PoK में इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान मानने को राजी ही नहीं है. ये ऑपरेशन 29 सितंबर को हुआ था और अगले दिन से ही पाकिस्तान जपने लगा कि कुछ नहीं हुआ, कुछ नहीं हुआ. मूर्च्छा के बाद कुछ चेतना आई तो कहने लगा कि वीडियो दिखाओ वीडियो. ठीक उसी तरह जैसे गांवों की हर भुतहा कहानी में भूत कहता है, ‘बीड़ी पिलाओ बीड़ी.’
साभार:- The Lallantop
6 दिन ये छीछालेदर देखने के बाद अब आर्मी ने मुंह खोला है और सरकार से कहा कि सेना वीडियो देने को तैयार है. जिसके मुंह पर दे मारना हो, दे मारो. सेना कह रही है कि अगर वीडियो दिखाने से पाकिस्तान के खिलाफ केस मजबूत होता है तो वो वीडियो देने को तैयार हैं.
पाकिस्तान के अलावा भारत में भी सबूत और वीडियो मांगने वालों की तादाद कम नहीं है. सुबह-सुबह पाखाने के बजाय फेसबुक और ट्विटर पर जाने वालों के अलावा अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी सर्जिकल स्ट्राइक के असली होने पर सवाल उठाए थे. केजरीवाल अभी तक पिछले वीडियो से तो उबर नहीं पाए हैं, इस बार वाला वीडियो न जाने क्या गुल खिलाएगा.
हां, एक पेच जरूर है. सेना अपनी तरफ से वीडियो सार्वजनिक नहीं करेगी, क्योंकि सबूत दिखाने पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लेना है. इकनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए सेना के कुछ अधिकारियों ने कहा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक कभी हुआ ही नहीं, सेना चाहती है कि उन्हें सबूत दिखा देने चाहिए.’
सेना में स्ट्रैटिजी बनाने वाले बड़े अफसरों ने कहा है, ‘हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक में उधर कितना नुकसान हुआ है. हमारे पास वीडियो भी हैं और फोटो भी. ऑपरेशन मॉनीटर करने के लिए ये सबूत दिए भी जा चुके हैं. इसमें कोई शक नहीं कि इस ऑपरेशन से आतंकियों का बहुत नुकसान हुआ है.’
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http://www.thelallantop.com/news/indian-army-insists-to-release-video-footage-of-surgical-strike-in-pok/