एक -तमाशादुनिया एक तमाशा हैये आशा और निराशा हैरंगीन खूब है लेकिनकोई गाढ़ा कोई हल्कादुनिया एक तमाशा हैफूल तो यहा
जिन्दगी को पतंग न बनने दोजिन्दगी को पतंग न बनने दो ,डोर किसी और को थमानी पडेगी।खुले आसमान में उड़ाने की ख़्वाहिश,किसी और के दिल में जगानी पड़ेगी।।होंगे हजारों काटने को बेताब ,खेल बनकर रह जाएगी जिन्दगी।एक
छोटी- ज़िन्दगीछोटी सी है ज़िन्दगीइसमें कोई नया मिल जाता हैफिर कुछ सुरु होता हैहोते होते ये क्या होता हैकी कोई&nb
स्वभावमेरा स्वभाव मेरी किताबों से पूछोदिल दर्द मेरा किताबों से पूछोहाल बेहाल मेरा कविता से पूछोपूछो जरा दर्द क्या होता हैजानो जरा बेहाल क्या होता हैसोचो जरा लगाव क्या होता हैजिसने किया नहीं मोहब्बत मे
रुक्खरुक्ख मोड़ लेती है ये ज़िंदगीमुख मोड़ लेती है ये ज़िन्दगीतभी हर कोई सिख लेता है ज़िंदगोदर दर पर बदलती&nbs
आंखे मेरीखुली है आंखे मेरीआईना तलाश न करमेरे भी शिवा कोई आशना तलाश न करसितारे तोड़ने हो तो बुलंदियां तय करजमी पर जाने वफ़ा आशमा तलाश न करकही पड़ न जाए तेरा खुद वजूद खतरे मेंमुझे जलने को तू बिजलियाँ
मजदूर मेहनत कश मजदूरों से सिखोंत्याग तपस्या से धन अर्जन करनासबसे ज्यादा मेहनत करने पर भीपेट भर रोटी न मिल पानाअपने दिन पर रो रहे हैपूछो इनसे इनका कारणमजदूरों के ही सहारेखड़ी है दुनिया इनके बल सेअप
गुजारिशन शिकवा न गुजारिशखुदा से है अरमान ,मेरी कस्ती क्यों जलीजला क्यों मेरे अरमानजल रहा जवानी की आग मेंपर&nbs
कभी घर भी भरा रहता था और मन भी आज तो घर और मन दोनों ही खाली हैं किसी के पास दो पल की फुरसत नहीं आज हर आदमी फिरता यहां सवाली है ममता का सागर उफनता था जहां कभी उस मां का दिल रीती
शोख अदाओं के खंजर से कैसे दिल को संभाला है न जाने क्या सोचकर इश्क का रोग दिल ने पाला है जबसे चखा है इन तीखे नयनों का खारा सा नमक तेरी कसम गले से उतरता नहीं कोई भी निवाला है न ज
जीवन की हूं उस राह पर जहांछोड़ना आसान नहीं और पाना तुम्हें नामुमकिन सासुनो ... गर मैं कहूंके साथ ये बस यहीं तक था प्रियअब फिर मिलेंगे हम कभीजहां है नूर तारों का बिखरता प्रियसुनो गर मैं कहूं कीसाथ
जीना सीखाज़िन्दगी हर किसी को जीना सीखा देती हैकोई मरहम लगाकर जीना सिख लेता हैकोई मरकर ज़िन्दगी जीना सिख लेता&nbs
ज़िन्दगी है या मजाकक्या लिख दू ऐ ज़िन्दगीऐ ज़िन्दगी या मजाक हैक्या लिख दू मै इस कलमकी स्याही से या अपने खून
स्त्री दर्द बहुत सभाले है मैंनेसोचा था बड़े होकर कुछ बन कर दिखाउंगीदिन रात एक करके कुछ दुनिया में नाम
नशीबन रुक्ख बदलते है न मौसम बदलते हैजाने क्यों लोग ही बदल जाते हैपर हा मुझे याद् है इस ज़िन्दगी मेंसु
जरा देख केजरा देख के चलों यारों ,भीड़ बहुत है दुनिया मेंजरा संभल कर चलो यारों,फिसलकर गिर न जाओ कहीकुछ मिल
जीना हैकाँटों पर चलकर हमें ज़िन्दगी जीना हैशायद हर लम्हे हर पल मुझे हमेशा याद् आते हैज़िन्दगी का ये पूरा पि
गुरुगुरु कृपा एक रूप है ऐसीजिसमे झूमे जग सारागुरु बिन ज्ञान न हो शिक्षागुरु एक नाम है ऐसाजिसमे गुथे जिसमे
नशीबन रुक्ख बदलते है न मौसम बदलते हैजाने क्यों लोग ही बदल जाते हैपर हा मुझे याद् है इस ज़िन्दगी मेंसु