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बदलता बच्चो का परिवेश एक चिंतनीय

16 फरवरी 2017

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बदलता बच्चो का परिवेश एक चिंतनीय

मित्रों, आज बहुत दिनों से बच्चो के बदलते परिवेश को देखते हुए मानस पटल पर एक पीड़ा व् चिंतन उभर रहा है ! विचारों का प्रवाह किसी भंवर की तरह फिर मंथन कर रहा है शायद सारी बातें लिखना इतना आसान ना होगा फिर भी कोशिश है कि सम्पूर्ण विचारों का एक अंश मात्र ही लिख सकूँ तो बेहतर होगा आज इसी विषय पर लिखने बैठा हूँ मेरा लेख न व् पीड़ा तभी सार्थक होगी जब आप स्वय इस विषय पर चिंतन करेंगे अब मुख्य विषय पर ............!!
मैं और आप उस पीढ़ी है ! जिसने की कुछ स्वतंत्रता प्राप्ति के चंद वर्षो बाद में अपनी आँखें खोली और जो इस देश के साथ बड़े होते गए आज युवा से बुजुर्ग की और अग्रसर हो रहे है। मगर बात है कि देश जवानी के दौर में है। मेरी व् आपकी पीढ़ी वो पीढ़ी हे जो चिमनी व् लालटेन से कंप्यूटर तक की यात्रा की है। हमारी पूर्व पीढ़ी ने युद्ध और शांति के अध्याय पढ़े हैं।और हमारी पीढ़ी ने भ्रष्ट नेताओ और राशन की पँक्तियों में खड़ी ग़रीबी देखी है और आज चमचमाते मॉलों में, विदेशी ब्रांड के लिए नौजवानों की पागल भीड़ देख रही है। मगर आज के युवा के इस बदलते परिवेश को जब हम देखते है तो एक अलग अनुभूति होती है ! हमारे भारतीय सस्कृति में सयुंक्त परिवार प्रथा का प्रचलन प्राचीन काल से होता आया है ! जिसमे समस्त परिवार ,मुखिया के संचालन में ही संचलित होता था। परिवार के समस्त सदस्यों के कार्यो का विभाजन मुखिया के सहमत से ही होता था! परिवार के सभी सदस्य बिना किसी भेदभाव के एक ही छत के नीचे एक ही सांझे चूल्हे पर परिवार के वयोवृद्ध मुखिया की छत्र छाया में जीवनयापन करते थे। परन्तु आज के परिद्रश्य में हम उन्नत एवं प्रगति व विकास की दुहाई दे कर हम रिश्तों की उस खुशनुमा जिन्दगी को खोते जा रहे है और हम उस प्रथा को छोड़ने को मजबूर है। सयुंक्त परिवार मे अपने से बड़े व वृद्ध का मान ,सम्मान तथा उनकी भावनाओ को पूर्ण रूप से सम्मान दिया जाता था परन्तु आज के विकसित एकल परिवार में उक्त का विघटन होता जा रहा है एक दूसरे के प्रति प्रेम और सौहार्द तथा भाईचारे की भावना समाप्त होती जा रही है !यह एक चिंतनीय विषय है आज यदि अपने आसपास नज़र डाली जाये, आसपास ही क्यों यदि अपने घरों में भी झांका जाये तो साफ़ पता चल जाता है कि बच्चे अब बहुत बदल रहे हैं । हां ये ठीक है कि जब समाज बदल रहा है, समय बदल रहा है तो ऐसे में स्वाभाविक ही है कि बच्चे और उनसे जुडा उनका मनोवि ज्ञान , उनका स्वभाव, उनका व्यवहार सब कुछ बदलेगा ही। मगर सबसे बडी चिंता की बात ये है कि ये बदलाव बहुत ही गंभीर रूप से खतरनाक और नकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर है। आज नगरों , महानगरों में न तो बच्चों मे वो बाल सुलभ मासूमियत दिखती है न ही उनके उम्र के अनुसार उनका व्यवहार। कभी कभी तो लगता है कि बच्चे अपनी उम्र से कई गुना अधिक या कहू हमसे ज्यादा परिपक्व हो गये हैं। ये इस बात का ईशारा है कि आने वाले समय में जो नस्लें हमें मिलने वाली हैं..उनमें वो गुण और दोष ,,स्वाभाविक रूप से मिलने वाले हैं , जिनसे आज का समाज खुद जूझ रहा है।बदलते परिवेश के कारण आज न सिर्फ़ बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से अव्यवस्थित हो रहे हैं बल्कि आश्चर्यजनक रूप से जिद्दी , हिंसक और कुंठित भी हो रहे हैं। जिसका नतीजा सामने है पिछले एक दशक में ही ऐसे अपराध जिनमें बच्चों की भागीदारी में बढोत्तरी हुई है। इनमें गौर करने लायक एक और तथ्य ये है कि ये प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा,शहरी क्षेत्र में अधिक रहा है। बच्चे न सिर्फ़ आपसी झगडे, घरों से पैसे चुराने, जैसे छोटे मोटे अपराधों मे लिप्त हो रहे हैं..बल्कि चिंताजनक रूप से नशे, जुए, गलत यौन आचरण,फ़ूहड और फ़ैशन की दिखावटी जिंदगी आदि जैसी आदतों में भी पडते जा रहे हैं। बच्चों मे आने वाले इस बदलाव का कोई एक ही कारण नही है। इनमें पहला कारण है बच्चों के खानपान में बदलाव। आज समाज जिस तेजी से फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड की आदत को अपनाता जा रहा है उसके प्रभाव से बच्चे भी अछूते नहीं हैं। बच्चों के प्रिय खाद्य पदार्थों में आज जहां, चाकलेट, चाऊमीन, तमाम तरह के चिप्स, स्नैक्स, बर्गर, ब्रेड आदि न जाने में तो नाम व् स्वाद भी नही जानता शामिल हो गये हैं ! परिणाम स्वरुप कहावत है "जेसा खाए अन्न वेसा होए मन" वहीं, फ़ल हरी सब्जी ,साग दूध, दालें जैसे भोज्य पदार्थों से दूरी बनती जा रही है। इसका परिणाम ये हो रहा है कि बच्चे कम उम्र में ही मोटापे, रक्तचाप, आखों की कमजोरी,हर्दयाघात और उदर से संबंधित कई रोगों व् सबसे भयानक मधुमेह का शिकार बनते जा रहे हैं। भारतीय बच्चों मे जो भी नैतिकता, व्यवहार कुशलता स्वाभाविक रूप से आती थी, उसके लिये उनकी पारिवारिक संरचना बहुत हद तक जिम्मेदार होती थी। पहले जब सम्मिलित परिवार हुआ करते थे., तो बच्चों में रिश्तो की समझ, बडों का आदर, छोटों को स्नेह, सुख दुख , की एक नैसर्गिक समझ हो जाया करती थी। उनमें परिवार को लेकर एक दायित्व और अपनापन अपने आप विकसित हो जाता था। साथ बैठ कर भोजन, साथ खडे हो पूजा प्रार्थना जो अभी दुर्लभ हो गयी है ! पूजा पाठ का स्थान आज व्हट्स अप , फेसबुक ने ले लिया है ! सभी पर्व त्योहारों मे मिल कर उत्साहित होना, कुल मिला कर जीवन का वो पाठ जिसे लोग दुनियादारी कहते हैं , वो सब सीख और समझ जाया करते थे। आज इस बात पर में मुख्य रूप से चिंता जाहिर करता हु कि आज जहां महानगरों मे मां-बाप दोनो के कामकाजी होने के कारण या पिता सिर्फ अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते हुए रुपयों के पीछे भाग रहा है ! बच्चे दूसरे माध्यमों के सहारे पाले पोसे जा रहे हैं या पथ से भ्रमित हो रहे है , वहीं दूसरे शहरों में भी परिवारों के छोटे हो जाने के कारण बच्चों का दायरा सिमट कर रह गया है । इसके अलावा बच्चों में अनावश्यक रूप से बढता पढाई का बोझ, माता पिता की जरूरत से ज्यादा अपेक्षा, और समाज के नकारात्मक बदलावों के कारण भी उनका पूरा चरित्र ही बदलता जा रहा है । यदि समय रहते इसे न समझा और बदला गया तो इसके परिणाम निसंदेह ही समाज व् परिवार के लिये आत्मघाती साबित होंगे।
उत्तम जैन विद्रोही
मो- 8460783401
उत्तम जैन (विद्रोही ) ब्लॉग: बदलता बच्चो का परिवेश एक चिंतनीय
रेणु

