EXCLUSIVE: काले धन पर स्ट्राइक को नोट माफियाओं ने बनाया कमाई का जरिया
भारतीय रिजर्व बैंक की इमारत के ठीक पीछे मुंबई की एक संकरी गली मे एक दुपहिया वाहन पर एक अधेड़ महिला और एक युवक बैठे थे. बेशक वो दोनों आम से दिखने वाले हों लेकिन उनके हुलिए पर ना जाइए. वो दोनों काले धन को सफेद करने का काम करते हैं. और वे दोनों वहां नए सौदों को अंजाम देने में लगे हैं. इस बात का खुलासा केवल आजतक/इंडिया टुडे ने किया है.
साभार :- Aajtak
दरअसल उनके ग्राहक वो लोग हैं, जिनके पास 500-1000 के नोटों के तौर पर काला धन जमा है, और वो जल्दी से जल्दी इसे वैध बनाने की फिराक में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की रात को जैसे ही 500-1000 रुपए के नोटों के अवैध होने का ऐलान किया, तभी से ऐसे लोगों के चेहरों पर हवाईयां उड़ती देखी जा सकती हैं.
आजतक/इंडिया टुडे की जांच टीम ने ऐसे दलालों को ढूंढ निकाला जो अवैध नोटों को वैध नोटों में बदलने के गोरखधंधे में लगे हैं. इसमें कुछ बैंक कर्मचारियों की साठगांठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
जांच टीम के अंडर कवर रिपोर्टरों ने खुद को 1 करोड़ रुपए के नोट बदलने की बात कहते हुए दलालों से संपर्क किया और पूछा कि इसके बदले में कितने पैसे देने होंगे और वो भी बिना किसी रिकॉर्ड में उल् लेख किए. इस पर अधेड़ महिला ने जवाब दिया- "आज का रेट 15 फीसदी है. एक लाख रुपए पर 15,000 रुपए."
रिपोर्टर - इसका मतलब एक करोड़ रुपए के लिए 15 लाख रुपए.
महिला- करोड़ के आंकड़े के लिए आप खुद हिसाब लगा सकते हैं.
महिला ने ये भी वादा किया कि वो 100-100 रुपए के नोटों में रकम उपलब्ध करा देगी.
महिला- आप को 100-100 के नोट मिलेंगे.
दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट पर भी आरबीआई की इमारत के पास कुछ अलग नजारा नहीं दिखा.
आजतक/इंडिया टुडे की जांच टीम ने हाईप्रोफाइल एरिया में बेखौफ करेंसी-एक्सचेंज के कारोबार में लगे गजेंद्र शर्मा से संपर्क किया. शर्मा ने कहा- दुनिया जानती है कि हम ये कारोबार करते हैं. कल रात को मुझे कई बड़े लोगों के फोन आए, वो 6 लाख रुपए के अवैध नोटों के बदले 5 लाख रुपए के वैध नोट लेने की बात कर रहे थे.
अंडर कवर रिपोर्टर से शर्मा ने 5 करोड़ रुपए तक का एक्सचेंज बिना किसी परेशानी के करने का वादा किया. शर्मा ने कहा कि सब कुछ बैंक, दोस्त के जरिए अपनी सैटिंग से किया जाएगा. शर्मा के मुताबिक बदली हुई रकम निजी खातों में नहीं जाएगी. इनकी अलग अलग एंट्री दिखाई जाएंगी. शर्मा ने इस सब के लिए फीस कम से कम 10 फीसदी लेने की बात कही.
बता दें कि मंगलवार को सरकार की ओर से काले धन पर करारा प्रहार किए जाने के बाद से देशभर में असमंजस की स्थिति है. जहां आम लोग मंगलवार रात को एटीएम से 100-100 रुपए के नोट लेने के लिए कतार में लगे देखे गए. पेट्रोल पंप पर 500-1000 रुपए के नोटों से पेट्रोल भरवाने के लिए भी लोगों को मशक्कत करते देखा गया. इस सब के बीच आजतक/इंडिया टुडे जांच टीम ने करेंसी के अवैध ठिकानों को भी पूरी तरह गुलजार पाया.
काले धन पर प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक फैसले के सिर्फ 24 घंटे बाद ही अंडरग्राउंड मनी एजेंट्स इसे खुद के लिए कमाई का अच्छा मौका मानते हुए पूरी तरह सक्रिय हो गए. ये दलाल अवैध नोटों को छोटी राशि के नोटों में बदलने की डील करते दिखे.
जांच टीम ने दिल्ली में आरबीआई की बिल्डिंग के पास मनोज नाम के एक दलाल को 1000 के अवैध नोटों को छोटी राशि के नोटों में बदलते देखा. इसी तरह संजीव नाम का एक और दलाल 500 के नोट के बदले 300 रुपए दे रहा था. पहाड़गंज रेलवे स्टेशन के पास करेंसी विक्रेता एक महिला को 1000 रुपए के नोट के बदले 10-10 रुपए के 70 नोट देते देखा गया.
आजतक/इंडिया टुडे जांच टीम को गहराई से पड़ताल करने से पता चला कि काला धन जमा करने वालों ने डिमॉनेटाइजेशन के कदम से भी त्वरित कमाई के जरिए ढूंढ निकाले हैं. वैट से छूट हासिल वाले कुछ व्यापार ियों को अवैध नोटों को 40 फीसदी तक की कीमत पर खरीदते देखा गया. तहकीकात से पता चला कि ऐसे व्यापारियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद से अपनी एकाउंट-बुक्स को बंद नहीं किया.
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि वैट से छूट प्राप्त कारोबारी अवैध नोटों को मूल राशि से 40 फीसदी कम पर लेकर जमा कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि इनका मंसूबा बैंक में ये पैसा जमा कर 30 फीसदी इनकम टैक्स देकर भी 30 फीसदी मुनाफा कमाने का है.