‘छोड़िए’, तीन अक्षरों के इस शब्द में महात्मा गांधी के तीनों बंदर हैं. बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो. आधुनिकता की दौड़ में शामिल प्रतिभागियों के पास समय का अकाल है. दौड़ को जीतने के लिए नैनो सेकेंड का वक्त भी जाया नहीं होना चाहिए. बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो कहने में कई सेकेंड का वक्त लगता है. आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. तो प्रतिभागियों ने समय बचाने के लिए छोड़िए की खोज की.
ग्राहक अधिकतम मूल्य पर मोल-भाव कर सकता है.
छोड़िए.
ग्राहक को चिरकुट समझ रखा है क्या?
ऑटो वाला किराया अधिक ले रहा है.
छोड़िए.
कौन इनसे बहस करे.
सड़क पर दुर्घटना हुई. सड़क पर पड़ा घायल कराह रहा है.
छोड़िए.
कौन पुलिस के पचड़े में पड़े.
मोहल्ले में मवाली आ गया.
छोड़िए.
शरीफ, मवालियों के मुंह नहीं लगते.
शरीफों के मोहल्ले में अन्याय करने वाला बदमाश आता है तो शरीफ अपने घरों के दरवाजे खिड़कियां बंद लेते हैं. कुछ शरीफ रोशनदान पर दफ्ती लगाकर रोशनदान का रास्ता भी बंद कर देते हैं. डर लगा रहता है कि बदमाश रोशनदान के रास्ते भी घर में घुस सकता है.शरीफ बनने के लिए अन्याय सहना पड़ता है. अन्याय सहने की क्षमता जितनी अधिक होती है, शराफत को उतनी अधिक प्रसिद्धि मिलती है. रोशनदान का रास्ता बंद कर अन्याय को रोकने वाले उच्चतम दर्जे के शरीफ होते हैं.
शरीफों की आबादी अधिक हो जाने पर मोहल्ले का नाम देश हो जाता है.
बिजली का कनेक्शन लिया.
दो हजार रूपये धरोहर राशि के रूप में जमा किया.
सात साल बाद कनेक्शन कटवाया. वापस मिले दो हजार रूपये ही.
दो हजार का सात साल का ब्याज कहां गया?
छोड़िए, देश के जिम्मेदार नागरिक बनिए.
समय से आयकर जमा करिए. क्योंकि देश आपके पैसों से ही चल रहा है.विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया.
दो हजार रूपये धरोहर राशि के रूप में जमा किया.
सात साल बाद टीसी कटवाई. वापस मिले दो हजार रूपये ही.
दो हजार का सात साल का ब्याज कहां गया?
छोड़िए, देश के जिम्मेदार नागरिक बनिए.
समय से आयकर जमा करिए. क्योंकि देश आपके पैसों से ही चल रहा है.ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया.
दो हजार रूपये धरोहर राशि के रूप में जमा किया.
सात साल बाद कनेक्शन कटवाया. वापस मिले दो हजार रूपये ही.
दो हजार का सात साल का ब्याज कहां गया?
छोड़िए, देश के जिम्मेदार नागरिक बनिए.
समय से आयकर जमा करिए. क्योंकि देश आपके पैसों से ही चल रहा है.रसोई गैस का कनेक्शन लिया.
दो हजार रूपये धरोहर राशि के रूप में जमा किया.
सात साल बाद कनेक्शन कटवाया.
वापस मिले दो हजार रूपये ही.
दो हजार का सात साल का ब्याज कहां गया? कहां गया? डेढ़ लाख का बकाया आयकर जमा करने में चला गया.प्राइवेट कोचिंग में प्रवेश लिया. दो हजार रूपये धरोहर राशि के रूप में जमा किया. सात साल बाद नाम कटवाया. वापस मिले दो हजार रूपये ही. दो हजार का सात साल का ब्याज कहां गया? क्या ये भी डेढ़ लाख करोड़ का बकाया आयकर जमा करने में चला गया?
http://www.thelallantop.com/jhamajham/satire-on-indians-habit-of-saying-leave-it-by-vibhanshu-keshav/