रेणु

ये आज के माता - पिता कि दुखती रग है उत्तम जी -- बच्चों को बचपन से ही अपना काम स्वयं करने की आदत होनी चाहिए और उन्हें खेल या उनकी पसंद की गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना चाहिए | संस्कारों के लिए माँ बाप का खुद का आचरण भी अच्छा हो तो बच्चे काफी चींजे बिना समझाए समझ जाते है | पर इन सबके बावजूद आज के बच्चों का आचरण चिंता का विषय तो है ही | बहत विचारणीय मुद्दा है | शुभकामना

16 फरवरी 2017

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स्वार्थ परस्त राजनीति- ओछी राजनीति का नमूना

8 अक्टूबर 2016
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सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर जब से राजनीति शुरू हुई उस विषय पर मंथन करने पर एक ही विचार मानस पटल पर आता है ! राजनीति की कोई जाती नही होती न असूल होते है ! सच को झूठ व झूठ को सच साबित करने मे या आक्षेप लगाना राजनीतिज्ञो के खून मे बसा हुआ है ! जब हमारे देश का हर नागरिक चिंति

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कूटनीति से पाक आवाम ही आतंकवाद के खिलाफ उठ खड़ी होगी

9 अक्टूबर 2016
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भारतीय सेना की ‘सर्जिकल स्ट्राइक” के बाद से ही पाक बुरी तरह बौखलाया हुआ है। वह इसका बदला लेने के लिए तमाम तरह के जतन कर रहा है। कभी वह गुब्बारे-कबूतरों आदि के जरिए हमें धमकाने वाले संदेश भेजता है, तो कभी सीमा

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हो रही है पाक की पतलून ढीली

10 अक्टूबर 2016
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हमारे देश भारत की ‘सर्जिकल स्ट्राइक” की चोट सही जगह पर पड़ी है। इसको लेकर भले ही भ्रम हो कि 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात हुई सैनिक कार्रवाई में कितने आतंकवादी मरे, लेकिन अब यह साफ है कि पाकिस्तान के सैन्य-खुफिया तंत्र और सियासत में इसकी वजह से अब तक हलचल मची है। भारत ने ‘स

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टांग खींचना बंद करो .

