लगे हो . समझो बात को पनहींन पंजीरी बंट जाई , समेटे न सिमटी “
मगर जब मोहब्बत दिल –दिमाग से नीचे उतर जाए तो ज्ञान गया तेल लेने . 16 दिन पहले बच्चा ने बम-बम महराज के 2 कैन टूबर्क से गला सींचने के बाद पैर पकड़ लिए
“ गुरु ! कोर्ट मैरिज करवा दो हमारी , .लडकी बिल्कुल तैयार है , बर्रा वाले प्लाट की 43 की दलाली भी आ गयी है तो पैसे की भी नही दिक्कत , बस आशीर्वाद दे दो महराज . “
“ अबे ससुर के नाती ! झनडुआ गये हो का ..? बाप कोतवाल है उसका नीचे से लट्ठ डालके उपर से निकाल के गरारा कराएगा , सारी लपर-झपर बाबा जी के ढुल्लू में घुस जाएगी . “ पांडे महराज गर्मा उठे .
“ भईया मना ना करिये , “ बच्चा “ का आपके अलावा कौन है , हमारो घर बस जाइएगा . आप तो बताये रहय की दुई प्यार करने वाले को मिलाने से बड़ा दूसरा कौनो महान काम नही है . हमारे बीवी बच्चे दुआएँ देंगे जिंदगी भर आपको .... आपको पंडिताईन भाभी का वास्ता “ बच्चा यादव सच में बच्चे की तरह फ़ैल गवा .
आखिरकार बम-बम पांडे का हिरदय रैंचो आइसक्रीम की तरह पिगल गया , और उन्होंने बच्चा के सर पर “ जा बच्चा जी ले अपनी जिंदगी “ वाले अंदाज में ‘ तथास्तु ‘ वाला हाथ धर दिया .
और पिछले 16 दिन से बम-बम ने बच्चा की कोर्ट मैरिज के लिए शाम रात एक दी .
( दिन माँ तो नौकरी करते है न ) , वकील से हनीमून के होटल तक , गवाह से लेकर सेंदुर की डिबिया तक पूरी जिम्मेदारी बम-बम महराज ने अपनी खोपड़ी में उठा ली .इत्ती मेहनत तो वो अपनी खुद के ब्याह में ना करते .
तो आज बच्चा की कोर्ट मैरिज की पूरी तैयारी थी , बच्चा एक मित्र की मारुती 800 से 2 गवाहों के साथ लालबंगला के आर्य समाज मंदिर पहुंच गये थे , कन्या को अपनी एक सखी के साथ उन्नाव से सीधे वंही पहुंचना था , “ मम्मी लहंगे वाले “ से बच्चा के लिए शेरवानी और कन्या के लिए लंहगा किराये पर ले कर ,मिठाई और दुनियां भर का तीम-तामडा के साथ-साथ फोटोग्राफर के साथ मंदिर पहुंचे . मंदिर के बाद कोर्ट की कार्यवाही निपटाने के बाद शाम को वर- वधू को हरिद्वार के लिए प्रस्थान करना था . पूरा मामला फिट था .
बम-बम पांडे ने पंहुचते ही पंडित को 100 की नोट थमाई और बच्चा को शेरवानी और कर्मकांड जल्दी निपटाने के लिए बोले . बच्चा यादव ने शर्ट के ऊपर से ही शेरवानी पहनते हुए बम-बम के कान में बोले “ गुरु कुछु टेंसन है !
“ का बे अब का हुआ .? “ पांडे धीमे से बोले ताकि मुंह का मसाला न निकल जाये .
“ गुरु ! साढ़े ग्यारह हो रहा है ऊ आई नही अभी तक , फ़ोनों नही लग रहा है .. कलेजा में धक-धक हो रही है “ बच्चा धीमे से बोला .
“ कंटाप मारेंगे सारे तुम्हे .. आ रही होगी ज्यादा चुल्ल ना मचे , और शेरवानी के नीचे सलवार पहनो ससुर के नाती और ई गुलाब का माला डाल के देखो छोट तो नही है “ पांडे जी अभी सुकून के मूड में थे .
3 मिनट बाद बच्चा यादव गले में हार डाले शेरवानी के नीचे पैजामी पहनने के लिए मोहरी में पैर घुसाए ही थे की उनके मोबाईल में “ नायक नही खलनायक है तू “ वाली घंटी बजी . मोहरी में घुसता पैर रुक गया . कन्या का फोन था .
बच्चा फोन उठा के चिल्लाये “ हाँ कंहा हो ..? ‘ जल्दी आओ तुम्हाये लिए लहंगा भी आ गवा है . “
दूसरी तरह से आवाज गूंजी “ बच्चा , सुनो ! हम नही आ रहे है , हमार ब्याह ना हो पाई . हमे माफ़ कर देना अउर हमे भूल जाना . यही हम दोनों के लिए ठीक है “ और हल्की सी कट की आवाज के साथ फोन के साथ बच्चा का भी कट गवा .
बच्चा ने सामने तैयारी करते पंडित को देखा , फोटोग्राफर , वकील , गवाह सब तैयार थे , उसके हाँथ से पैजामा छुट गया और वो बुक्का फाड़ के रोने लगा . बम-बम पांडे इस चिल्ल पौ से विचलित होकर चिल्लाये , “ अबे ! अब का हुआ ...?
“अरे भइया , उसने हम से शादी के लिए मना कर दिया है ..... अब हम का करी ..? “ बच्चा ने रोते हुए अलापा .
‘ अरेरेरेरेरे .....” और बम-बम का ये अरे इतना मुंह खोल कर निकला था की मसाले की पीक सीधा वकील साहब के कोट की जेब में गिरी . और वकील के मुंह से निकला “ धत तेरी की ! अच्छा हुआ अबे ही मना कर दिया , बाद में पलट जाती तो सबका पिछवाडा लाल हो जाता .”
बम-बम को सच में अपने पीछे हल्की सी जलन महसूस हुयी .
फिर कन्या को बहुत फोन मिलाये गए पर मोबाईल बंद हो गवा था , बम-बम ने उन्नाव वाले विमल से कन्या के कमरे में दबिश भी दिलवाई पर सब बेकार . बच्चा यादव शादी से पहले ही विधुर हो गए थे , बच्चा की शेरवानी उतरवाने के बाद बरात ने स्वरूपनगर वाले दवाखाना (माडल शॉप ) की ओर प्रस्थान किया .
पांडे जी के सूत्रों ने खोद के ये खबर निकाली की कन्या और उसका परिवार एक और उम्मीदवार के सम्पर्क में थी , जो मंगलवार को पटवारी ( लेख पाल ) के रूप में फिट हो गया है . और बच्चा यादव ससुर दलाली में ही गली-गली मराते रहे . तो कन्या का ब्याह अब जल्द ही वंही होगा .
तो एकदम से हुए इस बखेड़ा को सुलटाने के लिए शाम को G.T. रोड़ के “ हाईवे चिकन “ पर एक आपात कालीन बैठक का आयोजन किया गया . बम-बम पांडे जँहा अंडा भुजिया के साथ धीमे धीमे किंगफिशर मार रहे थे वंही बच्चा यादव लेग पीस के साथ 20 मिनट मा ही रॉयल स्टैग 4 पैग अंदर कर लिए . खाना आते आते 3 बियर के साथ जंहा पांडे समस्या का समाधान और भुजिया में प्याज खोजने में व्यस्त थे , वंही बच्चा यादव 8 पैग की वजह से कन्या की यादो , नफरत , प्यार , योग , वियोग का काकटेल श्रीदेवी बन कर दिमाग में चढ़ गया और बच्चा बमक उठा
“ बम-बम तुम अजीब ... हो , यँहा हम रडुआ रह गए तुम बियर पी रहे हो ..? भाई मतलब हम तो बर्बाद हो गये और तुम दारूबाजी कर रहे हो ? “
बम-बम महराज को भी जब तक यादव जी का बदला रूप कुछ समझ आये तब तक बच्चा की लात मार के उड़ाई गयी मेज खाने सहित हवा में थी , और मेज पर रखा कडाही चिकन बगल वाली मेज पर बैठ कर माहौल बना रहे डायल 100 की सिपाही वर्दी के अंदर और बाहर था .
अगले 23 मिनट बाद नजीराबाद थाने में बच्चा की मोहब्बत और बम-बम की नेतागिरी का भूत झाड़ा जा रहा था . तीन कंटाप के बाद के बाद बच्चा जंहा अर्धबेहोशी में पहुंचने वाले थे , वंही बम-बम अपने कुरते और थोडा होश में होने की वजह से कूटने से बच गए थे . बमबम ने किसी तरह बच्चा के हनीमून के लिए जोरे गए धन से थाने का रायता समेटा और थाने से निकल कर विजय नगर में 2 कैन से प्यास बुझाने के बाद घर की तरह निकले .
कुछ दिन में खबर मिली की कन्या की शादी की तिथि 18 फरवरी तय होई गयी है , बच्चा और बम-बम ने सारे घोड़े खोल दिए की पटवारी तक पहुंच कर सारा इतिहास , भूगोल बता कर कैसो ये अनर्थ रोका जाये लेकिन सब फुस्स . और ऊपर से कन्या ने एक दिन फोन करके बच्चा को शुध्द हिंदी में समझा दिया कि“ अगर हमारे ब्याह में कौनो हरामीपना किये तो बाप का बता देंगे और फिर वी तुमका ‘पेल के पनारा “ बना दे तो हम से मतलब नही न है “
टाइम निकलने लगा बच्चा यादव ने भी अपने जी पर अंबुजा सीमेंट की बोरिया रख कर तसल्ली की . लेकिन जैसे ही 18 फरवरी आई बच्चा की ह्रदय में आग लग गयी और सुबेरे सुबेरे पहर बिना कुल्ला-मंजन के सीधे बम-बम पांडे के घर पर खड़े हो उन से अपनी आखिरी इच्छा प्रकट की
“ गुरु ! आज उसकी शादी है हम का और कुछू न चाही बस आज उस लौंडे की एक फोटो खींच कर दिखा दो .. हम देखे उनका कौन सा गोविंदा मिलगा है जो हमको लात मार दिए “ बम-बम महराज भी प्यार की चोट समझ रहे थे तो हांमी भर दिए .
18 फरवरी की शाम को बमबम , बच्चा , और बम-बम के एक चेले टिल्लू बर्रा बाई पास के
“ गठबंधन पार्टी लान “ निकले . सचान गेस्ट हॉउस चौराहे की “घनघोर ठंडी बियर “ की दुकान पर बच्चा के दुर्भाग्य पर कई बोलत किंगफिशर की बली चढ़ाने के बाद बम-बम पांडे ने बच्चा को गीता( महाभारत वाली ) का ज्ञान पेला .
बम-बम ने बच्चा यदव को बाई पास के पुल पर खड़ा किया ,( मम्मी कसम दे कर की गम में ट्रक के नीचे ,उपर ना कूद जाए ) ताकि नीचे की अपनी पुरानी प्रेमिका के ब्याह का नजारा देख सके . बमबम पांडे टिल्लू के साथ “ गठबंधन पार्टी लान “ में अंदर हो गये . अंदर
“आये हम बाराती बारात ले कर ...जायेगे दुल्हन को साथ ले कर “ गाना बमक रहा था . और द्वारचार की तैयारी चल रही थी .वँहा बम-बम पांडे अपनी पहचान के कइयो को देख कर फुट लेना सही समझा .
