shabd-logo

बस चार दिन का जिंदगी

29 नवम्बर 2021

38 बार देखा गया 38

भगवान ने दिया हमें काम की जिंदगी, बस चार दिन का जिंदगी -2
लड़कपन, बचपन, जवानी, बुढापा, यही है चार दिन की जिंदगी -2

लड़कपन था वो बड़ा ही प्यारा, सुख-दुख से था वारा न्यारा
माँ के गोद में होता खेलना, पिता के कंधे पे होता सोना
प्यार दुलार की होती पप्पी, सबकी मिलती हमको झप्पी
लड़कपन का तो क्या है कहना, हंसना रोना खिलखिलाते रहना

बचपन आया खूब खेलाया, थोड़ा सा ये कष्ट भी लाया
सुबह उठना स्कूल जाना, अच्छे नंबर का बोझ उठाना
पढ़ लिख के संस्कार सिखना, खेलना कूदना शैतानी करना
बचपन होता नीव जीवन का, निर्भर इसपे जिन्दगी आगे का

जवानी की तो कहानी बहुत है, इसे जीने की परेशानी बहुत है
सजना सवरना, प्यार करना, नौकरी हो या व्यपार करना
शादी, बच्चे, घर का झगड़ा, बीबी, बॉस, क्लाइंट का लफड़ा
जवानी यारों एक जुआ है, चली तो राजा ढली तो बद्दुआ है

बुढापा तो बस बेचारगी है, खत्म जीवन की आवारगी है
स्वाभिमान से जो कमाये, कैसे बच्चों पे बोझ बन जाये
मर्ज बढ़ता दर्द बढ़ता, दवा दारु का कर्ज बढ़ता
बुढ़ापा है एक श्राप जैसा, खत्म कहानी हज़म पैसा

लड़कपन गोद में खेला, बचपन ने मुझे झेला
जवानी भागम भाग में जी ली, बुढ़ापा दवाई ने पी ली

✍️ स्वरचित : गौरव कर्ण (गुरुग्राम, हरियाणा)

Jyoti

Jyoti

👌👌👌

30 दिसम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

30 दिसम्बर 2021

धन्यवाद 🙏🙏🙏

Anita Singh

Anita Singh

बढ़िया

25 दिसम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

25 दिसम्बर 2021

बहुत धन्यवाद 🙏🙏

26
रचनाएँ
गौरव की गौरव गाथा, भाग 1
4.5
गौरव की गौरव गाथा एक कविता संग्रह है, इसमें सारी की सारी मेरे द्वारा रचित कविताएं हैं
1

मेरे देश का बड़ा मान है

7 नवम्बर 2021
7
3
8

<p>मेरे देश का बड़ा मान है, मेरा भारत सबसे महान है <br> <br> संस्कृति बहुआयामी है, सभ्यता भी युगों प

2

हिंदुस्तान ऐसा पाया है

7 नवम्बर 2021
3
2
4

<p>यूँ ही नहीं हम सब, तिरंगे का सम्मान करते हैं <br> यूँ ही नहीं हम सब, तिरंगे को सलाम करते हैं <br>

3

वो गाँव मुझे बुलाता

7 नवम्बर 2021
3
1
4

<p>वो गाँव मुझे बुलाता, वो गाँव मुझे बुलाता<br> क्यूं छोड़ आ गये सब, हर पल है ये रूलाता <br> वो गाँव

4

वो दिन कभी ना लौट आएगा

7 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>वो दिन कभी ना लौट आएगा, वो दिन कभी ना लौट आएगा<br> <br> वो खेतों में हलना, वो पुआलों में छुपना<br

5

थोड़ा किया थोड़ा और करना है

7 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>थोड़ा किया थोड़ा और करना है <br> नदियों सा मुझे बहते रहना है <br> पहाड़ सी ऊंचाई मुझे पाना है <br

6

इस दुनियाँ में भाँति भाँति के लोग होते हैं

8 नवम्बर 2021
3
2
4

<p>इस दुनियाँ में भाँति भाँति के लोग होते हैं <br> कुछ हाँ के साथ तो कुछ ना में होते हैं <br> कुछ हँ

7

मैं कैसे बदल जाऊँ

8 नवम्बर 2021
3
2
4

<p>मैं कैसे बदल जाऊँ, अब मैं कैसे बदल जाऊँ<br> भगवान ने बनाया मुझको ऐसा, मैं कैसे बदल जाऊँ<br> <br>

8

जमाना इतना बुरा है

9 नवम्बर 2021
3
3
4

<p>मैने सोंचा न था, जमाना इतना बुरा है<br> हर चेहर के पीछे, झूठ का पर्दा पड़ा है<br> <br> अपने दिल क