17 नवम्बर 2016
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टांग खींचना बंद करो .... मैं उत्तम जैन एक आम आदमी हूँ यह आप सभी को विदित है और काफी समय से देश में जो चल रहा है उसे समझने की कोशिश कर रहा था ओर कर भी रहा हूँ सरकार द्वारा काला धन और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए 1000 और 500 के नोट बन्द करने के फैसले से मुझे भ्रष्टाचार और काले धन से मुक्ति की उम्मीद की

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भ्रष्टाचार और काले धन से निजात के सुनहरे सपनों मे एटीएम के बाहर ठंड में ठिठुर रहा आम आदमी ------

19 नवम्बर 2016
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मित्रो 10 दिन से पूरा देश कतार मे है पूरे 1 दिन नही 2 दिन नही 10 दिन हो गए आज भी बेंकों मे रुपए जमा करना ओर फिर निकालने के जुगाड़ मे लोगो को दमा की बीमारी हो गयी बिचारी आम जनता की साँसे फूल रही है ! वेसे हिंदुस्तानी जनता इतनी भोली है की कोई 10 व्यक्ति गधे को शेर व शेर को गधा बोल दे तो 10 से आगे सभी व

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एक विचारणीय विषय - राजनीती का धर्म या धर्म की राजनीती

5 जनवरी 2017
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एक विचारणीय विषय -राजनीति का धर्म या धर्म की राजनीतिवर्तमान समय में और विशेषकर भारत के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक नेतागण, इस बात की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं कि धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. यह इस लिए प्रबल समस्या बन गई है कि राजनीति के काम में सब जगह धर्मों के अनुयायी अपने-अपने धर्म को रा

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मेरे जेहन मे उठते विचार ओर विधानसभा चुनाव की घोषणा

5 जनवरी 2017
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निर्वाचन आयोग के विधान सभा 2017 के लिए पांच राज्यों में चुनाव तिथियों के घोषणा करते ही आचार संहिता लागू हो गई और ठंड के मौसम में भी सियासी पारा अचानक बढ़ गया और एक्जिट पोल का खेल भी शुरू हो गया। सबसे बड़े राज्

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सच्चाई संसार का सारभूत तत्त्व है : आचार्यश्री महाश्रमण

5 जनवरी 2017
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आगोमनी (असम) जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, मानवता के मसीहा, अखंड परिव्राजक आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ गोलकगंज से पन्द्रह किलोमीटर का विहार कर असम यात्रा के अंतिम पड़ाव स्थ

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ज्योतिष व शास्त्रो के अनुसार नौ आदते आपके जीवन में अवशय होनी चाईए – पढ़े और सभी को बताए

7 जनवरी 2017
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www.vidrohiawaz.com१)::अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित हैकि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! यश,मान-सम्मान में अभिवृध्दि होगी।२)::जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है

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भारत का विकास - मिडिया की भूमिका - जनता से अपेक्षा

11 जनवरी 2017
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भारत का विकास - मीडिया की भूमिका - जनता से अपेक्षा अगर मे एक कड़वा सच कहु तो हमारा देश भारत बहुत ही ग़रीब देश है. यहाँ हम किस स्तर तक ग़रीब हैं इसे जताने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ग़रीब देशों की सूची का उल्लेख नहीं करूंगा . साथ ही अन्य ग़रीब देशों की सूची में भारत किस पायदान पर है उसका उल्लेख भी नहीं कर

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आज की राजनीति व राजनीतिज्ञ

21 जनवरी 2017
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जिस तरह से हमारे नेता ईमानदार अफसरों और सैनिकों के बारे में टिप्पणी कर रहे हैं, वह न केवल निंदनीय है, बल्कि भर्त्सना के योग्य है। विडंबना है कि देश को ईमानदार कर्मचारियों, कर्तव्यनिष्ठ अफसरों व देशभक्त सैनिकों की आवश्यकता है, वहीं हमारे ये सफेदपोश नेता भ्रष्टाचार में गले

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मानसिक तनाव: इस युग की महाव्याधि मुख्य भूमिका फेसबूक व व्हट्स अप

24 जनवरी 2017
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तनाव आज जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। बच्चा, बूढ़ा, अमीर-गरीब, बुद्धिजीवी-श्रमशील, पुरुष-स्त्री सभी इससे ग्रसित हैं। अतः आज के युग को यदि तनाव युग कहें तो कोई अतिशयोक्ति न होगी।आज ऐसे व्यक्ति की कल्पना असम्भव

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अरविन्द केजरीवाल ...चरम सीमा पागलपन की

28 जनवरी 2017
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नोट - इस ब्लॉग को राजनीतिक रंग न दे लेखक के वेचारिक स्वतन्त्रता के तहत स्वतंत्र विचार है लेखक - उत्तम विद्रोही .............................................भारतीय राजनीति मुझ जेसे साधारण पत्रकार उत्तम विद्रोही को आज तक समझ मे नही आई क्यू की राज नेता का स्तर इतना गिरा हुआ है की मुझ जेसा एक साधारण

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दर्शनविशुद्धि भावना

28 जनवरी 2017
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⁠⁠_मिच्छत्तं वेदन्तो जीवो विवरिय दंसणो होदिणय धम्मम रोचेदि तु मुहरं खु रसं जहां जरिदो।।अर्थात जब जिव मिथ्या परिणामो का वरण करेगा,वह विपरीत श्रद्धान वाला हो जायेगा, जैसे पित्त ज्वर से पीड़ित जिव को मीठा भी अच्छा नहीं लगता,उसी तरह मिथ्या जिवको धर्म रुचिकर नहीं लगता,तात्पर्य है कि जिन्हें धर्म में रूचि

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वर्तमान में महिला का स्वरुप एक व्यंग

28 जनवरी 2017
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एक व्यंग ....पोस्ट से पहले में आप सभी महिला मित्रो को स्पस्ट कर देना चाहता हु यह वर्तमान पर एक व्यंग मेरा महिलाओ के सन्मान को ठेश पहुचना उदेश्य नहीनारी शक्ति के अलग-अलग रूपों क

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लोकतन्त्र के चुनावी महापर्व के झुमले उलझती जनता – उत्तम विद्रोही की बेबाक बात

30 जनवरी 2017
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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और चुनाव किसी भी लोकतंत्र का महापर्व होते हैं ऐसा कहा जाता है। पता नहीं यह गर्व का विषय है या फिर विश्लेषण का कि हमारे देश में इन महापर्वों का आयोजन लगा ही रहता है । कभी लोकसभा कभी विधानसभा तो कभी नगरपालिका के चुनाव। लेकिन अफसोस की बात

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चुनावी मौसम गिरगिट का बदलता रंग

31 जनवरी 2017
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चुनाव का मोसम गिरगिटों(राजनेता ) का बदला रंग - उत्तम विद्रोही बेबाक http://vidrohiawaznews.blogspot.com/2017/01/blog-post_98.htmlचुनाव का मोसम गिरगिटों(राजनेता ) का बदला रंग - उत्तम विद्रोही बेबाक......चुनावो की घोषणा जेसे ही होती है रहनुमा बनने वाले नेताओ व पार्टी के कुनबे के कथित गरीब , शिष्टाचा

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माँ का एक झूठ आज पकड़ ही लिया

3 फरवरी 2017
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मैं नित्य अपने मन मे उभरते हुए विचारो को कलम के माध्यम से ब्लॉग द्वारा अपने विचारो को रखता हु व आप सभी मित्रो से साझा करता हु आज मेरी माँ का एक ममतामयी झूठ मेने देखा वह झुठ मेरी माँ ने मुझसे बोला मे तुरंत समझ भी गया की मेरी माँ मुझसे झुठ बोल रही है आंखो मे आँसू भर आए माँ के ममतामयी झुठ से सोचा क्यू

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उत्तम( विद्रोही) जैन का श्रीमति सोनिया गाँधी जी के नाम खुला पत्र

4 फरवरी 2017
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विद्रोही आवाज -ब्लॉग , समाचार: उत्तम( विद्रोही) जैन का श्रीमति सोनिया गाँधी जी के नाम खुला पत्रआदरणीया सोनिया जी,.सर्वप्रथम तो मैं आपके शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ के लिए अपनी शुभकामना प्रेषित करता हूँ क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति दीर्घावधि से चिंताजनक बनी हुई है और जो सूचनाएं मुझे सार्वजनिक संचा

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अखिलेश का मायावती पर निशाना

8 फरवरी 2017
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अखिलेश का मायावती पर निशानायूपी सीएम अखिलेश यादव आज कई रैलियों को संबोधित करेंगे। इसी कड

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तमिलनाडुः एडम्क एमएलए की बैठक में शशिकला को १३१ सदस्यों का समर्थन

8 फरवरी 2017
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तमिलनाडुः एडम्क एमएलए की बैठक में शशिकला को १३१ सदस्यों का समर्थनअखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव वी के शशिकला ने आज पार्टी में पार्टी विधायकों की आपात बैठक बुलाई जिसमें राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर विचार विमर्श किया गया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में अन्नाद

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जीवन के ये रिश्ते नाते स्वार्थ से भरे है - आपकी भूमिका व कर्तव्य

9 फरवरी 2017
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Thursday, 9 February 2017जीवन के ये रिश्ते नाते स्वार्थ से भरे है - आपकी भूमिका व कर्तव्य दो लोगों के बीच में पारस्परिक हितों का होना, बनना और बढऩा रिश्तों को न केवल जन्म देता है बल्कि एक मजबूत नींव भी प्रदान करता है, लेकिन जैसे ही पारस्परि

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पुस्तके पढ़ना व् लेखन मेरा शोख

9 फरवरी 2017
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पुस्तके पढ़ना व लेखन मेरा शोख हमें यह पहला समझना चाहिए कि शौख माने क्या है ? मेरे विचार में शौख उस कार्य का नाम है जो कोई अपने रोज़ी कोरोबारों से अलग अन्य कोई कार्य अपनी मानसिक तुष्टि एवं तृप्ति के लिए स्वतः चुनकर करते हैं।पुस्तकों का अध्ययन व लेखन मेरा सब से पसंदीदा शौक है। मुझे जब भी मौका मिलता है

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हैरानी है जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातान्त्रिक देश है

10 फरवरी 2017
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हैरानी है जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्रिक देश है http://virohiawaz.blogspot.com/2017/02/blog-post_10.html

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तेरे दिल में जलता है दीपक मेरे प्रेम का

12 फरवरी 2017
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तुम्हें जो देखा तो पलको तले लाखो दिये से देखो जलने लगे .... तुम हो मेरी धड़कन , फिर जिस्म में क्यों नही धडकती हो ...... तुम हो मेरी सांस , फिर क्यों इस तरह उखड़ती हो ?……तू जो नही तो केसी खुशी ?मायूसी मे डूबी ह

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प्रेम दिवस ....

14 फरवरी 2017
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प्रेम दिवस ---किसी शायर की ये पंक्तिया...अपना दिल पेश करूं, अपनी वफा पेश करूं कुछ समझ में नहीं आता तुझे क्या पेश करुं !जो तेरे दिल को लुभाए वो अदा मुझ में नहीं क्यों न तुझको कोई तेरी ही अदा पेश करुं !कहते हैं कि अगर किसी शायर को आप से मोहब्बत हो जाए तो आप कभी मर नहीं सकते...... जीवन मे रिश्ते किसी त

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बदलता बच्चो का परिवेश एक चिंतनीय

16 फरवरी 2017
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बदलता बच्चो का परिवेश एक चिंतनीय मित्रों, आज बहुत दिनों से बच्चो के बदलते परिवेश को देखते हुए मानस पटल पर एक पीड़ा व् चिंतन उभर रहा है ! विचारों का प्रवाह किसी भंवर की तरह फिर मंथन कर रहा है शायद सारी बातें लिखना इतना आसान ना होगा फिर भी कोशिश है कि सम्पूर्ण विचारों का एक

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नेताओ की बद से बदतर होती जुबान ...

19 फरवरी 2017
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चुनाव के मोसम हो या नेताओ की सभा या संसद या विधान सभा लगता नहीं, कि हमें बोलने की कुछ ज्यादा ही आजादी मिल गयी है। ख़ासकर इस चुनावी माहौल में तो हर हद पार कर दी गयी है। हर मर्यादा तोड़ दी गयी है। नहीं किसी की उम्र का लिहाज बचा है नाहीं किसी प

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प्रेम का अहसास

19 फरवरी 2017
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यदि मैं तुम्हे प्रेम करता हूँ,तो सिर्फ प्रेम करता हूँ,मैं प्रेम करता हूँ उस सच्चाई सेजिसे कभी महसूस किया थातुम्हारी आवाज़ में,मैं प्रेम करता हूँ तो उस झूठ से भीजो कभी लज्जित नहीं होता,जो ठहाके लगाता है मेरी न

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जैन मंदिर के बहार बहता नल का पानी मन में उठी जल सरंक्षण की चेतना

19 फरवरी 2017
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प्रत्येक मनुष्य अपनी दिनचर्या के कुछ काम बड़े नियमित और मनोयोग से करता है,यह काम उन्हे अधिक प्रिय हो जाते हैं क्योंकि यह उनका ‘अपना निजी समय’ होता है। कार्य का कार्यवहन काल भले ही छोटा क्यों ना हो, उन्हे पूरी तन्मयता से जिया जा सकता है। मेरी

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शक नामक बीमारी

20 फरवरी 2017
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. उत्तम जैन (विद्रोही ) ब्लॉग: शक नामक बीमारी----शक नामक बीमारी जो स्त्री, पुरूषों में प्रायः होती है लाइलाज है। ऊपर वाला न करे कि यह बीमारी किसी में हो। शक यानि संदेह जिसे डाउट भीं कहते हैं एक ऐसी बीमारी है जो स्त्री-पुरूष के रिश्तों में दरार डालकर दोनों का जीवन दुःखद बन

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स्त्री की योग्यता का पैमाना उसकी प्रतिभा है देह नहीं... स्त्री की योग्यता का पैमाना उसकी प्रतिभा है देह नहीं.....

20 फरवरी 2017
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आज स्त्री द्वारा किये गए कामों के स्थान पर उनकी शक्लों सूरत को वरीयता दी जाती है ………एक तो पुरुष की मानसिकता स्त्री देह तक ही सीमित है …दूसरे मीडिया उसे भुनाता है | ये आग में घी डालने के सामान है जिससे आग बुझेगी नहीं और भड़केगी | जब इतनी योग्य स्त्रियों को भी प्रतिभा के स्थ

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महिलाओं के संस्कारी होने की मांग करना क्या स्त्रीयों की स्वतंत्रता में बाधक है ??

22 फरवरी 2017
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मानव जाति के इतिहास में विभिन्न प्रकार की विभिन्नता की कहानी जुड़ी हुयी है, इस इतिहास में हमने बहुत प्रकार के वर्ग निर्मित किए, जैसे गरीब का, अमीर का, धन के पद के अभाव पर और आश्चर्य की बात यह है कि इस समाज ने जो स्त्री और पुरुष के बीच जो वर्ग का निर्माण किया यह एक अनोखा और

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राजनीती का धर्म या धर्म की राजनीती - एक सोचनीय विषय

22 फरवरी 2017
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वर्तमान समय में और विशेषकर भारत के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक नेतागण, इस बात की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं कि धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. यह इस लिए प्रबल समस्या बन गई है कि राजनीति के काम में सब जगह धर्मों के अनुयायी अपने-अपने धर्म को राजनीति से जोड़ने की कोशिश

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नैतिकता के प्रतिष्ठाता आचार्य तुलसी ओर अवदान

23 फरवरी 2017
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मेरे जीवन मे गणाधिपति गुरुदेव आचार्य तुलसी तेरापंथ के नवमाचार्य के प्रथम बार दर्शन राणावास चातुर्मास मे किए ! उसके बाद तो बहुत बार दर्शन का लाभ मिला ! गुरुदेव तुलसी के प्रथम दर्शन मे अपनी दादी शोभाग बाई के साथ हुए थे ! जब मे कक्षा 4 मे पढ़ता था ! राणावास चातुर्मास के समय म

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धीरज हो तो गरीबी का दर्द नहीं होता

26 फरवरी 2017
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उत्तम जैन (विद्रोही ) ब्लॉग: धीरज हो तो गरीबी का दर्द नहीं होता

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कोनसी माँ -माँ तो अपराधिन की तरह सर झुकाए एक तरफ कटघरे में खड़ी है

26 फरवरी 2017
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कोनसी माँ -माँ तो अपराधिन की तरह सर झुकाए एक तरफ कटघरे में खड़ी हैमे बहुत बार देखता हु फेसबूक , व्हट्स अप पर सुबह से शुभकामना संदेश माँ के लिए स्तुति, गुणगान और श्रद्धांजलियाँ ,कोई अपनी मृत माँ के लिए मिस यू माँ तो कोई खुद श्रवण कुमार साबित करने मे लगा रहता है ! अच्छा भ

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६८ वा अणुव्रत स्थापना दिवस १ मार्च २०१७ पर विशेष - उत्तम जैन (विद्रोही )

1 मार्च 2017
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आचार्य तुलसी द्वारा अणुव्रत : आचार संहिता बनाई गयी जो 68 वर्ष पूर्व भविष्य को देखकर जो अणुव्रत : आचार संहिता बनाई वह आज वर्तमान मे देखा जाए सबसे जरूरी है ! ...... मैं किसी भी निरपराध प्राणी का संकल्पुर्वक वध नहीं करूँगा |आत्म हत्या नहीं करूँगा |भ्रूण हत्या नहीं करूँगा

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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देना देश में जहर के बीज बोना नही है ?

2 मार्च 2017
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देना क्या देश में जहर के बीज बोना नहीं है? http://virohiawaz.blogspot.com/2017/03/blog-post.html

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वर्तमान की शिक्षा प्रणाली - मेरा दर्द

4 मार्च 2017
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देश को बदलना है तो शिक्षा का प्रारूप बदलो आज एक पुस्तक पर मेरी नजर पड़ी जिसमे लिखा था --जिस शिक्षा से हम अपने जीवन का निर्माण कर सके , मनुष्य बन सके , चरित्र गठन कर सके और विचारो का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है ... स्वामी विवेकानन्द की यह पंक्तिया

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जैन समाज कि- एक कुरीति आरती

4 मार्च 2017
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घर के कार्यों में धर्म का अनुसरण नहीं होता है, किन्तु आरती से जो जीवों का घात होता है वह धर्म के नाम पर होता है ! अतः आरती करना किसी विज्ञ और दयालु पुरुष का ध्येय नहीं हो सकता !"देव धर्मतपस्विनाम् कार्ये महति सत्यपि !जीव घातो न कर्तव्यः अभ्रपातक हेतुमान !!याने,देव, धर्म औ

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कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप

4 मार्च 2017
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मेरी हत्या न करो माँ मैं तेरा ही अंश हूँ माँ पिताजी को समझा दो माँ पिताजी को मना लो माँमुझे बहुत बार इस तरह की आवाज हर समाज की बेटियो की कानो में गूँजती है ! आप भी महसूस करे जरूर

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कडवे घूंट जीवन के ---

5 मार्च 2017
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हमारी वर्तमान दशा व दिशा सिर्फ अपने कारण से होती है इस दशा मे मुख्य कारण एक चिंता व नकारात्मक भाव है !चिंताओं का विश्लेषण किया जाए तो ४०%- भूतकाल की, ५०% भविष्यकाल की तथा १०% वर्त्तमान काल की होती है ! इस स्वीकार भाव से ही हमारे भाव बदलने शुरू होते हैं। रोग का जन्म ही नका

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नारी शक्ति - भूत - वर्तमान व भविष्य

5 मार्च 2017
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शक्ति की प्रतीक , समानता का अधिकार,कमज़ोर, हर क्षेत्र में आगे इन सभी उपमाओं का प्रयोग समय -समय पर लोग महिलाओं के विवरण देने हेतु विशेषण की तरह प्रयोग करने लगे हैं. जो भी हो यह सत्य है कि आज ही नहीं पूर्व काल से ही महिलाएं किसी भी मायने में पुरुषों से कामजोर नहीं रही है. जि

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नारी का सन्मान

8 मार्च 2017
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भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु.वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चल

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रिश्तो का महत्त्व

13 अप्रैल 2017
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रिश्तो का महत्व ---- "कोई टूटे तो उसे सजाना सिखो, कोई रूठे तो उसे मनाना सिखो, रिश्ते तो मिलते हैं मुकद्दर से, बस उसे खूबसूरती से निभाना सिखो।" जन्म के साथ ही अनेक रिश्त

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भूतकाल व् वर्तमान ... बीती ताही बिसार दे

13 अप्रैल 2017
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हममें से अधिकतर लोग क्या भूत के विलाप और भविष्य की चिन्ता में ही जीवन बिता देते है ओर वर्तमान क्षण के सुख से वंचित रह जाते हैं। हम जीवन के सौन्दर्य व आनन्द को भूल जाते हैं। यह सब हमारी मनःस्थिति के कारण होता है।हमारा दृष्टिकोण ऐसा ही होना चाहिए की हमारे पास केवल यही

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हमारा कुलभूषण जाधव दूसरा सरबजीत न बने

13 अप्रैल 2017
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जब भारत की आम जनता , राजनेता और मीडिया ईवीएम की गडबडी, और अलवर में स्थित गौरक्षकों द्वारा पहलू खां की हत्या केमामले को लेकर लीन थे उस समय एक व्यथित खबर थीपड़ोसी देश पाकिस्तान में एक निर्दोष भारतीय कुलभूषण जाधव को एजेंट बताकर फांसीकी सजा सुनाई जा रही थी.जाधव पर पाकिस्तानमे

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गुजरात: फीस नहीं भरने पर स्कूल ने सात साल के बच्चे को बनाया बंधक

16 अप्रैल 2017
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सूरत: गुजरात के सूरत शहर में एक प्राइवेट स्कूल पर एक बेहद ही सनसनीखेज आरोप लगा है, जिसमें स्कूल ने फीस बकाया होने की वजह से एक 7 साल के बच्चे को बंधक बना लिया. मामला पुलिस तक पहुंचा जिसके बाद छात्र को छुड़ाया गया. गुजरात सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण लाने क

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सुखी बहु गाँव की

17 अप्रैल 2017
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मे मैं यदा कदा ब्लॉग लिखता हूँ ... विचारो की अभिव्यक्ति व्यक्त करता हूँ ... कहानी कभी लिखी नही प्रथम बार कोशिश की कोई शिक्षाप्रद कहानी लिखू आज की वर्तमान समस्या पर अच्छी लगे हौसला बढाये ....सभी नाम व स्थान काल्पनिक है . शीर्षक - सु

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मेरा देश महान जहा सो में अस्सी बेईमान

19 अप्रैल 2017
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हमारे देश में भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है जिससे हर भारतीय का सामना जरूर होता है.ये एक राष्ट्रीय महामारी है जिसका कारगर इलाज़ अभी तक कोई नेता कोई समाज सेवी या कोई अधिकारी भी नहीं निकाल पाया है.समाज सेवी अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में २०११ में भारत ने एक बड़ा भ्रष्टाचारविरोधी आंद

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एक किसान का सवाल सरकार से किसान का मूत्र पीना आत्मकथा उत्तम जैन ( विद्रोही ) के माध्यम से

23 अप्रैल 2017
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एक किसान का सवाल सरकार से किसान का मूत्र पीना एक आत्मकथा उत्तम जैन (विद्रोही ) के माध्यम से ---- दो तीन दिन पूर्व मेने किसान की आत्मकथा नामक एक ब्लॉग लिखा था मेरे कुछ मित्रो व प्रशंसकों ने वाह वाह भी किया मुझे वाह वाह या तारीफ करना जितना अच्छा नही लगता उससे अच्छा मुझे ल

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हिन्दी साहित्य विवेचना ओर मेरा प्रेम --

24 अप्रैल 2017
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मेरा अध्ययन वेसे कोई ज्यादा नही मगर मेरा साहित्य पढ्ना पसंदीदा विषय रहा है ! विभिन्न लेखको के साहित्य पढना मेेरा नित्यक्रम है ! मुझे हिन्दी साहित्य लिखना व पढना बहुत अच्छा लगता है ! अँग्रेजी पर मेरा अधिकार नही क्यू की मेरी शिक्षा छोटे गाव मे हिन्दी माध्यम से हुई हा

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पुस्तको से पाठकों की बढ़ती दूरी चिन्तनीय

26 अप्रैल 2017
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मेरे विचार ..

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पुस्तको से पाठकों की बढ़ती दूरी

26 अप्रैल 2017
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पुस्तकों से पाठको की बढ़ती दूरी एक चिंताजंक समस्या http://virohiawaz.blogspot.com/2017/04/blog-post_25.html

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नारी के अवदान और पीड़ा - उत्तम विद्रोहीजकी जुबानी

27 अप्रैल 2017
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भारतीय उपासना में स्त्री तत्व की प्रधानता पुरुष से अधिक मानी गई है नारी शक्ति की चेतना का प्रतीक है। साथ ही यह प्रकृति की प्रमुख सहचरी भी है जो जड़ स्वरूप पुरुष को अपनी चेतना प्रकृति से आकृष्ट कर शिव और शक्ति का मिलन कराती है। साथ ही संसार की सार्थकता सिद्ध करती है। महि

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सफलता की और कदम

29 अप्रैल 2017
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चलते रहे चलते रहे ...ग़मों के कांटे चुभते रहे,फिर भी हम चलते रहे|मिलते रहा सभी से मगर,अपने दायरों में सिमटता रहाफिर भी में चलता रहा !गिरना तो फितरत ही थी,गिर गिर के संभालता रहा |फिर भी में चलता रहा …क्या है तेरा वजूद ‘विद्रोही ’,मौसम से तुम बदलते रहे |फिर भी हम चलते रहे …म

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विश्व मजदुर दिवस ---

1 मई 2017
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मजदूरों के अन्तर्राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है - मजदूर दिवस पर शुभकामना विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस “1 मई” के दिन मनाया जाता है। किसी भी देश की तरक्की उस देश के किसानों तथा कामगारों (मजदूर / कारीगर) पर निर्भर होती है। एक मकान को खड़ा करने और सहारा देन

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उत्तम जैन (विद्रोही ) ब्लॉग: प्रकृति ओर मनुष्य

5 मई 2017
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प्रकृति और मनुष्य

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आचार्य श्री महाश्रमण अवतरण व पटोत्सव

5 मई 2017
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आचार्य श्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव व पटोत्सव पर खूब खूब अभिवंदना गुरुदेव के अवदान व सक्षिप्त जीवन परिचय----प्रभु स्वीकारो म्हारीअभिनंदना आपके ५६वे जन्म दिवस पर शतशत वंदन .जय जय ज्योति चरणजय जय महाश्रमणसंघ पुरुष चिरायु हो‘जिस देश में गंगा बहती है’ उस देश के वासी होने का हमारा गर्वबोध उस समय चकनाचूर

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पाकिस्तान की करतूत

8 मई 2017
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जम्मू कश्मीर की कृष्णा घाटी से नियन्त्रण रेखा पार करने के लिए सीमा सुरक्षा दल के गश्ती दस्ते का ध्यान बटाने के लिए पहले मोर्टार से गोले गये उसकी आड़ में पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम शहीद हुये दो सैनिकों के सिर काट कर ले गयी |शत विक्षत शव को अंतिम विदाई देते समय पूरा देश क

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मोत ....

