4 मई 2022
बुधवार
समय 11:45
मेरी प्यारी सहेली,
मौसम ने आज एक अलग ही रुक अख्तियार कर लिया है। यकायक हवाएं ऐसी बदल जाएंगी सोचा भी ना था। महिला संगीत में जाना था। वहां जाकर हंसी आ गई।
एक महिला बड़ी ही लड़ती झगड़ती प्लेट में भटूरे डाल रही थी। ना जाने ध्यान उसका किस तरह था? शायद दूसरे की प्लेट में।
जैसा की मैंने समझा और देखा, दूसरे की प्लेट में उसने क्या लिया है देखने के चक्कर में हवा का झोंका आया कि उसकी प्लेट में रखा हुआ भटूरा धरती पर धराशाही हो गया।
तब तक वह थोड़ा आगे बढ़ चुकी थी, तो भटूरे की टेबल पर जाना शायद थोड़ा नामुमकिन था। लेकिन अब धराशाही भटूरे को उठाना उनके लिए शायद अपमानजनक था। सो इधर-उधर देखती हुई आगे निकल गई और दूसरे प्लेट की तरफ लपकी। लेकिन तब तक आंधी के चक्कर में शायद कैटरर्स प्लेट हटा चुके थे या शायद दूसरी जगह ले जा चुके थे।
हाय अब क्या करती, बेचारी इधर उधर देख कर अपमानित सी महसूस करती हुए तमतमाती हुई बैठ गई और यह सब नजारा जो मैं अपनी आंखों के जरिए कैद कर रही थी कहां पता था उन्हे?
जानवरों में जहां वफादारी का नाम आए वहां कुत्ते को भूल जाए ऐसा कैसे हो सकता है?
वफादारी में कुत्ता, घोड़ा यह शायद पहले नंबर पर आते हैं। लेकिन पता नहीं क्यों अगर किसी इंसान को कुत्ता बोला जाए तो वह इतना बुरा मानता है कि पूछो मत। कैसी अजीब रीत है? जिस जानवर को लोग वफादारी के लिए पसंद करते हैं इंसान उसका नाम अपने साथ अपने लिए जुड़वाना पसंद नहीं करता। तभी तो शायद इंसान बेईमान हो चुका है।
रास्ते में मैंने एक बिल्ली को देखा। शायद इसका वर्णन इसलिए भी कर रही हूं कि मैंने उसे कुत्ते के स्थान पर देखा। मेरा मतलब है जिस तरह कुत्ते के गले में पट्टा डाल कर उसे घर के बाहर पहरेदारी के लिए बैठाया जाता है ठीक उसी प्रकार उस बिल्ली के गले में पट्टा डाल कर उसे दरवाजे के बाहर बैठा दिया जाता है।
तुम्हें क्या बताऊं मैं, इतनी क्यूट लगती है वह लगता है उस बिल्ली को चोरी कर घर ले आऊं और मेरे बच्चे तो बाप रे बाप कुत्ते, बिल्ली सब कुछ पसंद करते हैं। कभी-कभी तो मुझे लगता है घर को जानवर खाना ना बना ले! शायद बना भी ले तो कोई बुरा नहीं है।
हम इंसानों से जानवर बहुत अच्छे हैं। प्यार मोहब्बत सभी कुछ तो देखा जाता है जानवरों में। यह गुण शायद इंसानों में कहीं खो सा गया है।
शुभ रात्रि