16 मई 2022
सोमवार
मेरी प्यारी सहेली,
कल तुमसे मिलना नहीं हो पाया। हो भी कैसे बताओ? मां के पास आकर बेटी को और कुछ सुनने, सोचने,समझने का मौका ही कहां मिल पाता है? मां के वात्सल्य में रहकर एक नई ताजी अनुभव होने लगती है। मां का प्यार संसार की हर एक वस्तु से सर्वोपरि है।
मां तेरे पास ही रह सके,
जीवन अपना धन्य कर सकें।।
तुझ से सीख लेकर ऐ मां,
कठिन तम जीवन के पलों से भिड़ सके।।
इस समाज में बेटा ना होने पर मां बाप को कई बार अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन अब शिक्षा के साथ-साथ ऐसी धारणा कम होती जा रही है। बेटियां भी मां-बाप का उतना ही ध्यान रखती है जितने बेटे या शायद बेटों से भी ज्यादा ध्यान बेटियां ही रखती है।
इसी के साथ बेटे ना होने पर परिवार के लोग संपत्ति के लिए उन बुजुर्ग मां-बाप को भी परेशान करने से नहीं चूकते। क्या भौतिक संपदा इंसानी रिश्ते नातों से ऊपर है?
आज के लिए इतना ही फिर मिलते हैं।