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भूत-प्रेत

hindi articles, stories and books related to Bhut-pret


राजकुमारी ने जैसे ही तलवार का वार वीरप्पा पर करना चाहा तो कार्तिक ने

चमगादड़ और चुड़ैलों से घिरे राजकुमार और राजकुमारी दोनो एक दूसरे को ताकन

वृद्ध सैनिक के पीछे पीछे अंधेरे गलियारे से होते हुए राजकुमार और कार्त

कार्तिक राजकुमार के गले लग जाता है और दोनो मित्र रोने लग जाते है।

दरवाजे के खुलते ही सामने सुसज्जित सेना के साथ खड़े वीरप्पा को देखकर रा

रातभर राजकुमारी की आंखों में नींद नही थी। प्रातःकाल का इंतजार उसके लि

वीरप्पा के सैनिक को पकड़ने के बाद कार्तिक उसको वश में कर लेता है। वीरप

जंगल मे आकर तीनो ने सोचा कि यदि वीरप्पा ने कोई चाल चलकर राज्य में किस

अप्सरा

लेखक--शक्ति सिंह नेगी
   निकल जाओ रूपा। देवराज इंद्र ने रूपा को श्राप

काल 

   रोहन एक पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवक है. मौजूदा भ्रष्टाचार और आरक्षण के कारण व

हाथ मे तलवार लेकर कार्तिक सोचता हुआ राजकुमारी की तरफ बढ़ रहा था, उत्सु

वीरप्पा को इस तरह अट्टहास करते देख और उसके छल को जानने के बाद प्रजा क

वीरप्पा का राजकुमारी के रूप में आदेश सम्पूर्ण सेना को पहुंचा दिया गया

ऋषि की सेना,राजकुमार और पण्डितपुत्र सबने मिलकर दीवार तो हटा दी लेकिन

 "सीता फिर अपने कालेज के दिनों में वापस चली गई। जहाँ उसके स

कॉलेज में स्नातक का सीता का दूसरा साल था। सीता पढ़ाई में जितनी हो


  सीता की शादी के लिए उसके माता-पिता एवं अन्

वीरप्पा एक रोज शयन कक्ष में सो रहा था। रूप राजकुंमारी का था लेकिन मष्

कैद में वीरप्पा का आज अंतिम दिन था। वीरप्पा के साथ साथ शाही परिवार भी

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