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मेरे देश का बड़ा मान है

7 नवम्बर 2021

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मेरे देश का बड़ा मान है, मेरा भारत सबसे महान है

संस्कृति बहुआयामी है, सभ्यता भी युगों पुरानी है
इतिहास बहुत महान है,भूगोल विविधतावान है
भाषायें बहुत अनेक हैं,परम्पराएं बहुत ही नेक है
प्रथाएँ बहुत ही दुर्लभ है, भेष-भूषा भी तो अलग है
धर्म जातियों में ये बंटा है,रीति-रिवाजों से भी पटा है
मेरे देश में बहुत ही जान है,मेरा भारत सबसे महान है

सब कुछ तो मेरे देश में है, प्रकृति की परिवेश में है
रेगिस्तान की रेत भी है,समुंद्र की लहरें स्वेत भी है
पहाड़ों की वादियाँ भी है, पर्वत की वो चोटियां भी है
जंगलों की झाड़ियां भी हैं,नदियों की वो लरियाँ भी है
पतझर और बरसात भी है,सर्द-गर्म का एहसास भी है
मेरा देश प्रकृतिवान है, मेरा भारत सबसे महान है

मेरा देश बहुत प्राचीन है,योद्धायें भी हुये प्रवीण है
महाराणा का भाल वार है, छत्रपति की तलवार है
लक्ष्मीबाई की यलगार है, मंगल की पहली हुंकार है
भगत का इन्कलाब है, सुभाष का वो ललकार है
गाँधी सी शांतिवान भी है,वीर हामिद का बलिदान है
मुझे देश के वीरों पे मान है,मेरा भारत सबसे महान है

मेरा देश सदियों से आगे है,शिक्षा विज्ञान यहाँ जागे है
चाणक्य का ज्ञान है, जंतर-मंतर सा समय विज्ञान है
आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ है,चरक आयुर्वेद के जनक है
रामसेतु का निर्माण है,ब्रह्मा का पुष्पक विमान भी है
ब्रह्मास्त्र जैसे शस्त्र है, वेदों में मिलता प्रमाण भी है
मेरा देश बड़ा विद्वान है,मेरा भारत सबसे महान है

मेरा देश कितना महान है, ये दुनियाँ को बतलाना है
सोने की चिड़िया बनाना है,देश को सम्मान दिलाना है
हर क्षेत्र में फिर छा जाना है,हमें ये करके दिखाना है
खेतों में फ़सलें उगाया है,खेलों में करके दिखाया है
विरता हमनें जनाया है,अन्तरिक्ष में तिरंगा लहराया है
मुझे देश पे अभिमान है, मेरा भारत सबसे महान है

✍️ स्वरचित : गौरव कर्ण (गुरुग्राम, हरियाणा)

Jyoti

Jyoti

👍

30 दिसम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

30 दिसम्बर 2021

धन्यवाद 🙏

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर👌

25 दिसम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

25 दिसम्बर 2021

बहुत धन्यवाद 🙏🙏

Papiya

Papiya

सुन्दर ✌🏼

21 नवम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

21 नवम्बर 2021

धन्यवाद 🙏

ममता

ममता

अच्छी रचना

14 नवम्बर 2021

Gaurav Karna

Gaurav Karna

14 नवम्बर 2021

धन्यवाद 🙏🙏🙏

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रचनाएँ
गौरव की गौरव गाथा, भाग 1
4.5
गौरव की गौरव गाथा एक कविता संग्रह है, इसमें सारी की सारी मेरे द्वारा रचित कविताएं हैं
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मेरे देश का बड़ा मान है

7 नवम्बर 2021
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<p>मेरे देश का बड़ा मान है, मेरा भारत सबसे महान है <br> <br> संस्कृति बहुआयामी है, सभ्यता भी युगों प

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हिंदुस्तान ऐसा पाया है

7 नवम्बर 2021
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<p>यूँ ही नहीं हम सब, तिरंगे का सम्मान करते हैं <br> यूँ ही नहीं हम सब, तिरंगे को सलाम करते हैं <br>

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वो गाँव मुझे बुलाता

7 नवम्बर 2021
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<p>वो गाँव मुझे बुलाता, वो गाँव मुझे बुलाता<br> क्यूं छोड़ आ गये सब, हर पल है ये रूलाता <br> वो गाँव

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वो दिन कभी ना लौट आएगा

7 नवम्बर 2021
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<p>वो दिन कभी ना लौट आएगा, वो दिन कभी ना लौट आएगा<br> <br> वो खेतों में हलना, वो पुआलों में छुपना<br

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थोड़ा किया थोड़ा और करना है

7 नवम्बर 2021
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<p>थोड़ा किया थोड़ा और करना है <br> नदियों सा मुझे बहते रहना है <br> पहाड़ सी ऊंचाई मुझे पाना है <br

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इस दुनियाँ में भाँति भाँति के लोग होते हैं

8 नवम्बर 2021
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<p>इस दुनियाँ में भाँति भाँति के लोग होते हैं <br> कुछ हाँ के साथ तो कुछ ना में होते हैं <br> कुछ हँ

