तेरे बहिष्कार का आगाज़ भारत की जनता व सरकार दोनों ने कर दिया है रे पापी चीन, अब तेरा क्या होगा कालिया.......धाँय धाँय धाँय.......
"दोहा"
उतर गया तू नजर से, औने बौने चीन।
फेंक दिया भारत तुझे, जैसे खाली टीन।।
नजर नहीं तेरी सही, घटिया तेरा माल।
सुन ले ड्रेगन कान से, बिगड़ी तेरी चाल।।
सुन पाक बिलबिला रहा, अब बारी नेपाल।
चीन तिरे सिर पर चढ़ा, महाकाल का काल।।
महा कमीना तू हुआ, झूठा तेरा प्यार।
चीन चलाकी से कहाँ, चलता है बाजार।।
चुल्लू भर पानी तुझे, क्यों देगा तालाब।
भरना भी मुश्किल हुआ, चीन न तुझमें आब।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी