भीड़. ख़ूनी भेड़िया बन चुकी है. नहीं, नहीं, भेड़िया नहीं, क्योंकि भेड़िया भी भेड़िये को नहीं मारता. यहां तो इंसान, इंसान को मार रहा है वो भी बेरहमी के साथ. एक और महिला को निशाना बनाया गया है. दुःख मनाते रहिए. मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. भीड़ अपनी करतूत पर शर्म करने को तैयार नहीं है. क्योंकि वो भीड़ हममें से ही है.
पश्चिम बंगाल का मुर्शीदाबाद जिला. जहां सेकेंदरा गांव में मंगलवार को भीड़ ने एक महिला को बेरहमी से पीटा. और इतना पीटा कि जान ही ले ली. सिर्फ बच्चा चोर होने के ‘शक’ में. जी हां शक, यानी अफवाह. भीड़ महिला को सरेआम सड़क पर पीटती रही. लोग वीडियो बनाते रहे. और जब ये फैक्ट पता चलता है कि महिला मानसिक रूप से बीमार थी. तो भीड़ पर और हैरानी होती है. कि उस भीड़ के शोर ने एक और बेगुनाह की जान ले ली.
52 साल की ओतेरा बीबी, मीठीपुर पानागढ़ गांव की थीं. सोमवार को वह अपने घर से निकलीं, उसके बाद दोबारा घर नहीं लौटीं. ओतेरा बीबी के परिवार वालों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश इसलिए नहीं की, क्योंकि वह अक्सर ही रात को गायब हो जाती थीं और अगली सुबह वापस आ जाती थीं. ऐसा कई बार हुआ.
मंगलवार को ओतेरा बीबी सुबह के करीब 3 बजे दिलीप घोष के घर में घुस रही थीं. तभी किसी गांव वाले ने उन्हें देखा. कहा गया कि उसके हाथ में कोई चीज़ थी. अफवाह फैली कि उसके हाथ में क्लोरोफ़ॉर्म था. और वो दिलीप घोष की छोटी बेटी ख़ुशी को चुराने की कोशिश कर रही थी. भीड़ आई और महिला को दबोच लिया.
हिंदुस्तान टाइम्स को एक गांव वाले अपनी पहचान छिपाए रखने की शर्त पर बताया,
‘भीड़ ने औरत को बेरहमी से मारना पीटना शुरू कर दिया. वो कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन कोई कुछ नहीं समझ पाया. कहा जाने लगा महिला बांगलादेश की है और बच्चा चुरा रही थी. कुछ लड़कों ने उसे रस्सी से बांध दिया. कपड़े फट गए. फिर उसे ट्रैक्टर से बांध दिया गया और तीन घंटे तक मारते रहे.’
घटना की जानकारी पुलिस को मिली, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. भीड़ अपनी खूनी प्यास बुझा चुकी थी. पुलिस ने महिला को भीड़ से छुड़ाकर हॉस्पिटल में एडमिट कराया. जहां महिला ने दम तोड़ दिया.
देखिए वीडियो
बच्चा चोरी करने की ऐसी ही अफवाह झारखंड के कई इलाकों में भी फैली थी, कहा जा रहा था कि बच्चों को चुराने वाले गिरोह घूम रहा है. और इसी शक में झारखंड में करीब 16 लोगों की जान उन्मादी भीड़ ने ली ली थी. जहां अब ओतेरा बीबी को मारा गया है. वो सेकेंदरा गांव झारखंड बॉर्डर से करीब 30 किलोमीटर दूर है.
अगर मान भी लिया जाए की महिला ने बच्चे को चुरा लिया था तो ये भीड़ कौन होती है जान लेने वाली? जब ओतेरा बीबी की मौत का पता उनके घर वालों को चला तो जिस्म में सिरहन पैदा करने वाली सच्चाई सामने आई. घर वालों का कहना है कि वो मानसिक तौर पर बीमार थीं. जो कहीं भी चली जाती थीं. और फिर खुद ही घर वापस आ जाती थीं. लेकिन भीड़ ने उस महिला की एक न सुनी और उसे बच्चा चोर कहकर मार डाला.
ये भीड़ बहुत ख़तरनाक है. जो कभी जुनैद की लाश लेकर सामने आती है. कभी पहलू खान की. ये वही भीड़ है जो कभी बच्चा चोर के इलज़ाम में झारखंड में एक के बाद एक कई लोगों को मार देती है. कभी यूपी के बरेली में एक गाड़ी में पांच लोगों को जिंदा जला देती है. ये वही भीड़ है जो किसी को नंगा करके घुमाती है. ये वही भीड़ है जिसको सब सही लगता है. कभी दलित को मारने में मज़ा आता है तो कभी मुस्लिम को. लेकिन डर तो ये है कि जिस तरह से ये भीड़ जान ले रही है तो पता नहीं कल किसका नंबर आ जाए कुछ नहीं पता. क्यों कानून इस भीड़ पर नकेल नहीं कस पा रहा है. क्यों हम भीड़ बन रहे हैं. क्यों उसकी पहचान करके पुलिस के हवाले नहीं कर रहे हैं. भीड़ का बचाव एक दिन खुद की जान पर बन आएगा.
साभार : दी लल्लनटॉप