छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम सिंधुस्तानी, हम सिंधुस्तानी…
चीन की दीवार भेद दी! जूता जापानी भी मोजे और मौज, किसी का न रहा!
गुरुवार को पीवी सिंधू ने जापानी खिलाड़ी नोजोमी को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में जगह बनाई . सिंधू पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जो ओलंपिक्स बैडमिंटन के फाइनल में पहुंची थीं . इससे पहले सिंधू ने क्वार्टर फाइनल में बुधवार तड़के चीनी खिलाड़ी वांग यिहान को हरा दिया था. चीन, जापान को हराने के बाद अपना एक और मेडल पक्का समझो गुरु!
सेमीफाइनल में सिंधू ने नोजोमी को कुछ यूं हराया.
21-19
21-10
क्वॉर्टर फाइनल्स में क्या हुआ था?
हारने वाली 28 साल की वांग यिहान तजुर्बेकार शटलर हैं. 2011 में वो वर्ल्ड चैंपियन थीं और 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.
रोंगटे खड़े कर देने वाले मुकाबले में सिंधू ने उन्हें 22-20 और 21-19 से हरा दिया.
सिंधू बिना किसी दबाव के खेल रही थीं. पहले गेम में 5-6 बार पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 22-20 से जीता. दूसरे गेम के साइन आउट पलों में चीनी खिलाड़ी लगातार 6 पॉइंट ले गईं, लेकिन गेम निकाला सिंधू ने 21-19 से.
सनसनीखेज़ बैडमिंटन, क्रांतिकारी खेल और करिश्माई अंज़ाम!
सिंधू के बारे में कुछ स्पेशल बातें:
1
पुसरला वेंकट सिंधू भी साइना नेहवाल की तरह हैदराबाद से हैं. उन्होंने महबूब अली से शुरुआती गुर सीखे और फिर पुलेला गोपीचंद की नामी अकेडमी से उनके खेल में जान आई. उस वक्त सिंधू के करियर पर एक प्रोफाइल लिखते हुए अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने लिखा था-
‘रोज 56 किलोमीटर ट्रैवल करके ये लड़की टाइम पर कोचिंग कैंप पहुंचती है. यह अच्छी बैडमिंटन खिलाड़ी बनने की उसकी इच्छा, मेहनत और कमिटमेंट की झलक है.’
2
गोपीचंद के मुताबिक, सिंधू के खेल की ताकत है, उसका एटीट्यूड और कभी हार न मानने की स्पिरिट. जानकार उनकी ताकत मानते हैं, उनकी लंबाई, अटैकिंग शॉट्स और संयम न खोने की आदत को. इस ओलंपिक में सारे मैच उन्होंने बिना किसी दबाव के खेले हैं. साइना नेहवाल का आखिरी मैच याद कीजिए. पहला सेट वो हार चुकी थीं, दूसरे में मामला करीबी चल रहा था. लेकिन आखिरी पलों में साइना की बॉडी लैंग्वेज से उन पर 121 करोड़ लोगों की उम्मीदों का बोझ महसूस हो रहा था. सिंधू के खेल की सबसे खास बात अब तक यही रही है कि वो दबाव मुक्त होकर खेली हैं.
3
पीवी सिंधू को खेल की स्पिरिट विरासत में मिली. उनके पिता पीवी रमन्ना और मां पी विजया, दोनों वॉलीबॉल के खिलाड़ी रहे हैं. रमन्ना को तो अपने खेल में शानदार प्रदर्शन के लिए साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है.
4
पीवी सिंधू बैडमिंटन की कई जूनियर चैंपियनशिप जीत चुकी हैं. अंडर-13 कैटेगरी में उन्होंने पुद्दुचेरी में हुए सबजूनियर सिंगल और डबल टाइटल जीता. अंडर-14 51वें नेशनल स्कूल गेम्स में गोल्ड जीता. 2009 से वो इंटरनेशनल जूनियर टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लगीं. 2010 में उन्हें पहली बार भारत की नेशनल टीम में जगह मिली.
5
2013 में जब पीवी सिंधू वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांसा ले आईं तो बहुत सारे लोग उन्हें स्टार शटलर साइना नेहवाल के लिए खतरा बताने लगे. दोनों ने एक छत के नीचे, एक कोच से ट्रेनिंग ली है. लेकिन सिंधू अब तक साइना को हरा नहीं पाई हैं. दोनों तीन बार भिड़े हैं. एक बार, सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में और दो बार, इंडियन बैडमिंटन लीग में. तीनों बार साइना जीतीं. हैदराबाद के कुछ खेल पत्रकार कहते हैं कि दोनों खिलाड़ियों के बीच बहुत दोस्ताना रिश्ते नहीं हैं.
6
2014 में सिंधू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में कांसा जीता. इसी साल उन्हें पहली बार दुनिया के टॉप-10 महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों में जगह मिली.
7
पिछले साल एक इंटरव्यू में सिंधू ने कहा, ‘टॉप-10 में आना भी आसान नहीं होता, लेकिन वहां बने रहना बहुत मुश्किल है. इसके लिए लगातार अच्छा खेलना होता है. जहां तक मेरे वर्ल्ड नंबर एक बनने की बात है, मैं खुद को अभी तीन-चार साल देना चाहूंगी.’
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सिंधू अपना खेल सुधारने के लिए ट्रेनिंग में जबरदस्त मेहनत करती हैं. उनके करीबी बताते हैं कि पिछले 6 सालों से वह सुबह 4.15 बजे उठ जाती हैं. जब ट्रेनिंग सेशन सबाब पर होता है तो वो हफ्ते में 6 दिन 10-12 घंटे प्रैक्टिस करती हैं.
9
2015 में प्रीमियर बैडमिंटन लीग की नीलामी में उन्हें चेन्नई की फ्रेंचाइजी चेन्नई स्मैशर्स ने करीब 63 लाख रुपयों में खरीदा. मलेशियन दिग्गज ली चोंग वेई और भारत की साइना नेहवाल के बाद वो इस लीग की वो तीसरी सबसे महंगी खिलाड़ी थीं.
10
पीवी सिंधू को बिरयानी बहुत पसंद है. उनका शहर भी उम्दा बिरयानी के लिए मशहूर है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मैं हर टाइम बिरयानी नहीं खा सकती (फिटनेस डाइट की वजह से). अपनी डाइट बिगाड़े बिना जब भी मौका मिलता है बिरयानी पेट भरके खाती हूं.’
ओलंपिक के उत्तरार्ध में भारत के वे खिलाड़ी खेल रहे हैं जो सौभाग्य से मीडिया से बने दबाव से दूर रहे या खुद को दूर रखा. उम्मीदें अभी जिंदा हैं मित्रों!
http://www.thelallantop.com/jhamajham/10-things-to-know-about-star-badminton-player-pv-sindhu/