बरात उठ गयी थी . बम-बम महराज “ गठबंधन पार्टी लान “ से निकल कर बरात में घुसे और “ आज मेरी यार की शादी है “ की धुन से नाचना शुरू करके “ नागिन “वाली धुन पर लौड़े की कार ( जिस पर रामचरन संग शैफाली चिपका था ) तक पहुंचे . कार के सामने टिल्लू ने मुंह में रुमाल लगा के सड़क पर नागिन बन कर करतब देखावे लगा . बम-बम ने लड़के को कार से निकलने का इशारा किया . लड़का जैसे ही कार से बाहर आवा बम-बम को लगा उसके सामने
“ राजपाल यादव और नवाजुद्दीन सिद्दीकी मिलाकर कर एक साथ ठाढ़ कर दिए गए है . किसी तरह खुद को सम्हाल कर पांडे बोले “ जीजा हमका नहीं पहिचाना ? और टिल्लू को लात मार के खड़ा करके अपना मोबाईल पकड़ाया “ओये ले जीजा के साथ हमार फोटू खींच “ और जब तक रामचरन कुछ समझे बम-बम लपक कर गले लग गये . टिल्लू ने अलग-अलग पोज में 5 फोटू उतारी .
और पांडे जाते हुए बोले “ जीजा आप बरात ले कर आओ हम और व्यवस्था देख लई जरा , वैसे चूतिया चंद तुम गलत बयाना ले लियो है ,जिंदगी भर कपार पकड़ के टेसुआ बहाओगे “ रामचरन यानीं दुल्हे राजा ने कुछ खातिर मुंह खोलय रहा की टिल्लुआ ना जाने कंहा से लाया बूंदी का लड्डू उनके मुंह में ठूस कर बोला “ जीजा ई हमाई तरफ से . “ और दोनों वंहा से निकल कर सीधे बाईपास के पहुंच कर ही दम मारे .
लड़के की फोटू देख कर बच्चा बुक्का फाड़ हंसी हंसा तब पांडे ने फिर ज्ञान पेला “, मछुआरे मछलियाँ पकड़ते हैं, वे हीरे की ख्वाहिश नहीं करते, न तो उनकी नाव की इतनी हिम्मत होती हैं की उसे ले जा सके और न ही उनकी झोपड़ी में इतनी जगह होती हैं की उन्हें रख पाए. और मेरे बच्चा तुम हीरा हो ससुर के नाती . “
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4 मार्च 2016
शाम के 8.10
स्थान : कोकाकोला चौराहे की मनोज पान भंडार
बम-बम महराज अपने 7 माह के दिल्ली प्रवास के बाद 12 दिन पहले ही कानपुर आये थे , और अपने कई सारे चिंटू चिलान्टुओ चेलो को मुंह में पान भरे दिल्ली दर्शन करवा रहे थे , कि तभी बगल की कैलाश ड़ोंसा वाले के यंहा एक लाल रंग की आई 20 कार आ कर रुकी , और उस से फ्रेंच कट रखे बच्चा यादव एक स्त्री के साथ निकले , बम-बम को देखते ही बच्चा दौड़ के आ कर पैर छुए और बोले ;
“ दादा , .... तुम कंहा थे इत्ता फोन मिलावा , नही मिला , 28 जनवरी को शादी हो गयी हमार , और साथ की महिला की और इशारा करके कहा “ दादा.. ई तुम्हार बहुरिया है सरोज “ सरोज ने बम-बम को नमस्कार किया और बम-बम को यका-याक TV में देखी गयी 75 kg फ्री स्टाइल की पहलवान याद आ गयी . बच्चा लगातार बोले जा रहा था ,” दादा ये गाड़ी भी मिली , बड़ा स्वागत भी हुआ , और बड़ा सामन मिला “
बम-बम ने एक नजर सिंगल चेचिस बच्चा पर डाली और दूसरी उसकी मेहरिया पर और बोले “ हाँ ,बच्चा वो दिख रहा की सब सामान बड़ा मिला है “
और आशीर्वाद देते हुए बोले “ जाओ बे मजे करो ... वैसे अब तुम बच्चा नहीं रहे “
समाप्त
http://www.kissakriti.com/#!कानपुर-की-घातक-कथाएँ-03-बच्चा-यादव-और-बमबम-पांडे/yz2e5/57a5d01d0cf216f61a415956