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दैनिक प्रतियोगिता

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पहले से बढ़ रहा प्रदूषण उपर से दिवाली के फटकों की बढ़ोतरी,कैसे कम हो पाएगा प्रदूषण अगर हम सबने ना रखी सावधानी।।

भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिये सरकार और नागरिक दोनों ही जिम्मेदार है दोनों इसलिये जिम्मेदार है की जहां अनगिनत लोगों ने कमाई के लिये अपने निजी उद्योग खोल रखे है जिसमे की पेपर मिल व शुगर मिल जैसे उद

शिक्षा कहीं से भी मिले कैसे भी मिले एक विद्यार्थी ही शिक्षा की महिमा को जान सकता है शिक्षा में दिलचस्पी लेने वाला कोई भी इन्सान कभी मार नही खा सकता है अपने जीवन में अगर उसने ठीक ढंग से शिक्षा ग्रहण कर

त्योहारों की यादों  के अविस्मरणीय दर्दपर ये दर्द भरी दास्तां आप सब भी पढ़ना न इश्क का दर्द हैं,,न जुदाई का दर्द है,लगता है साहब ये तो,दिवाली की सफाई,का दर्द है।जिसकी दास्तां हरदिवाली पर दोहरा

बचपन के त्योहार मानो जवानी के सुनहरे बस ख़्वाब,क्या हसीन बनती तब त्योहारों की अविस्मरणीय यादें,वो तीखे मीठे पकवान और फटाकों की आतिशबाजी,नए कपड़ो की सुगंध और पापा मम्मी का ढेर सारा प्यार,सच कहूं तो सब

भारत देश में जहां अनगिनत त्यौहार रीति व रस्मे निभाई व मनाई जाती है वही त्योहारों के मौसम में एक अलग ही रोमांच रहता है जब त्यौहार आते है और हम बड़े ही हर्शोल्लास के साथ त्योहार मनाते है आप चाहे कोई भी त

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं

जिस प्रकार किसी मकान की नीवं उस मकान की मजबूती को बयां करती हैं ठीक उसी प्रकार परिवार की नीवं बुजुर्गों पर टिकी हुई होती हैं बुजुर्ग ही परिवार की एकता को बनाये रखते है वो बात अलग है की आज बुजुर्गों को

माना ऑनलाइन शॉपिंग होती किफायतशीर और फ़ायदे की,पारंपरिक शॉपिंग करने से आती आम चेहरे पे करोड़ों की ख़ुशी।।

जहां आज सब कुछ मोडर्न हो गया है जिसके चलते सभी लोग ऑनलाइन ऐप्प के माध्यम से शॉपिंग कर अपना समय और पैसे दोनों की बचत कर लेते है जिससे की जहां पर बाजार में भीड़ से छुटकारा मिलता है वही पर ऑनलाइन शॉपिंग क

गुरुर किस चीज़ का करुँ मैंमेरा अपना क्या है??सूरत माँ-बाप ने,संस्कार परिवार ने,ज्ञान गुरुओं ने दिया है ।मेरा अपना क्या है??समझ दुनिया ने,सबक जमाने ने,सहारा माँ ने दिया है ।मेरा अपना क्या है??हिम्मत कित

जहां आज के समय में सभी कुछ ऑनलाइन व ऑनलाइन ऐप्प के माध्यम से हर क्षेत्र को जोड़ा जा चुका है व जोड़ने की प्रक्रिया जारी है जहां आज की इस मोडर्न व तकनिकी में स्मार्ट मोबाइल व लैपटॉप के बिना जिंदगी अधूरी स

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शीर्षक --करवाचौथआज सब बेकरार हैं, छाई है खुशियों की बहार,आज जमीं के चाँद को,आसमां के चाँद का इंतजार है,यही दुआ करूँ हरपल,जमीं के चाँद सदा सुहागन रहें जीवन भर।।करवाचौथ की ढेर सारी शुभकामनाएं🌙❤❤�

आज हम इक्कीसवी सदी में जी रहे है जहां इन्सान चांद व मंगलयान जैसी यात्रा भी कर चुका है उसी इक्कीसवी सदी में आज भी लड़का व लड़की में भेद जारी हैं जहां किसी परिवार में लड़की जन्म ले ले और लड़का न पैदा हो वो

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