गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
थोड़ा भी छेड़ दो डशने को तैयार है
गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
मनालो अभी अगर मान जाए जल्दी
नहीं मानेगी तो तैयार रखो हल्दी
चोट लगेगा तो लगाने को तैयार रखो
झाड़ू-बेलन को छुपाने को तैयार रखो
गुस्से में वो सर फोड़ने को तैयार है
गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
उसको मनाने का कुछ शर्त है जरूरी
बर्तन धोना झाड़ू लगाना है अधूरी
खाना बनाओगे तो कहीं वो खुश होगी
कपड़े धोवोगे तो और ज्यादा खुश होगी
इतने पे भी वो नहीं मानने को तैयार है
गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
अपना सैलरी उसके हाथ में दोगे
घुमाने फिराने उसको ले के जाओगे
कपड़े भी नया खरीद के देना पड़ेगा
खाना पीना भी ठीक खिलाना पड़ेगा
इससे भी नहीं मानी तो और कोई बात है
गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
बीबी है तुम्हारी समय तुम्हारा चाहती है
वो तुम्हारे होठों से तारीफ़ अपना चाहती है
उसको किसी चीज से मतलब नहीं रखना है
उसको तुमसे हरदम बात करते रहना हैं
अब जाके मानी यही तो बात है
गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है
✍️ स्वरचित : गौरव कर्ण (गुरुग्राम, हरियाणा)