सूरत में पिछले चार महीनों में रेल संघर्ष समिति के दो बड़े आंदोलनों ने आखिरकार रेलवे बोर्ड का ध्यान उत्तर भारतीयों की समस्या की तरफ खींचा है। बोर्ड द्वारा निर्देशित पैसेंजर सर्विस कमेटी (पीएससी) ने 20 साल में पहली बार गंभीरता के साथ सूरत और आसपास में रहने वाले करीब 20 लाख उत्तर भारतीयों की रेल संबंधी समस्याओं को रेल मंत्रालय के अधिकारियों के सामने रखा है।
कमेटी के सदस्य राकेश शाह सूरत के रहने वाले हैं। बीते 28 अगस्त को दिल्ली में रेल मंत्रालय में रेलवे बोर्ड के पांच आईआरएस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने पीएससी के सचिव प्रथमेश पार्थ लाटे के साथ सूरत के यात्रियों की समस्याओं को पेश किया। शाह ने ट्रेन में चढ़ने के लिए 20-20 घंटे लाइन लगाने, टिकट काउंटरों पर अवैध वसूली, संघर्ष समिति बनाने जैसी समस्याएं बताकर कहा कि उत्तर भारतीयों के लिए नई ट्रेन का चलना जरूरी है।। सूरत की समस्याओं का प्रेजेंटेशन देखकर बोर्ड के अधिकारियों ने दीपावली से पहले इस मसले का ठोस समाधान (कंक्रीट सॉल्यूशन) निकालने का भरोसा दिलाया। बोर्ड के पांचों आईआरएस अधिकारियों ने कहा कि हम इस समस्या के तकनीकी पहलुओं को सुलझाकर इसे संभव बनाएंगे। सभी जोन के जीएम के साथ बैठक कर सूरत की साप्ताहिक ट्रेनों को रेगुलर बनाने की संभावना देखेंगे और नई ट्रेनों का प्रावधान करेंगे। बैठक में बोर्ड के सदस्य प्रबल पंत (हेल्थ डायरेक्टर रेलवे), पीएस मीणा (सामान्य प्रशासनिक), महेंद्र कुमार (इलेक्ट्रिकल), आदित्य अवस्थी (आरपीएफ डीजी), विक्रम सिंह (पैसेंजर मार्केटिंग) और एएस गुप्ता (आईआरसीटीसी) आिद मौजूद थे।
राकेश शाह ने खबरों के जरिए बोर्ड के सामने उठाए 3 बड़े सवाल
सूरत व आसपास के इलाकों में करीब 20 लाख उत्तर भारतीय रहते हैं, इन्हें यूपी-बिहार तक जाने वाली ट्रेनों के लिए संघर्ष समिति का गठन करना पड़ा है, यह शहर के लिए शर्मनाक बात है। इन्हें जल्द से जल्द ट्रेन मिलनी चाहिए। ट्रेन छूटने के 20 घंटे पहले से कैदियों की तरह लाइन में बैठाए जाते हैं यात्री। ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस के यात्रियों के साथ यह स्थिति रोज होती है। बाईपास ट्रेनों की स्थिति खराब है। मुंबई से आने वाली ट्रेनों में सूरत का कोटा नहीं होता।
इन मुद्दों की तरफ भी दिलाया ध्यान उधना-वाराणसी भोलेनगरी एक्सप्रेस को रेगुलर किया जाए ! उधना-दानापुर और सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस अभी मंगलवार और शनिवार को चलती हैं, इसे अलग-अलग दिन में चलाया जाए ! हमसफर एक्सप्रेस में पांच कोच सूरत से जाेड़े जाएं
पहले भी शाह की सलाह पर सूरत के यात्रियों को हुआ है लाभ
– राकेश शाह ने फरवरी में रेलवे बोर्ड के समक्ष वडोदरा-भिलाड़ एक्सप्रेस में 2 अतिरिक्त कोच जोड़ने की मांग की थी, जिसके बाद यह ट्रेन 12 के बजाय 14 कोच के साथ चलती है।
– नवंबर 2016 में उन्होंने गाड़ी 59050 वीरमगाम पैसेंजर ट्रेन की समय सारिणी में बदलाव की मांग की थी, जिसके बाद अब यह ट्रेन नए समय पर चलती है।
– शताब्दी एक्सप्रेस में सूरत से कोटा बढ़ाने की मांग पिछले वर्ष की थी, जिसके बाद अब सूरत से इस ट्रेन में 40 सीट का कोटा है।
– राजस्थानियों के लिए उन्होंने सूर्यनगरी और रणकपुर एक्सप्रेस में सूरत से 72 कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, जिसपर बोर्ड ने अमल किया और आज यात्रियों को इसका लाभ मिल रहा है।
अब तक हमने जो समस्याएं रखीं सकारात्मक परिणाम मिला : शाह
पीएससी के सदस्य राकेश शाह ने बताया कि अब तक हमने यात्री समस्याओं का जो भी मुद्दा रेल बोर्ड के समक्ष रखा है, उसका तकनीकी रूप से समाधान हुआ है। उत्तर भारतीयों के रेल मुद्दे को हमने बोर्ड के सामने अलग से रखा है हमें सकारात्मक परिणाम मिला।