क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रिंक नहीं कर सकते? अगर करेंगे तो क्या जनता उन पर सवाल उठाएगी?
7 सितम्बर 2016 को लाओस में नरेंद्र मोदी, बराक ओबामा और ब्रुनेई के सुल्तान हसनाल बोल्किया एशियान समिट में मिले. वहां इन लोगों ने टोस्ट रेज किया. मतलब मीटिंग के सम्मान में ड्रिंक हाथ से उठाकर ऊपर की तरफ ले जाते हैं. ये रिवाज वेस्टर्न देशों का है. हमारे यहां इस तरह का रिवाज नहीं है.
उसके बाद Reuters ने नरेंद्र मोदी और ओबामा की ये फोटो जारी की.
पर इस फोटो के आते ही जनता एकदम बौखला गई है. बहुत सारे लोग कह रहे हैं कि ये फोटो नकली है. नरेंद्र मोदी ऐसा कर ही नहीं सकते. उनको बदनाम किया जा रहा है. वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि ‘असलियत’ सामने आ गई है. ‘गलत काम’ कर रहे हैं मोदी.
नरेंद्र मोदी तो बस एक इंटरनेशनल मीटिंग की औपचारिकता निभा रहे थे. हो सकता है, उन्होंने ड्रिंक किया हो. हो सकता है, ना किया हो. किया भी हो, तो हमें नहीं पता कि उस ग्लास में क्या था.
पर क्या ये आहत होने का मामला है?
अगर वो ड्रिंक करते भी हों, तो ये उनका नितांत निजी मामला है. हम ये तो नहीं कह सकते कि ड्रिंक करने से नरेंद्र मोदी ख़राब हो गए. गलत काम कर दिया. आखिर नेता अपनी पर्सनल लाइफ तो रख ही सकता है. उससे हमको क्यों सरोकार होना चाहिए?
कनाडा के प्रधानमंत्री एकदम मस्ती में रहते हैं. देखिये:
तो फिर हम अपने नेताओं पर इतने प्रतिबन्ध क्यों लगाना चाहते हैं?