28 जनवरी 2017
जैन साहब लगता है आपको जरूर किसी मनोचिकित्सक की जरूरत है आप पत्रकार नही बल्कि पत्रकार के रूप में नीरा मूर्ख ब्यक्ति है जब आपको किसी के बारे में कुछ पता नही तो पत्रकार किस बात के
1 फरवरी 2017
केजरीवाल का तो नहीं पता लेकिन बिना सर पैर की बेतुकी पोस्ट पढ़कर लग रहा है लेखक साहब को जरूर किसी मनोचिकित्सक की जरूरत है
31 जनवरी 2017
उत्तम जी --आपने बहुत ही मजेदार ढंग से इस बहरूपिये का पर्दाफाश किया है लगता है राजनितिक महत्वकांक्षा ने केजरीवाल के मन से नैतिक और अनैतिक का अंतर मिटा दिया है -- इतिहास ऐसे इंसान को कभी माफ़ नहीं करता -- आखिर इसने कौन सा जादू फेर कर दिल्ली की जनता को उल्लू बनाया ? समझ में ही नहीं आता ! बहुत बढ़िया किखा आपने --शुभकामना
28 जनवरी 2017