"कुंडलिया"
मधुवन में हैं गोपियाँ, गोकुल वाले श्याम।
रास रचाने के लिए, है बरसाने ग्राम।।
है बरसाने ग्राम, नाम राधिका कुमारी।
डाल कदम की डाल, झूलती झूला प्यारी।।
कह गौतम कविराय, बजा दो वंशी उपवन।
गोवर्धन गिरिराज, आज फिर आओ मधुवन।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी