पिछले सप्ताह टर्की में जिस इंसान ने एक शादी में ब्लास्ट कर 51 लोगों को मार दिया, वो मात्र 12 साल का था. ISIS का पाला हुआ बच्चा. इस ग्रुप का ऐसा ही इतिहास है. बच्चों को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं. पीठ पर बम का बैग बांध देते हैं. फिर मरने-मारने के लिए भेज देते हैं.
ISIS के पास बच्चों की एक पूरी फ़ौज है. जिसे ये ‘Cubs of the Caliphate’ यानी ‘खलीफा के शेर’ कहते हैं. अपना स्कूल चलाते हैं. बच्चों को उसमें पढ़ाते हैं. इस्लाम की नई परिभाषा बताते हैं. झूठी कहानियां सुनाई जाती हैं. प्रैक्टिकल के नाम पर लोगों के सिर काट कर दिखाए जाते हैं. ISIS के कई वीडियो ऐसे हैं, जिनमें बच्चों से ही सिर कटवाए जा रहे हैं.
इन बच्चों का सबसे खतरनाक हमला 25 मार्च 2016 को बगदाद में हुआ था. जब एक फुटबॉल मैच के बाद ट्रॉफी दी जा रही थी. एक कम उम्र का लड़का घूमते हुए आया और ब्लास्ट कर दिया. उस ब्लास्ट में मरे ज्यादा बच्चे ही थे. बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक इस संस्थान ने बहुत ज्यादा बच्चों को किडनैप कर लिया है. ट्रेनिंग देकर आतंकवादी बनाने के लिए. बहुत सारी लड़कियों को भी किडनैप किया गया है सेक्स स्लेव बनाने के लिए.
इनके अलावा और भी ग्रुप हैं जो बच्चों का इस्तेमाल करते हैं:
बोको हरम
इस आतंकी संगठन के बारे में बताते हुए UNICEF ने कहा है कि अफ्रीका महादेश के नाइजीरिया, कैमरून और चाड में हुए हर 5 ब्लास्ट में से एक बच्चों से करवाए जाते हैं. नाइजीरिया में बोको हरम ने 2009 से ब्लास्ट शुरू किया था. तब से अब तक इन लोगों ने हजारो लड़कों और लड़कियों को किडनैप कर लिया है. अभी कुछ महीने पहले ये लोग नाइजीरिया के एक स्कूल से 300 लड़कियों को उठा ले गए थे. ब्लास्ट करवाने के अलावा ये उनका इस्तेमाल सेक्स के लिए भी करते हैं. कुछ लड़कियां जो किसी तरह भाग आई थीं, अब तक उन सदमों से उबर नहीं पाई हैं.
अल कायदा
लादेन की मौत के बाद ये संगठन इराक में ही ज्यादा हमले करता था. 2006 में मारे गए अल कायदा के जरकावी ने ही इराक में बच्चों से हमले करवाने का रिवाज शुरू किया था. इसी संगठन के लोग धीरे-धीरे अपना रूप बदलकर ISIS बन गए.
http://www.thelallantop.com/news/child-as-suicide-bomber-in-turkey-terrorist-blast/