उड़ी हमले के बाद भारत में माहौल बहुत टेंशन वाला है. इसी टेंशन के बीच 20 सितंबर को देर रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉर रूम में थे.
वॉर रूम साउथ ब्लॉक में है. यहीं पर पीएम ऑफिस है, जिससे सटा है रक्षा मंत्रालय. रक्षा मंत्रालय की इमारत में है सेना का वॉर रूम. ये वो जगह है, जहां से आर्मी की सुरक्षा से जुड़ी हलचल पर नज़र रखी जाती है. वॉर के टाइम यहीं से कंट्रोल किया जाता है.
प्रधानमंत्री के साथ इस वॉर रूम में तक़रीबन दो घंटे तक रहे उनके साथ नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल और तीनों आर्मी के चीफ. देश के सबसे ताकतवर कंट्रोल रूम में मोदी को ख़ुफ़िया जानकारी और दुश्मन के ठिकानों के बारे में बताया गया. प्रधानमंत्री के सामने एक बड़े टेबल पर बाकायदा पाकिस्तान के अहम ठिकानों के नक़्शे रखे गए. नक़्शे पर दुश्मन के ठिकानों की लोकेशन बताने के बाद सैंड मॉडल यानी रेत से बने मॉडल के ज़रिये दुश्मन के हूबहू ठिकानों को सामने रखा गया. तीनों आर्मी के चीफ ने बारी-बारी से प्रधानमंत्री को बताया कि अगर कोई ऑपरेशन होता है, तो सेना कैसे इन ठिकानों पर कार्रवाई करेगी.
खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री के सामने एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया गया. मोदी का वॉर रूम में ये तीसरा दौरा था. इससे पहले वो दो बार वॉर रूम में सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां ले चुके हैं. जो भी कहो इस बार मामला सीरियस है. बुधवार को भी काफी हाई लेवल मीटिंग्स हुईं.
उड़ी आर्मी बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद से सरकार पूरी तरह से हरकत में है. सोशल मीडिया पर दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने का दबाव सरकार पर डाला जा रहा है.