डायरी दिनांक २७/०४/२०२२
रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।
आज डायरी लिखने का विचार तो शाम का ही था। पर कतिपय कारणों से उस समय कुछ व्यवधान आ गया। जब घर पर कोई मिलने बाला आ जाये, उस समय तो मोवाइल को एक कौने में उठाकर रखना होता है। लगता है कि कभी कभी मोवाइल भी झुंझलाता होगा कि उसे जरा भी देर आराम नहीं करने देते। दिन भर तमाम व्हाट्सअप, मीटिंग और समय मिलते ही प्रतिलिपि पर पाठन। सुबह और शाम का लेखन। मशीन है तो क्या उसे आराम की जरूरत नहीं है।
कल अपनी डायरी में बहन आद्यशक्ति ने कहा था कि उनके मोवाइल का कीपेड सही तरह से काम नहीं कर रहा है। यह मोवाइल को जरा भी आराम न देने के कारण अक्सर होता है। ऐसी स्थिति में दो उपाय अत्यधिक कारगर होते हैं। पहला मोवाइल के कैच क्लीयर करना। और दूसरा मात्र पांच मिनट के लिये मोवाइल को ओफ कर देना और फिर ओन कर लेना। बहन आद्यशक्ति ने बताया कि मेरे बताये उपाय से उनकी समस्या का समाधान हो गया।
अपने सम्मान की रक्षा करना किसी भी व्यक्ति के झूठ बोलने के प्रमुख कारणों में से एक है। पर कभी कभी झूठ बोलने के बाद भी सम्मान बचता नहीं है। अंदर की बातें अलग अलग तरीकों से बाहर आ जाती हैं। कभी कभी तो यथार्थ स्थिति से भी बढ चढकर सामने आती हैं।
सांच को आंच नहीं की कहावत हर हाल में सही रहती है। सच बोलने बालों की बातों पर कुछ लोग तो विश्वास करते ही हैं।
एक महान व्यक्ति का कथन है कि जब लोग आपकी बुराई करने लगें तो इसका सीधा सा अर्थ है कि आप सफलता की राह पर बढ रहे हैं। समवेत स्वर से तारीफ तो किसी मृतक की ही की जाती है। किसी भी जीवित व्यक्ति के निर्णयों की कोई न कोई तो बुराई करता ही है।
विनम्रता वह विद्या है जो कि किसी भी तरह के पाठ्यक्रम में नहीं पढाई जाती। विनम्रता किसी भी व्यक्ति की उस योग्यता को व्यक्त करती है जो कि उसे पारंपरिक रूप में मिलती है।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।