क्यों भय्या वाई-फाई चलाते हो. जियो शुरू होने पर तो वाई-फाई कुछ ज्यादा ही चल गया. वो क्या है न कि 3G और 2G मोबाइल वाले जियो वाले भय्या से कहते हैं. ऐ भय्या चलाओ न वाई-फाई. फला चीज डाउनलोड करनी है. वो सब तो ठीक है. लेकिन ये वाई-फाई का जो नामकरण करते हो न, जरा संभल के ही करना. ‘वायरस’ नाम रखते हो तो कभी ‘डॉन’. और भी पता नहीं क्या क्या. यहां तक तो सही है क्योंकि वायरस को कोई रखना नहीं चाहता और डॉन को कोई पकड़ नहीं पाता. बस आईएसआईएस से मिलता जुलता नाम मत रख देना अपने वाई-फाई का. ये बात इसलिए बता रहे हैं एक लौंडे ने रख दिया ऐसा ही नाम और पुलिस ने धर दबोचा. कोर्ट ने भी सुना दी तीन महीने की जेल.
फ्रांस की कोर्ट का मामला है. 18 साल का लड़का है. उसने अपने घरेलू वाई-फाई का नाम रखा था ‘डैश21.’ अब आप सोच रहे होंगे इसमें गुनाह क्या है. तो गुनाह है भाई साहब. डैश21 का इस्तेमाल अरेबिक में आईएसआईएस के लिए होता है.
मुलजिम के वकील करिमा मनहौली का कहना है कि फ्रांस में आतंकवाद मसले पर सिमपैथी के लिए कोई जगह नहीं है. भले ही उसने वाई-फाई का नाम डैश21 रखा था. लेकिन उसका मकसद कोई गैर कानूनी काम अंजाम देना नहीं था. बस मामला इसलिए पेचीदा हो गया क्योंकि डैश21 शब्द का इस्तेमाल आईएसआईएस के लिए होता है. ये उसका बेहद ही बेवकूफी वाला काम था. और ऊपर से वो कोर्ट को ये नहीं बता पाया कि आखिर उसने नेटवर्क का नाम डैश21 क्यों रखा.
कोर्ट में ये मामला उस वक्त पहुंचा जब उसके पड़ोसी ने अपने वाई-फाई में नेटवर्क पर डैश21 नाम हाईलाइट होते देखा. उसने पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया. पुलिस ने पड़ताल की. लेकिन पुलिस को आईएस से कोई लिंक नहीं मिला. इसके बाद कोर्ट ने उसे सजा के दो ऑप्शन दिए पहला ये कि वो किसी कम्युनिटी सेंटर में 100 घंटे सेवा करे. नहीं तो दूसरी सजा भुगते. दूसरी सजा कोर्ट ने तीन महीने की जेल सुनाई. लड़के ने कम्युनिटी सेंटर में काम करने से मना कर दिया. यानी अब तो जेल की रोटी खानी पड़ेगी.
तो क्या सबक लिया. भले की बात है. ऐसा कोई नाम मत रख लेना कि आपको भी जेल का मुंह देखना पड़ जाए.