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मैं कैसे बदल जाऊँ

8 नवम्बर 2021
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<p>मैं कैसे बदल जाऊँ, अब मैं कैसे बदल जाऊँ<br> भगवान ने बनाया मुझको ऐसा, मैं कैसे बदल जाऊँ<br> <br>

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जमाना इतना बुरा है

9 नवम्बर 2021
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<p>मैने सोंचा न था, जमाना इतना बुरा है<br> हर चेहर के पीछे, झूठ का पर्दा पड़ा है<br> <br> अपने दिल क

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भीड़ का हिस्सा नहीं बनना

9 नवम्बर 2021
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<p>मैं गौरव हूँ, मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं बनना <br> मैं गौरव हूँ, मुझे कुछ सबसे अलग है दिखना <br> <b

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मैं नशे में हूँ

10 नवम्बर 2021
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<p>पी पी के मैं टल्ली हो जाऊँ <br> मत बोल के, मैं नशे में हूँ <br> <br> मत पूछ मुझे मैं कहाँ गिरा <b

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ऐ जिन्दगी चल नई शुरूआत करते हैं

10 नवम्बर 2021
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<p>ऐ जिन्दगी चल नई शुरूआत करते हैं <br> कभी तु आसमान में उड़ रहा था <br> ज़मी पे आने से मना कर रहा थ

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आशा और निराशा

11 नवम्बर 2021
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<p>जीवन कुछ रंग जगा,<br> मन में उमंग जगा<br> आँख मे सतरंग जगा<br> दिल मे तरंग जगा,<br> <br> क्यूँ जह

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मन का द्वंद

11 नवम्बर 2021
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<p>ये कैसा है द्वंद मन मे, ये कैसा है द्वंद <br> मन ही मन से द्वंद करता, ये कैसा है द्वंद<br> <br> इ

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खो गया है ख़ुशी मुझसे

12 नवम्बर 2021
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<p>खो गया है ख़ुशी मुझसे <br> कोई तो ढूँढ के ला दो <br> मिल जाये जल्दी से मुझको <br> कोई तो रपट लिखा

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कवि भी मैं कविता भी मैं

12 नवम्बर 2021
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<p>कवि भी मैं कविता भी मैं <br> छंदों की व्यथा भी मैं <br> कवि की हूँ कल्पना भी मैं <br> 'गौरव' की र

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सबसे अच्छा बचपन

13 नवम्बर 2021
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<p>सबसे अच्छा मेरा बचपन<br> सबमें सच्चा मेरा बचपन<br> बचपन बचपन खेलता बचपन<br> गिरता संभलता उठता बचप

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बच्चे की शरारत

13 नवम्बर 2021
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<p>मैं बरा उत्खाटु बच्चा, मैं बरा उत्खाटु<br> उछल-कुद में माहिर बच्चा, मैं बरा उत्खाटु<br> <br> शरार

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गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है

14 नवम्बर 2021
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<p>गुस्से में बीबी फन फैलाई नाग है <br> थोड़ा भी छेड़ दो डशने को तैयार है <br> गुस्से में बीबी फन फै

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सोंचा था कुछ अच्छा करने का

14 नवम्बर 2021
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<p>सोंचा था कुछ अच्छा करने का <br> दिमाग ने करने से रोक दिया <br> मन में फिर द्वंद सा होने लगा <br>

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माँ बाप की प्यारी ये बेटियाँ

20 नवम्बर 2021
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<p>माँ बाप की प्यारी ये बेटियाँ <br> होती हैं सारी ये बेटियाँ <br> भगवान ने बनाई ये बेटियाँ <br> जग

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मैं तेरी भारत माता हूँ

21 नवम्बर 2021
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<p>मैं कैसी बेबस माता हूँ <br> मैं तेरी भारत माता हूँ <br> छल कपट और लालच द्वेष में <br> अपनों से धो

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माँ तुझसा कोई नहीं

21 नवम्बर 2021
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<p>माँ तुझसा कोई नहीं, माँ तुझसे बढ़कर कोई नहीं <br> <br> जब सुबह उठना हो तो, माँ सा अलार्म कोई नहीं

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तेरी आने से जिंदगी की चाल बदल गयी

26 नवम्बर 2021
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<p>तेरी आने से जिंदगी की चाल बदल गयी <br> कभी मायूस थी जिंदगी आज हाल बदल गयी <br> <br> तेरे पहले निर

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तुम अगर साथ हो मेरे

26 नवम्बर 2021
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<p>तुम अगर साथ हो मेरे, मैं हर मुश्किल को पाट दूँ <br> मैं हर हार को जीत जाऊँ, मैं हर खतरे को काट दू

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गुरु ही ब्रम्हा, गुरु ही विष्णु

29 नवम्बर 2021
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<p>गुरु ही ब्रम्हा, गुरु ही विष्णु <br> गुरु ही देव महेश्वर हैं <br> गुरु साक्षात परमेश्वर हैं <br>

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बस चार दिन का जिंदगी

29 नवम्बर 2021
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<p>भगवान ने दिया हमें काम की जिंदगी, बस चार दिन का जिंदगी -2<br> लड़कपन, बचपन, जवानी, बुढापा, यही है

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