आज बात रेखा की. जिन पर हर कोई बात करना चाहता है. मगर क्या कहें क्या जानें. इस मिस्ट्री के बारे में. इस पहेली को सुलझाने की कोशिश की है टीवी जर्नलिस्ट यासिर उस्मान ने. वह इससे पहले राजेश खन्ना की बायोग्राफी लिख चुके हैं. कुछ तो लोग कहेंगे टाइटल है उसका. और अब ये किताब आई है. रेखा- द अनटोल्ड स्टोरी. इसे जगरनॉट पब्लिकेशन ने छापा है. किताब क्या है, किस्सा है. मद्रास की लड़की का. जिसे बाप ने नहीं कबूला. इंडस्ट्री ने भद्दा कहा. एक्टर्स ने इश्क की खाल में इस्तेमाल किया. फिर छोड़ दिया. जिसे पूरी जिंदगी दूसरी औरत कहा और माना गया. मर्दखोर कहा गया. रेखा के कई किस्से यहां. मगर ये सिर्फ ट्रेलर है. पूरी पिक्चर के लिए किताब पढ़ें. हमें किताब तक पहुंच देने के लिए शुक्रिया यासिर उस्मान.
– रेखा का हस्बैंड मुकेश दिल्ली में रहता था. रेखा ने झगड़े के बाद उससे बात करनी बंद कर दी. वो मुंबई पहुंचा. रेखा की कार के पीछे बारिश में भागा. रोया. मगर रेखा नहीं रुकी.
– रेखा बाईसेक्शुअल हैं. उनकी पर्सनल सेक्रेट्री फरजाना उनकी पार्टनर है. ऐसा मुकेश के घरवालों ने कहा.
– रेखा जब 14 साल की थीं. तब उन्हें एक पहली हिंदी फिल्म के हीरो विश्वजीत ने कैमरे के सामने किस कर लिया. रेखा को इस सीन के बारे में बताया तक नहीं गया था. वह आंख बंद किए रोती रहीं कट होने तक.
– रेखा ने विनोद मेहरा से कलकत्ता में शादी कर ली. दोनों वापस मुंबई में विनोद के घर पहुंचे. विनोद की मां चप्पल लेकर रेखा को मारने दौड़ीं
– रेखा ने इंटरव्यू में कहा, गनीमत है कि मैं अभी तक प्रेग्नेंट नहीं हुई. वैसे शादी के पहले बच्चे करने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
– रेखा को जया ने डिनर के लिए बुलाया. जब वो जाने लगीं तो जया ने कहा, मैं अमित को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ूंगी
रेखा. भानुरेखा गणेशन. दुनिया की नजर में हरामी. एक घटिया शब्द. उन बच्चों के लिए, जिनके मां-बाप ने शादी नहीं की, फिर भी बच्चे कर लिए. रेखा की मां पुष्पवल्ली तमिल एक्ट्रेस थीं. पचास के दशक की. शादीशुदा. तभी उनका केमिस्ट्री लेक्चर से एक्टर बने जेमिनी गणेशन के साथ इश्क शुरू हो गया. दोनों के पहली बेटी हुई भानुरेखा. और भी बच्चे हुए. मगर गणेशन ने कभी उन्हें अपना नाम नहीं दिया. घर और प्यार तो दूर की बात.
पुष्पवल्ली का करियर ढलान पर आया तो रेखा को स्कूल छोड़कर काम करना पड़ा. सब उसे काली मोटी कहते. सब उसका शोषण करना चाहते. मगर रेखा कभी रोकर तो कभी निश्चय कर आगे बढ़ती गई. 14 की उम्र में तमिल सिनेमा छोड़ मुंबई आ गई. ये वो वक्त था, जब अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी भी अपना करियर शुरू कर रहे थे. जब राजेश खन्ना सुपरस्टार बन रहे थे.
रेखा का मुंबई में पहला इश्क हुआ जितेंद्र के साथ
दोनों शिमला में फिल्म एक बेचारा के लिए शूटिंग कर रहे थे. मगर ये जल्द खत्म हो गया. जितेंद्र अपनी एयरहोस्टेस गर्लफ्रेंड शोभा के साथ ज्यादा सीरियस थे. दिल टूटी रेखा को फिर सहारा दिया विनोद मेहरा ने. कहते हैं कि विनोद ही वो इकलौते शख्स थे, जिन्होंने रेखा को उसके पूरे कलेवर में समझा और प्यार किया. मगर दोनों के एक होने में एक दिक्कत थी. विनोद की मां. उन्हें रेखा के मीडिया को दिए बोल्ड बयान पसंद नहीं थे. उसकी इमेज पसंद नहीं थी. एक सांवली मोटी लड़की, जो फिल्म में लटके झटकों के लिए ली जाती है. कैमरा जब उसकी क्लीवेज पर फोकस करता रहता है. और सबसे बड़ी बात, जो कथित रूप से नाजायज है. इन सबके बावजूद रेखा मम्मी जी को मनाने के लिए ट्राई करती रहीं. इसी दौरान खबर आई कि रेखा ने काक्रोच मारने वाला जहर खा लिया है. क्योंकि विनोद शादी के लिए राजी नहीं हो रहे थे. कुछ दिनों बाद दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सफाई दी गई कि रेखा ने जहर नहीं खाया. उनके खाने में काक्रोच था. जिसके चलते फूड प्वाइजनिंग हो गई. इसके कुछ महीनों बाद दोनों की कलकत्ता में शादी हो गई. मगर मम्मी जी तब भी नहीं मानीं. उन्होंने अपने फ्लैट के दरवाजे से रेखा को दौड़ा दिया. कुछ दिनों में ये रिश्ता भी टूट गया. रेखा और विन विन का रिश्ता. रेखा विनोद को इसी नाम से पुकारती थीं.
विन विन के बाद किन किन
फिर रेखा की जिंदगी में एक्टर किरण कुमार आए. मशहूर विलन जीवन के बेटे. उनका करियर भी शुरू ही हो रहा था. रेखा विन विन के जाने के बाद किन किन के साथ खुश थीं. वह प्रेस वालों से अपने इश्क के बारे में बिना किसी लाग लपेट के बात करती थीं. बात जीवन तक भी पहुंची और उन्होंने बेटे पर अंकुश लगा दिया.
रेखा की ‘दीदी भाई’ जया भादुड़ी
उधर अमिताभ बच्चन और जया थे. जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ का करियर चढ़ा. फिल्म की रिलीज के बाद रेखा की अपार्टमेंट मेट जया ने अमित से शादी कर ली. रेखा जया को बहुत मानती थीं. दीदी भाई बोलती थीं. मगर जया ने उन्हें अपनी शादी में भी नहीं बुलाया. रेखा को बुरा लगा. फिर वक्त बीत गया. लगा कि बात खत्म हो गई.
मगर बात को तो शुरू होना था. और इसकी शुरुआत हुई खून पसीना और मुकद्दर का सिकंदर से. रेखा और अमिताभ करीब आए. ये वो दौर था, जब फिल्मी मीडिया ने इमरजेंसी के बाद अमिताभ पर बैन लगा रखा था. अमिताभ ने पलटकर मीडिया पर ही बैन लगा दिया अपनी तरफ से. ऐसे में रेखा गॉसिप की भूखी प्रेस का इकलौता सोर्स थीं. वह सीधे-सीधे उनका नाम नहीं लेतीं. मगर सब कुछ कह देतीं. सिलसिला चलता रहा. और रुका कुली फिल्म के चर्चित एक्सिडेंट के बाद. जया ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सबको आने दिया. मौत से जूझ रहे पति से मिलने. मगर रेखा के लिए दरवाजा बंद था. हालांकि कहा जाता है कि एक अल सुबह सफेद साड़ी में लिपटीं रेखा अमिताभ के कमरे तक गईं. दरवाजे से उन्हें निहारती रहीं और फिर लौट आईं.
पति की मौत के बाद लोगों ने रेखा के फिल्म पोस्टर पर कालिख मली थी
रेखा-अमिताभ की स्टोरी में पॉज आया. और उसके बाद उनकी जिंदगी में आए 80 के दशक के बिलकुल आखिर में मुकेश अग्रवाल. दिल्ली के बर्तन कारोबारी. दोनों ने एक महीने के अंदर शादी कर ली. जल्द ही अलगाव की शुरुआत हो गई. और......