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दैनिक प्रतियोगिता

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मुमकिन नहीं सभी व्यापार अकेले चला पाए बस सरकार,जहां तक मुमकिन रहे सरकार बाकी सारा दे औरों के हाथ।।

हमारे पंचांग व कैलेंडर के अनुसार वर्ष में बारह महीने होते है जिसमे सनातन धर्म में इन्ही बारह महिनों में से कुछ महीनों को अति पवित्र माना गया है जैसे की सावन,चैत्र,कर्तिक,व माघ अब बात करे कर्तिक पूर्णि

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शीर्षक -कार्तिक पूर्णिमा /गुरु नानक जयंतीहर साल कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाया जाता है। इस दिन को सब प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं वो भी बहुत ही श्रद्धा और विश्वास के साथ।गुरु ना

हमारे देश में भाषण इत्यादी पर ज्यादा बल दिया जाता है की ऐसा होना चाहिये था वैसा होना चाहिये था ऐसा क्यूँ नही हुआ वैसा क्यूँ नही हुआ इसने ये किया वो नही किया वगेरह वगेरह आदि |आप चाहे देश के लिये कुछ भी

जैसा की हम सभी जानते है की "परिवर्तन ही संसार का नियम है"अर्थात् चीजे परिवर्तन शील है बदलती रहती है किन्तु जलवायु परिवर्तन की अगर बात करे तो आज के समय में लघभग सभी चीजे दूषित हो चली है प्रकर्ति को दूष

वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

लाभ तो शायद ये होगा सब कुछ आसानी से डाउनलोड होगा,और प्रभाव ये होगा की इंसान इंसान से बात करना भूल जाएगा।।

आज जहां सब कुछ मोबाइल के माध्यम से ही सबके कार्य पूर्ण हो जाते है अगर देखा जावे तो मोबाइल आज इन्सान के शरीर का एक अंग बन चुका है जिसके बिना इन्सान रह नही सकता है इसलिये इसी को मद्देनजर रखते हुये मोबाइ

निरंतर हाईटेक होती दुनिया में सब कुछ डिजिटल हो चुका है और होना भी चहिये जिससे कि सभी का कार्य आसान हो जाये अब बात करे डिजिटल मुद्रा कि तो डिजिटल मुद्रा काफी अच्छा कदम है पैसों के लेन देन इत्यादी में ल

यह दुर्घटना बहुत ही दर्दनाक व पीड़ित हुई है जिसमें कई सौ लोगो के मृत्यु होने की खबर बताई जा रही है प्रार्थी आज के इस लेख पर इतना ही लिखना चाहेगा की चाहे किसी की भी सरकार कहीं भी क्यों न हो भ्रष्टाचार स

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गुजरात मोरबी पुल हादसा एक बहुत ही दुःखद घटना है, जिसे सुनकर आँखे भर आई।लेकिन हमारे देश में जब भी कोई दुर्घटना होती है तो हर बार कटघरे में सरकार या प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।आप जहाँ क

राष्ट्रीय एकता ही,देश की सफलता है।हर देश और मानव के लिए,इसकी आवश्यकता है।आपस में मत उलझो,न दो किसी को मौका,सब मिलकर सुलझा लो,खुद में ही।अगर लड़ोगे तो,फिर कैसे देश आगे बढेगा।एकता में शक्ति है,ये बात सबन

हर साल इक्कतिस अक्तूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में हम राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते है पर यह सोचने व समझने वाली बात है की क्या आज भी हम एक है उत्तर होगा नही वो इसलिये की भारत देश में जिसे

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अगर देखना है तो चलो,बिहार सब मिलकर।ऐसी छटा बिखरी है,हर घर घर में।दूर दूर सब आयें हैं,अपने गावं घर में।अपनों के संग मिलजुलकर,लोक आस्था का महापर्व,मनाने।ऐसी छटा है बिखरी,घर आँगन में।आँखे भर आती है,खुशी

छठ पूजा सूर्य की उपासना की एक बहुत ही प्रबल उपासना मानी जाती है इस दिन सूर्य अपनी सब शक्तियों से परिपूर्ण होता हैं यह पर्व बिहार इत्यादि राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं छठ पर्व पर सूर्य की उप

छोटा सा दिमाग में पार्क जाकर शुरू होता हर इनोवेशन,हर वक्त खत पानी देकर करना पड़ता मेहनत से कल्टीवेशन।।

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