shabd-logo

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२

19 अप्रैल 2022

27 बार देखा गया 27

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२

शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।

  जैसे जैसे गर्मी बढ रही है, ठंडी वस्तुओं की खपत बढ रही है। इस बार नीबू के दाम आसमान पर चढ़ रहे हैं। मजेदार बात है कि बाजार में हर वस्तु के दामों को यूक्रेन युद्ध से जोड़ा जा रहा है। जैसे कि रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध हथियारों के बजाय नीबू फेंक कर ही लड़ा जा रहा है। कुछ वस्तुओं के दामों में हो रही वृद्धि वास्तव में आश्चर्यजनक और कल्पनातीत है।

  निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाय।
  बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।।

  कवीरदास जी की बातों से असहमति का कोई प्रश्न ही नहीं है। वास्तव में मनुष्य को उसकी कमियां बताने बाला मिलना ही बड़ा कठिन है। जो मनुष्य हमारी कमियों की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करता है, वह निश्चित ही पूजनीय है।

  पर सत्य यह भी है कि आज के समय में अधिकांश निंदा सुधारात्मक उद्देश्य के लिये नहीं होती। आज निंदा का स्वरूप बहुत आगे बढ चुका है। जबकि सही गलत से बहुत आगे केवल निंदा ही उद्देश्य रह जाता है।

  आज किसी मनुष्य के कर्मों की या आचरण की निंदा नहीं होती है। आज निंदा का अर्थ है केवल विरोध व्यक्त करना। बिना सोचे और समझे बेबजह किसी के मान को नष्ट करना।

  मनुष्य जिन बातों से बहुतों के सम्मान का पात्र बनता है, वे ही बातें उसे निंदा का भी पात्र बना देती हैं। न जाने कितने लोग इस निंदा रूपी व्यापार में लग्न हैं। आज की राजनीति ही पूरी तरह निंदा पर आधारित है। जबकि दूसरे के हर कार्य की बुराई ही करनी है।

  माना जाता है कि सुशासन के लिये एक बेहतर विपक्ष की महती भूमिका होती है। शक्तिशाली विपक्ष का महत्व स्वीकार करना बहुत हद तक निंदक के अस्तित्व को महत्ता देना ही है।

  साबुन कार्वनिक वसीय अम्लों के सोडियम या पोटेशियम लवण होता है। इनमें से पोटेशियम लवण नहाने के लिये प्रयुक्त होता है। जबकि सोडियम लवण कपड़ा धोने के लिये प्रयोग किया जाता है। साबुन से सफाई का सिद्धांत बहुत हद तक कोशिकीय सिद्धांत पर आधारित है। पानी के साथ साबुन हल्के झाग रूप में बदलता है। जो कि शरीर के रोमछिद्रों अथवा कपड़े के वारीक छिद्रों के मध्य जाकर सफाई कर देता है। साबुन का इतिहास निश्चित ही कबीरदास जी से पुराना है।

  आज के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।

  

अन्य डायरी की किताबें

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया 👏👏👌🏻👌🏻

19 अप्रैल 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut badhiya likha aapne sir 👌

19 अप्रैल 2022

1

डायरी दिनांक ०२/०४/२०२२

2 अप्रैल 2022
6
2
0

<p dir="ltr">डायरी दिनांक <a href="tel:02042022">०२/०४/२०२२</a></p> <p dir="ltr">शाम के चार बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।</p> <p dir="ltr"> जीवन और अनिश्चितता एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे हैं। अ

2

डायरी दिनांक ०३/०४/२०२२

3 अप्रैल 2022
5
1
0

डायरी दिनांक ०३/०४/२०२२ - महर्षि याज्ञवल्क्य दोपहर के दस बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । कल अपनी डायरी में मैंने श्रीरामचरित मानस में वर्णित महर्षियों के विषय में लिखने के बारे में बताया था

3

डायरी दिनांक ०४/०४/२०२२

4 अप्रैल 2022
3
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">डायरी दिनांक <a href="tel:04042022">०४/०४/२०२२</a></p> <p dir="ltr">रात के आठ बजकर पचास मिनट हो रहे हैं ।</p> <p dir="ltr"> आज का दिन अति व्यस्तता भरा रहा । अचानक

4

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२

5 अप्रैल 2022
6
3
1

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२ शाम के सात बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । कल की तरह आज का दिन भी व्यस्तता भरा रहा। कुछ विभागीय समस्याएं पूरे दिन परेशान करती रहीं। जिनका कोई निदान नहीं मिला। कभी कभी

5

डायरी दिनांक ०६/०४/२०२२

6 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ०६/०४/२०२२ शाम के छह बजकर दस मिनट हो रहे हैं । अभी अप्रेल का आरंभ ही है। पर गर्मी कुछ ज्यादा ही हो गयी है। तापमान ४२ डिग्री के लगभग रह रहा है। आफिस में भी बहुत गर्मी रहती है।

6

डायरी दिनांक ०७/०४/२०२२

7 अप्रैल 2022
4
1
0

डायरी दिनांक ०७/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पैतीस मिनट हो रहे हैं । लगातार साथ रहने बाले पत्थर से भी मनुष्य को कुछ प्रेम हो जाता है। वह उस पत्थर को वहां से हटाना नहीं चाहता। उसकी आंखें हर रोज

7

डायरी दिनांक ०९/०४/२०२२

9 अप्रैल 2022
2
0
0

डायरी दिनांक ०९/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । आज दुर्गा अष्टमी है। आज के दिन हमारे घर पर उपवास रखा जाता है और नवमीं को कन्या पूजन किया जाता है। वैसे कुछ परिवारों में अष्टमी को

8

डायरी दिनांक १०/०४/२०२२

10 अप्रैल 2022
2
0
0

डायरी दिनांक १०/०४/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज नव रात्रि का आखरी दिन होने के साथ भगवान श्री राम का प्रादुर्भाव दिवस भी है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को द

9

डायरी दिनांक ११/०४/२०२२

11 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ११/०४/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । हर काम का सही समय होता है। समय से पहले कभी भी किसी को कुछ नहीं मिलता है। मार्च के महीने की डायरी बहु

10

डायरी दिनांक १२/०४/२०२२

12 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १२/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । निकृष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी निकृष्टता नहीं छोड़ सकता है। यदि कोई निकृष्ट व्यक्ति कुछ दिनों शांत रहे तब वह एक बड़े खेल की

11

डायरी दिनांक १३/०४/२०२२

13 अप्रैल 2022
2
1
1

डायरी दिनांक १३/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । आज अचानक ज्ञात हुआ कि कल और परसों लगातार दो दिनों का अवकाश है। दूरसंचार क्षेत्र में कार्य करने बालों के लिये दो दिनों का अवकाश मि

12

डायरी दिनांक १४/०४/२०२२

14 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १४/०४/२०२२ शाम के चार बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । आज छुट्टी का दिन लगभग गुजर गया और पता ही नहीं चला। वैसे आज के अवकाश के दो कारण हैं। एक तो आज महावीर जयंती है। दूसरा आज बाब

13

डायरी दिनांक १५/०४/२०२२

15 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १५/०४/२०२२ शाम के चार बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज गुड फ्राईडे का अवकाश था। पर मुझे अदालत जाना था। दिन में जरूरत से ज्यादा गर्मी थी। ऐसी गर्मी में बोतल में पानी बहुत जल्दी

14

डायरी दिनांक १६/०४/२०२२

16 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १६/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । आज हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। वैसे एक दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी का जन्म फागुन की पूर्णिमा को हुआ था। उस दिन

15

डायरी दिनांक १७/०४/२०२२

17 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १७/०४/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । मनुष्य जितना अधिक प्राकृतिक माहौल में रहता है, उतना ही स्वस्थ रहता है। आज भी गांव के लोग कम बीमार होते हैं। तथा बीमार हो जान

16

डायरी दिनांक १८/०४/२०२२

18 अप्रैल 2022
2
1
0

डायरी दिनांक १८/०४/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । एक पुराना नियम है - आत्मनः प्रतिकूलानि, परेशां न समाचरेत। जो बातें खुद के लिये उपयुक्त न हों, उन्हें दूसरों पर भी लागू नहीं क

17

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२

19 अप्रैल 2022
2
1
2

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । जैसे जैसे गर्मी बढ रही है, ठंडी वस्तुओं की खपत बढ रही है। इस बार नीबू के दाम आसमान पर चढ़ रहे हैं। मजेदार बात है कि बाजार में हर व

18

डायरी दिनांक २०/०४/२०२२

20 अप्रैल 2022
1
1
1

डायरी दिनांक २०/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कई बार मनुष्य कुछ कामों को करने में असहज महसूस करता है। स्थिति तब और ज्यादा भीषण बन जाती है जबकि वह कार्य अति आवश्यक हो। &

19

डायरी दिनांक २१/०४/२०२२

21 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २१/०४/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । जीवन के हर मोड़ पर कितनी ही कहानियाँ मिलती हैं। पर उन सभी कहानियों को शव्दों में उतार पाना बहुत आसान नहीं है। पौराणिक पृष्

20

डायरी दिनांक २२/०४/२०२२

22 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २२/०४/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं। कल रात मौसम ज्यादा ठंडा हो गया। चादर ओढनी पढी। लग रहा था कि कहीं बारिश हुई है। हालांकि कहीं भी बारिश होने का अनुमान गलत निकला। साथ ही साथ दिन में ब

21

डायरी दिनांक २४/०४/२०२२

24 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २४/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । वर्तमान मकान में कुछ समस्याएं हैं। पर उससे भी बड़ी समस्या मकान मालिक के परिजनों का आपसी मतभेद है। मकान अंटी जी का है

22

डायरी दिनांक २५/०४/२०२२

25 अप्रैल 2022
1
1
1

डायरी दिनांक २५/०४/२०२२ रात के नौ बज रहे हैं। आज मैनपुरी तारीख पर गया। अत्यधिक गर्मी और अदालत की कार्रवाई में देरी से बहुत ज्यादा थकान हो गयी। खुद दो बोतल पानी लेकर गया था जो कि अदालत में

23

डायरी दिनांक २६/०४/२०२२

26 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २६/०४/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं। अप्रेल का महीना समाप्त होने जा रहा है। इसी के साथ सीरीज लेखन पूरा करने का टार्गेट समय पास आता जा रहा है। वैसे पूरी उम्मीद है कि धारावाहिक तय समय स

24

डायरी दिनांक २७/०४/२०२२

27 अप्रैल 2022
2
2
1

डायरी दिनांक २७/०४/२०२२ रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज डायरी लिखने का विचार तो शाम का ही था। पर कतिपय कारणों से उस समय कुछ व्यवधान आ गया। जब घर पर कोई मिलने बाला आ जाये, उस समय

25

डायरी दिनांक २८/०४/२०२२

28 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २८/०४/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। कभी कभी बहुत छोटी छोटी लगती बातें बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। छोटी छोटी बातों से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो जाती है। आज इसका खुद अनुभव किया। हु

26

डायरी दिनांक २९/०४/२०२२

29 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २९/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । जो नवीन मकान तलाश किया है, उसके गृहस्वामी जी ने संदेश दिया कि मकान की पैंटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। फिर थोड़ी ही देर में

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए