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धार्मिक

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1. जिसके घर में कुत्ता होता है उसके यहाँ देवता हविष्य (भोजन) ग्रहण नहीं करते ।2. यदि कुत्ता घर में हो और किसी का देहांत हो जाए तो देवताओं तक पहुँचने वाली वस्तुएं देवता स्वीकार नहीं करते, अत: यह मुक्ति

ब्रह्मा, विष्णु और महेश का पिता कौनस्त्रोत - शिवपुराणब्रह्मा, विष्णु और महेश के संबंध में हिन्दू मानस पटल पर भ्रम की स्थिति है। वे उनको ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मानते हैं, लेकिन क्या यह सच है? क्य

माघ शुक्ल की तिथी पंचमी श्री पंचमी या बसंत पंचमी ज्ञान की देवी सुर की जननी प्रकटी जगत में हुई पीत अवनी अज्ञानता हरले, हे वीणा वादिनी तन में नव सुधा भरदे, हे हंसिनी तिमिर हरले ज्ञान प्रकाशिनी विद्या

तुंगभद्रा तटे पूर्वम् भूत्पत्तनमुत्तमम्। यत्र वर्णा: स्वधर्मेण सत्य सत्कर्मतत्परा:॥एक ब्राह्मण थे आत्मदेव। जो तुंगभद्रा नदी के तट पर रहते थे। ये बड़े ज्ञानी थे। ये समस्त वेदों के विशेषज्ञ और श्रौत

दिनाँक : 14.11.2021
समय   : दोपहर 3 बजे

प्रिय सखी,

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 करवाचौथ व्रत  

हम सभी परिचित हैं कि भारत के उत्तरी और पश्चिमी अंचलों में कार्ति

गजानन गौरी नंदन  

करूं मैं वंदनst

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⚔️🏹⚔️🏹⚔️🏹⚔️🏹⚔️कुरुक्षेत्र में एक मेधावी तरुण अश्व पर आयामहाभारत के प्रथम दिवस का छाया सायाबालक वह भीम- हिडम्बा पुत्र,धटोत्कच पुत्र थाबरबरिक बालक की परिक्षा लेना पुर्वनिश्चित थावृक्ष तले खड़े हो कर कृष्ण बालक से बोलेबाण से वृक्ष के पत्ते बींधदो योद्धा हम बोलेंछलिया कृष्ण टूटे पत्ते को पैरों तले द

अन्तर्यात्रा का रहस्यविजय कुमार तिवारीकर सको तो प्रेम करो।यही एक मार्ग है जिससे हमारा संसार भी सुव्यवस्थित होता है और परमार्थ भी।संसार के सारे झमेले रहेंगे।हमें स्वयं उससे निकलने का तरीका खोजना होगा।किसी का दिल हम भी दुखाये होंगे और कोई हमारा।हम तब उतना सावधान नहीं होते जब हम किसी के दुखी होने का का

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सनातन धर्म, भारतीय इतिहास और इसके विरुद्ध साजिशें : आज आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन के लिए ब्रिटिश इतिहासकारों को श्रेय दिया जाता है - जबकी वास्तविकता में ये बेहद निरंकुश और बर्बर प्रविर्ति के थे जिन्होंने इस उपमहाद्वीप में पाए गए हर उस चीज़ का नाश किया जो इसके गौरवशाली अतीत का प्रतिक था।आज भारत के बा

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राजकुमार सिद्धार्थ गौतम अब से ढाई हजार साल पहले अपना परिवार और महल छोड़ कर जंगलों की ओर सत्य की खोज में निकल पड़े थे. उनकी उम्र उस वक़्त 29 वर्ष की थी. उस समय के ज्ञान ी साधुओं, सन्यासियों और विचारकों से मिले,

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