कविता क्या है ?
महर्षि रमण ने कहा ।
मानसिक शक्तियों का मन्थन कर
कीर्ति उत्पन्न करना,
मन में जो आकृतियां घूम रही हैं,
उन्हें निकाल कर
बाहर के अवकाश को भरना।
किन्तु, आत्मज्ञान की राह में
इस शक्ति को भी सोना पड़ेगा ।
यानी कवि को भी अकवि होना पड़ेगा ।