डायरी दिनांक २८/०४/२०२२
रात के आठ बज रहे हैं।
कभी कभी बहुत छोटी छोटी लगती बातें बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। छोटी छोटी बातों से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो जाती है। आज इसका खुद अनुभव किया। हुआ यह कि एक साइट काफी प्रयासों के बाद भी नहीं चल रही थी। फिर जिन छोटे उपायों से साइट चल गयी, उस विषय में तो यही कहा जा सकता है कि इन बातों पर पहले ध्यान क्यों नहीं गया था।
सूरज जब कर्क रेखा के नजदीक होता है, वे दिन भारत में सबसे ज्यादा गर्म होते हैं। ये नौ दिन जून के महीने में आते हैं। इस बार अप्रेल के महीने की गर्मी उन दिनों की बराबरी कर रही है। आगे न जाने क्या हाल होने जा रहा है।
अच्छी बातों को बार बार याद रखना चाहिये। अच्छी पुस्तकों को बार बार पढना चाहिये। अच्छे अनुभवों को बार बार स्मरण करना चाहिये।
आज उपन्यास गलती का समापन कर दिया है। वैसे इसका समापन कल सुबह करने का विचार था। पर अचानक विचार बदल गया। फिर आज शाम को ही आखरी भाग लिख दिया।कल सुबह का भाग अब आराम करने में बीतेगा।
कई बार गलती किसी की नहीं होती अपितु परिस्थितियां मनुष्य को विभिन्न गलती करने पर मजबूर करती हैं। विभिन्न भगवद्भक्त, दानी, शूरवीर, धार्मिक, सत्यवादी लोगों के जीवन में भी ऐसे अनेकों पल आये हैं जिन्हें उनकी गलती कहा जा सकता है। सच्ची बात तो यही है कि कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं है जिसने कभी भी कोई गलती नहीं की हो। एक मनुष्य के एक कर्म को कुछ अच्छी बात कहते हैं तो कुछ गलती भी कहते हैं।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।