देश में सुबह होते ही सर्जिकल स्ट्राइक के शेयर में उछाल के साथ मार्केट खुलता है. आदमी आज कल इंडिया के नंबर वन टेस्ट टीम बनने की कम और पाकिस्तान के सफाये की बात ज़्यादा कर रहा है. इंडिया कह रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई है. इंडिया यानी भारतीय सरकार. विरोधी कह रहे हैं कि हुई है तो सबूत दिखाइए. अरविन्द केजरीवाल ने गजब की ट्रिक अपनाई है. कह रहे हैं कि पूरी दुनिया नहीं मान रही है तो मोदी जी को वीडियो सबूत दिखाकर सबका मुंह बंद कर देना चाहिए. इन सभी के बीच इंडियन एक्सप्रेस मार्केट में नया मसाला लेकर आया है.
साभार:- The Lallantop
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के चश्मदीद गवाह मौजूद हैं. वो भी एलओसी के उस पार. उन्होंने बताया है कि किस तरह से इंडियन फ़ोर्सेज़ और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई. कैसे और कितने लोग मरे. लड़ाई के बाद क्या-क्या हुआ. ये सभी बातें मालूम चल चुकी हैं. और अगर चश्मदीद बॉर्डर पार के हैं तो झूठ काहे कहेंगे?
आंखों देखा हाल सुनाने वालों ने कहा है कि 29 सितंबर की रात, यानी भोर होने से ठीक पहले, इंडियन आर्मी ने आतंकवादियों पर अटैक किया. उन्होंने बहुत कम वक़्त के लिए गोलियां चलने की बात कही. लेकिन ये भी कहा कि जितनी देर गोलियां चलीं, भरपूर चलीं. बाद में मारे गये आतंकियों की लाशों को ट्रक में भरकर सीक्रेट जगह पर ले जाया गया. साथ ही ये भी बताया कि उस बिल्डिंग को भी इंडियन आर्मी ने ध्वस्त कर दिया, जो आतंकवादियों का इंडियन सीमा में घुसने से पहले आखिरी पड़ाव होती थी.
ये सभी बातें तब सामने आई हैं जब इंडिया लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई है और पाकिस्तान लगातार इस बात को नकारता जा रहा है. पाकिस्तान ने तो ये भी कहा था कि उसके मिलिट्री पोज़ीशन पर छोटी-मोटी गोलीबारी हुई थी और मोर्टार से हमले हुए थे. गवाहों ने उन जगहों के बारे में भी बताया जहां-जहां गोलीबारी हुई थी.
इसके अलावा एक बात जो गवाहों ने भी कही और इंडियन एक्सप्रेस को मिले डॉक्यूमेंट्स में भी पाई जाती है – मरने वाले आतंकियों की गिनती. तमाम जगहों पर जो 38 से 50 आतंकियों के मारे जाने की जानकारी दी जा रही थी, वो शायद ग़लत हो सकती है. मरने वाले आतंकियों की संख्या 38 से काफी कम है.
इन बॉर्डर पार के चश्मदीद गवाहों को अखबार ने उनके इंडिया में रहने वाले रिश्तेदारों के ज़रिये कॉन्टैक्ट किया. साथ ही उनकी जानकारी पूरी तरह से छिपा के रक्खी है.
अटैक की लोकेशन
इन गवाहों में से दो गवाह ऐसे भी हैं, जो उस जगह पर जा चुके हैं, जहां मिलिट्री का आउटपोस्ट और लश्कर द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला कम्पाउंड मौजूद है. ये जगह दुधनियाल में है. दुधनियाल इंडिया के गुलाब नाम के फॉरवर्ड पोस्ट से बस 4 किलोमीटर दूर है. यहां मौजूद अल हवाई पुल वो आखिरी पॉइंट है जहां कुपवाड़ा से घुसने वाले आतंकी अपनी सप्लाई पाते हैं. इसके बाद वो ‘मिशन’ पर निकल पड़ते हैं.
चश्मदीद गवाह ने बताया कि जब गोलीबारी की आवाज़ आई तो कोई भी बाहर नहीं निकला. इसलिए उन्होंने किसी इंडियन सैनिक को नहीं देखा लेकिन अगले दिन उसे लश्कर के लोगों ने बताया कि उन पर रात में हमला हुआ था. अगली सुबह 5 या 6 लाशें एक ट्रक में भरकर सबसे पास वाले बड़े लश्कर कैंप में पहुंचाई गईं.
एक गवाह ने ये भी बताया कि चलहाना में जुम्मे की नमाज़ आतंकियों की मौत का बदला लेने की कसम के साथ ख़तम की गयी. और साथ ही वहां मस्जिद में इस बात की घोषणा की गई कि जल्द ही इंडिया को ऐसा जवाब दिया जाएगा, जिसे वो कभी भी भूल नहीं पाएगा.