भग्न वीणा युगदृष्टा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की सुभाषितों से भरी ऐसी कविताओं का संकलन जिसमें महाकवि के जीवन के उत्तरार्द्ध की दार्शनिक मानसिकता के दर्शन होते हैं । इस संग्रह में संगृहीत की गई कविताएँ परम सत्ता के प्रति निश्चल भावना से समर्पित हैं । मनुष्य–मन की विराटता का यहाँ परिचय होता है । नई साज–सज्जा और सरल सुबोध भाषा–शैली में प्रकाशित यह कृति सभी प्रबुद्ध पाठकों के लिए पठनीय है ।
44 फ़ॉलोअर्स
31 किताबें