12 मई 2017
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एक ऐसा विषय जिसकी कल्पना करना या आभास करने से ही मन विचलित हो जाता है कल रात ओमकार तीर्थ प्रणेता 108 आचार्य श्री सूर्यसागर जी का मुझे एक संदेश प्राप्त हुआ उत्तम जी तुम “मोत” इस विषय पर अपनी कलम द्वारा अपने विचारो की अभिव्यक्ति दो बड़ा जटिल विषय मुझे गुरुदेव ने दे दिया ! क्

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धर्म की पीड़ा

30 जुलाई 2017
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आज धर्म के नाम पर जो घिनौने काम किए जाते हैं, क्या उन्हें देखकर आपका दिल सहम जाता है? क्या ऐसे लोगों के बारे में सुनकर आपका खून खौल उठता है जो एक तरफ तो ईश्वर की भक्ति करने का दम भरते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे युद्ध में हिस्सा लेते हैं, आतंकवादी हमले करते हैं और बड़े-बड़े घो

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में हु बबली ... एक स्त्री भाग 10

30 जुलाई 2017
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मैं हूँ बबली..............एक स्त्री...2 भाग-10प्रवीण धीरे-धीरे मेरी दुनिया बन रहा था। कहने को नहीं हकीकत में। उसके मम्मी-पापा मेरे पम्मी-पापा, उसका घर मेरा घर, उसकी सम्पत्ति मेरी सम्पत्ति, उसके रिश्तेदार एवं मित्र मेरे सगे सम्बंधी.............बस मैं धागे सी इस चटाई में ग

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धोखा ... एक लघु कथा

2 अगस्त 2017
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''चलो घर से भागकर शादी कर लेते हैं !''महेश के यह कहते ही संगीता का चेहरा क्रोध से तमतमा उठा.भावनाओं और क्रोध दोनों को संयमित करते हुए संगीता कड़े शब्दों में बोली ''वाह ! महेश क्या यही तरीका है अपने सपनों को पूरा करने का ?अगर मेरे माता-पिता समाज के उलाहने सह भी लेंगे तो

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धोखा ... लघु कथा

3 अगस्त 2017
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https://goo.gl/hbbwrFधोखा ''-एक लघु कथा ''चलो घर से भागकर शादी कर लेते हैं !''महेश के यह कहते ही संगीता का चेहरा क्रोध से तमतमा उठा.भावनाओं और क्रोध दोनों को संयमित करते हुए संगीता कड़े शब्दों में बोली ''वाह ! महेश क्या यही तरीका है अपने सपनों को पूरा करने का ?अगर मेरे माता-पिता समाज के उलाहने सह

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बदला ...लघु कथा

3 अगस्त 2017
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राजस्थान के एक छोटे से कस्बे जो उदयपुर शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर भीमाली में रहने वाले घनश्याम की सुमन से नई-नई शादी हुई थी। नव-विवाहिता ने बड़े प्रेम और मनोयोग से पति के लिए भोजन तैयार किया था। पति की मनपसंद मेवों वाली खीर भी बनाई थी। पति के काम से लौटने में कुछ समय बाकी था इसलिए बगल के घर वाल

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बदला ... लघु कथा

4 अगस्त 2017
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लघु कथा ... (नाम ,स्थान काल्पनिक ) राजस्थान के एक छोटे से कस्बे जो उदयपुर शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर भीमाली में रहने वाले घनश्याम की सुमन से नई-नई शादी हुई थी। नव-विवाहिता ने बड़े प्रेम और मनोयोग से पति के लिए भोजन तैयार किया था। पति की मनपसंद मेवों वाली खीर भी बनाई

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प्रेम .... जाल ( लघु कथा )

4 अगस्त 2017
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प्रेम .... जाल .... ( लघु कथा ) गुप्ता साहब की बिटिया अंजली बड़ी सुंदर थी पढ़ने मे भी काफी तेज थी गुप्ता साहब अपनी बिटिया अंजली के लिए एक अच्छा लड़का तलाश कर रहे थे एक दिन गुप्ता जी ने अंजली से कहा बेटा तेरे लिए एक लड़का देखा है वह इंजीनियर है अच्छे परिवार है अंजली ने तपाक

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१९९२ के बाद रेलवे बोर्ड में उठा सूरत की ट्रेन का मुद‌्दा

5 सितम्बर 2017
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सूरत.सूरत में पिछले चार महीनों में रेल संघर्ष समिति के दो बड़े आंदोलनों ने आखिरकार रेलवे बोर्ड का ध्यान उत्तर भारतीयों की समस्या की तरफ खींचा है। बोर्ड द्वारा निर्देशित पैसेंजर सर्विस कमेटी (पीएससी) ने 20 साल में पहली बार गंभीरता के साथ सूरत और आसपास में रहने वाले करीब 20

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लेखक की हत्या पर राजनीति ओर मीडिया की चुप्पी

8 सितम्बर 2017
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उत्तम जैन (विद्रोही ) ब्लॉग: लेखक की हत्या पर राजनीति ओर मीडिया की चुप्पी

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