9

भीड़ का हिस्सा नहीं बनना

9 नवम्बर 2021
3
1
6

<p>मैं गौरव हूँ, मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं बनना <br> मैं गौरव हूँ, मुझे कुछ सबसे अलग है दिखना <br> <b

10

मैं नशे में हूँ

10 नवम्बर 2021
3
1
4

<p>पी पी के मैं टल्ली हो जाऊँ <br> मत बोल के, मैं नशे में हूँ <br> <br> मत पूछ मुझे मैं कहाँ गिरा <b

11

ऐ जिन्दगी चल नई शुरूआत करते हैं

10 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>ऐ जिन्दगी चल नई शुरूआत करते हैं <br> कभी तु आसमान में उड़ रहा था <br> ज़मी पे आने से मना कर रहा थ

12

आशा और निराशा

11 नवम्बर 2021
2
1
4

<p>जीवन कुछ रंग जगा,<br> मन में उमंग जगा<br> आँख मे सतरंग जगा<br> दिल मे तरंग जगा,<br> <br> क्यूँ जह

13

मन का द्वंद

11 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>ये कैसा है द्वंद मन मे, ये कैसा है द्वंद <br> मन ही मन से द्वंद करता, ये कैसा है द्वंद<br> <br> इ

14

खो गया है ख़ुशी मुझसे

12 नवम्बर 2021
3
2
4

<p>खो गया है ख़ुशी मुझसे <br> कोई तो ढूँढ के ला दो <br> मिल जाये जल्दी से मुझको <br> कोई तो रपट लिखा

15

कवि भी मैं कविता भी मैं

12 नवम्बर 2021
3
3
6

<p>कवि भी मैं कविता भी मैं <br> छंदों की व्यथा भी मैं <br> कवि की हूँ कल्पना भी मैं <br> 'गौरव' की र

16

सबसे अच्छा बचपन

13 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>सबसे अच्छा मेरा बचपन<br> सबमें सच्चा मेरा बचपन<br> बचपन बचपन खेलता बचपन<br> गिरता संभलता उठता बचप

17

बच्चे की शरारत

13 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>मैं बरा उत्खाटु बच्चा, मैं बरा उत्खाटु<br> उछल-कुद में माहिर बच्चा, मैं बरा उत्खाटु<br> <br> शरार

18

गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है

14 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है <br> थोड़ा भी छेड़ दो डशने को तैयार है <br> गुस्से में बीबी फन फै

19

सोंचा था कुछ अच्छा करने का

14 नवम्बर 2021
3
2
4

<p>सोंचा था कुछ अच्छा करने का <br> दिमाग ने करने से रोक दिया <br> मन में फिर द्वंद सा होने लगा <br>

20

माँ बाप की प्यारी ये बेटियाँ

20 नवम्बर 2021
3
3
4

<p>माँ बाप की प्यारी ये बेटियाँ <br> होती हैं सारी ये बेटियाँ <br> भगवान ने बनाई ये बेटियाँ <br> जग

21

मैं तेरी भारत माता हूँ

21 नवम्बर 2021
3
3
4

<p>मैं कैसी बेबस माता हूँ <br> मैं तेरी भारत माता हूँ <br> छल कपट और लालच द्वेष में <br> अपनों से धो

22

माँ तुझसा कोई नहीं

21 नवम्बर 2021
5
3
6

<p>माँ तुझसा कोई नहीं, माँ तुझसे बढ़कर कोई नहीं <br> <br> जब सुबह उठना हो तो, माँ सा अलार्म कोई नहीं

23

तेरी आने से जिंदगी की चाल बदल गयी

26 नवम्बर 2021
3
3
4

<p>तेरी आने से जिंदगी की चाल बदल गयी <br> कभी मायूस थी जिंदगी आज हाल बदल गयी <br> <br> तेरे पहले निर

24

तुम अगर साथ हो मेरे

26 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>तुम अगर साथ हो मेरे, मैं हर मुश्किल को पाट दूँ <br> मैं हर हार को जीत जाऊँ, मैं हर खतरे को काट दू

25

गुरु ही ब्रम्हा, गुरु ही विष्णु

29 नवम्बर 2021
2
2
2

<p>गुरु ही ब्रम्हा, गुरु ही विष्णु <br> गुरु ही देव महेश्वर हैं <br> गुरु साक्षात परमेश्वर हैं <br>

26

बस चार दिन का जिंदगी

29 नवम्बर 2021
2
2
4

<p>भगवान ने दिया हमें काम की जिंदगी, बस चार दिन का जिंदगी -2<br> लड़कपन, बचपन, जवानी, बुढापा, यही है

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए