shabd-logo

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२

5 अप्रैल 2022

58 बार देखा गया 58

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२


शाम के सात बजकर पांच मिनट हो रहे हैं ।


  कल की तरह आज का दिन भी व्यस्तता भरा रहा। कुछ विभागीय समस्याएं पूरे दिन परेशान करती रहीं। जिनका कोई निदान नहीं मिला। कभी कभी समस्याएं कुछ ज्यादा ही जिद्दी हो जाती हैं। उन्हें पुचकारकर जितना भी शांत करने का प्रयास करो, उतना ही ज्यादा सर उठाती हैं। फिर कभी कभी नजरंदाज करना भी आवश्यक हो जाता है। बहुत सी समस्याएं स्वतः ही शांत होती हैं।


  श्री रामचरित मानस में वर्णित चौथे महर्षि वशिष्ठ हैं। महर्षि वशिष्ठ न केवल सप्तर्षियों में एक हैं, भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं तथा साथ ही साथ इक्ष्वाकु वंश के कुलपुरोहित भी थे। महर्षि वशिष्ठ का उल्लेख श्री रामचरित मानस के बालकांड, अयोध्या कांड, लंका कांड और उत्तर कांड में है।


  श्री रामचरित चरित मानस के बाल कांड में महर्षि वशिष्ठ को महाराज दशरथ का गुरु बताया है। उनकी पत्नी का नाम अरुंधती था। उन्हीं की सलाह पर महर्षि श्रृंगी ने पुत्रेष्ठि यज्ञ किया और भगवान श्री राम अपने तीनों भाइयों के साथ अवतरित हुए। महर्षि वशिष्ठ ने चारों भाइयों का नामकरण उनके भविष्य के गुणों को देखकर किया। महर्षि वशिष्ठ ने ही भगवान श्री राम और उनके भाइयों को शस्त्र और शास्त्रों की शिक्षा दी। हालांकि बाद में भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी को महर्षि विश्वामित्र जी ने भी अनोखे शस्त्रों की शिक्षा दी थी। भगवान श्री राम की बरात में महर्षि वशिष्ठ के रथ को सबसे पहले तैयार कर आगे रखा गया था। माता कैकेयी द्वारा वर मांगने के समय उत्पन्न परिस्थितियों में महर्षि वशिष्ठ राजपरिवार के साथ रहे। महाराज दशरथ के निधन के बाद उन्होंने ही महाराज के शव को सुरक्षित किया था। भरत के साथ महर्षि वशिष्ठ भी चित्रकूट आये थे। रावण का वध कर जब भगवान श्री राम अयोध्या वापस आये तब उन्होंने सबसे पहले महर्षि वशिष्ठ का ही अभिवादन किया था। महर्षि वशिष्ठ ने ही भगवान श्री राम का राज्याभिषेक किया था।


  श्री रामचरित मानस के उत्तर कांड में महर्षि वशिष्ठ और भगवान श्री राम के मध्य संवाद भक्त और भगवान के रूप में पहली बार वर्णित है। महर्षि वशिष्ठ भगवान श्री राम की स्तुति करते समय कहते हैं कि जब भगवान ब्रह्मा ने उन्हें रघुकुल का पुरोहित बनने को कहा था तो महर्षि वशिष्ठ ने पुरोहित के कार्य को निंदित कार्य बताकर अस्वीकार कर दिया था। फिर भगवान ब्रह्मा ने उन्हें बताया कि इस कुल में खुद भगवान अवतरित होंगें। इसीलिये उन्होंने रघुकुल का पुरोहित बनना स्वीकार किया।


  महर्षि वशिष्ठ की अन्य कथाएं जिनका श्री राम चरित मानस में उल्लेख नहीं है -


(१) साधन की आरंभिक अवस्था में सभी में कुछ कमियां होती हैं। एक कथा के अनुसार महर्षि वशिष्ठ के अकारण क्रोध का उल्लेख है। जबकि वह इक्ष्वाकु वंश के साथ साथ मिथिला के राजाओं और इंद्र के भी पुरोहित थे( बाद में इंद्र ने बृहस्पति को तथा मिथिला नरेशों ने महर्षि गौतम को अपना पुरोहित बनाया। महर्षि गौतम के बाद महर्षि गौतम के पुत्र शतानंद मिथिला के पुरोहित बने) । एक बार उन्हें मिथिला नरेश महाराज निमि ने यज्ञ करने का निमंत्रण दिया। उसी समय इंद्र का निमंत्रण भी उन्हें यज्ञ कराने के लिये मिला। महर्षि वशिष्ठ महाराज निमि को इंतजार करने को कहकर इंद्र का यज्ञ कराने चले गये। दूसरी तरफ महाराज निमि ने विचार किया कि अच्छे कार्यों में देर नहीं करना चाहिये। तथा दूसरे पुरोहितों से यज्ञ पूर्ण करा लिया। इस बात से महर्षि वशिष्ठ को इतना क्रोध आया कि उन्होंने महाराज निमि को श्राप देकर ही नष्ट कर दिया। फिर उनकी कृपा से ही महाराज निमि को लोगों के पलकों पर स्थान भी दिया।


(२) महर्षि वशिष्ठ ने संध्या नामक युवती को धर्म की शिक्षा दी। बताया जाता है कि वही संध्या अगले जन्म में माता अरुंधती बनीं।


(३) महर्षि वशिष्ठ ने साधन करते हुए खुद को सभी विकारों से ऊपर उठा लिया। जरा सी बात पर महाराज निमि पर क्रोध करने बाले महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध को पूरी तरह जीत लिया। माता कामधेनु की पुत्री नंदिनी उनके आश्रम में धेनु के रूप में रहने लगीं। माता नंदिनी की कृपा से महर्षि के आश्रम में कोई भी कमी नहीं थी।


(४) नंदिनी धेनु प्राप्त न कर पाने के कारण क्रोध में शक्तिशाली राजा विश्वामित्र ने महर्षि वशिष्ठ के सभी सौ पुत्रों को मार दिया। फिर भी वह क्रोध पर विजय पाते रहे। विश्वामित्र जो कि वास्तव में उनके शत्रु थे, उन्हीं की कृपा से ब्रह्मर्षि बन पाये।


(५) महर्षि के सौ पुत्रों में शक्ति बहुत विद्वान, संयमी, ज्ञानी और महर्षि को अति प्रिय थे। शक्ति की पत्नी भी एक विदुषी महिला थीं जिससे महर्षि खुद की पुत्री की भांति स्नेह करते थे। महर्षि वशिष्ठ के पुत्र शक्ति का वध भी विश्वामित्र जी के हाथों ही हुआ। कहीं कहीं ऐसा भी उल्लेख है कि विश्वामित्र जी द्वारा भेजे किसी अन्य राजा के हाथों हुआ।


(६) महर्षि वशिष्ठ ने ही देवसभा में कहा था कि एक बार धर्म भी धर्म से डिग जायें पर अयोध्या के राजा हरिश्चंद्र कभी भी धर्म से नहीं डिगेंगें। फिर महर्षि विश्वामित्र ने राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा ली थी।

  अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।


अन्य डायरी की किताबें

Diya Jethwani

Diya Jethwani

जय श्री राम..

5 अप्रैल 2022

1

डायरी दिनांक ०२/०४/२०२२

2 अप्रैल 2022
6
2
0

<p dir="ltr">डायरी दिनांक <a href="tel:02042022">०२/०४/२०२२</a></p> <p dir="ltr">शाम के चार बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।</p> <p dir="ltr"> जीवन और अनिश्चितता एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे हैं। अ

2

डायरी दिनांक ०३/०४/२०२२

3 अप्रैल 2022
5
1
0

डायरी दिनांक ०३/०४/२०२२ - महर्षि याज्ञवल्क्य दोपहर के दस बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । कल अपनी डायरी में मैंने श्रीरामचरित मानस में वर्णित महर्षियों के विषय में लिखने के बारे में बताया था

3

डायरी दिनांक ०४/०४/२०२२

4 अप्रैल 2022
3
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">डायरी दिनांक <a href="tel:04042022">०४/०४/२०२२</a></p> <p dir="ltr">रात के आठ बजकर पचास मिनट हो रहे हैं ।</p> <p dir="ltr"> आज का दिन अति व्यस्तता भरा रहा । अचानक

4

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२

5 अप्रैल 2022
6
3
1

डायरी दिनांक ०५/०४/२०२२ शाम के सात बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । कल की तरह आज का दिन भी व्यस्तता भरा रहा। कुछ विभागीय समस्याएं पूरे दिन परेशान करती रहीं। जिनका कोई निदान नहीं मिला। कभी कभी

5

डायरी दिनांक ०६/०४/२०२२

6 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ०६/०४/२०२२ शाम के छह बजकर दस मिनट हो रहे हैं । अभी अप्रेल का आरंभ ही है। पर गर्मी कुछ ज्यादा ही हो गयी है। तापमान ४२ डिग्री के लगभग रह रहा है। आफिस में भी बहुत गर्मी रहती है।

6

डायरी दिनांक ०७/०४/२०२२

7 अप्रैल 2022
4
1
0

डायरी दिनांक ०७/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पैतीस मिनट हो रहे हैं । लगातार साथ रहने बाले पत्थर से भी मनुष्य को कुछ प्रेम हो जाता है। वह उस पत्थर को वहां से हटाना नहीं चाहता। उसकी आंखें हर रोज

7

डायरी दिनांक ०९/०४/२०२२

9 अप्रैल 2022
2
0
0

डायरी दिनांक ०९/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । आज दुर्गा अष्टमी है। आज के दिन हमारे घर पर उपवास रखा जाता है और नवमीं को कन्या पूजन किया जाता है। वैसे कुछ परिवारों में अष्टमी को

8

डायरी दिनांक १०/०४/२०२२

10 अप्रैल 2022
2
0
0

डायरी दिनांक १०/०४/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज नव रात्रि का आखरी दिन होने के साथ भगवान श्री राम का प्रादुर्भाव दिवस भी है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को द

9

डायरी दिनांक ११/०४/२०२२

11 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ११/०४/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । हर काम का सही समय होता है। समय से पहले कभी भी किसी को कुछ नहीं मिलता है। मार्च के महीने की डायरी बहु

10

डायरी दिनांक १२/०४/२०२२

12 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १२/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । निकृष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी निकृष्टता नहीं छोड़ सकता है। यदि कोई निकृष्ट व्यक्ति कुछ दिनों शांत रहे तब वह एक बड़े खेल की

11

डायरी दिनांक १३/०४/२०२२

13 अप्रैल 2022
2
1
1

डायरी दिनांक १३/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । आज अचानक ज्ञात हुआ कि कल और परसों लगातार दो दिनों का अवकाश है। दूरसंचार क्षेत्र में कार्य करने बालों के लिये दो दिनों का अवकाश मि

12

डायरी दिनांक १४/०४/२०२२

14 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १४/०४/२०२२ शाम के चार बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । आज छुट्टी का दिन लगभग गुजर गया और पता ही नहीं चला। वैसे आज के अवकाश के दो कारण हैं। एक तो आज महावीर जयंती है। दूसरा आज बाब

13

डायरी दिनांक १५/०४/२०२२

15 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १५/०४/२०२२ शाम के चार बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज गुड फ्राईडे का अवकाश था। पर मुझे अदालत जाना था। दिन में जरूरत से ज्यादा गर्मी थी। ऐसी गर्मी में बोतल में पानी बहुत जल्दी

14

डायरी दिनांक १६/०४/२०२२

16 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १६/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । आज हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। वैसे एक दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी का जन्म फागुन की पूर्णिमा को हुआ था। उस दिन

15

डायरी दिनांक १७/०४/२०२२

17 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १७/०४/२०२२ दोपहर के तीन बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । मनुष्य जितना अधिक प्राकृतिक माहौल में रहता है, उतना ही स्वस्थ रहता है। आज भी गांव के लोग कम बीमार होते हैं। तथा बीमार हो जान

16

डायरी दिनांक १८/०४/२०२२

18 अप्रैल 2022
2
1
0

डायरी दिनांक १८/०४/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । एक पुराना नियम है - आत्मनः प्रतिकूलानि, परेशां न समाचरेत। जो बातें खुद के लिये उपयुक्त न हों, उन्हें दूसरों पर भी लागू नहीं क

17

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२

19 अप्रैल 2022
2
1
2

डायरी दिनांक १९/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । जैसे जैसे गर्मी बढ रही है, ठंडी वस्तुओं की खपत बढ रही है। इस बार नीबू के दाम आसमान पर चढ़ रहे हैं। मजेदार बात है कि बाजार में हर व

18

डायरी दिनांक २०/०४/२०२२

20 अप्रैल 2022
1
1
1

डायरी दिनांक २०/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कई बार मनुष्य कुछ कामों को करने में असहज महसूस करता है। स्थिति तब और ज्यादा भीषण बन जाती है जबकि वह कार्य अति आवश्यक हो। &

19

डायरी दिनांक २१/०४/२०२२

21 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २१/०४/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । जीवन के हर मोड़ पर कितनी ही कहानियाँ मिलती हैं। पर उन सभी कहानियों को शव्दों में उतार पाना बहुत आसान नहीं है। पौराणिक पृष्

20

डायरी दिनांक २२/०४/२०२२

22 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २२/०४/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं। कल रात मौसम ज्यादा ठंडा हो गया। चादर ओढनी पढी। लग रहा था कि कहीं बारिश हुई है। हालांकि कहीं भी बारिश होने का अनुमान गलत निकला। साथ ही साथ दिन में ब

21

डायरी दिनांक २४/०४/२०२२

24 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २४/०४/२०२२ शाम के पांच बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । वर्तमान मकान में कुछ समस्याएं हैं। पर उससे भी बड़ी समस्या मकान मालिक के परिजनों का आपसी मतभेद है। मकान अंटी जी का है

22

डायरी दिनांक २५/०४/२०२२

25 अप्रैल 2022
1
1
1

डायरी दिनांक २५/०४/२०२२ रात के नौ बज रहे हैं। आज मैनपुरी तारीख पर गया। अत्यधिक गर्मी और अदालत की कार्रवाई में देरी से बहुत ज्यादा थकान हो गयी। खुद दो बोतल पानी लेकर गया था जो कि अदालत में

23

डायरी दिनांक २६/०४/२०२२

26 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २६/०४/२०२२ शाम के छह बज रहे हैं। अप्रेल का महीना समाप्त होने जा रहा है। इसी के साथ सीरीज लेखन पूरा करने का टार्गेट समय पास आता जा रहा है। वैसे पूरी उम्मीद है कि धारावाहिक तय समय स

24

डायरी दिनांक २७/०४/२०२२

27 अप्रैल 2022
2
2
1

डायरी दिनांक २७/०४/२०२२ रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज डायरी लिखने का विचार तो शाम का ही था। पर कतिपय कारणों से उस समय कुछ व्यवधान आ गया। जब घर पर कोई मिलने बाला आ जाये, उस समय

25

डायरी दिनांक २८/०४/२०२२

28 अप्रैल 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २८/०४/२०२२ रात के आठ बज रहे हैं। कभी कभी बहुत छोटी छोटी लगती बातें बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। छोटी छोटी बातों से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो जाती है। आज इसका खुद अनुभव किया। हु

26

डायरी दिनांक २९/०४/२०२२

29 अप्रैल 2022
1
0
0

डायरी दिनांक २९/०४/२०२२ शाम के छह बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । जो नवीन मकान तलाश किया है, उसके गृहस्वामी जी ने संदेश दिया कि मकान की पैंटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। फिर थोड़ी ही देर में

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए